Thursday, April 17, 2025
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पैगंबर मोहम्मद के नाम पर काटा था टीचर का सर: एक लड़की सहित 6 स्टूडेंट दोषी करार… लेकिन एक भी नहीं जाएगा जेल

फ्रांस कोर्ट ने 3 साल तक इस केस में जाँच पड़ताल के बाद इन छह किशोरों को दोषी करार दिया। इनमें फर्जी जानकारी फैलाने वाली लड़की तो शामिल है ही, साथ में वो छात्र भी हैं जिन्होंने हमलावरों को सैमुअल पैटी की पहचान कराई थी। अदालत ने इन्हें दोषी मानते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी लेकिन फिर कहा कि इनमें से किसी को जेल नहीं जाना होगा।

साल 2020 में एक झूठे ईशनिंदा के मामले में पेरिस के टीचर सैमुअल पैटी का दिनदहाड़े सिर कलम करके हत्या की गई थ। अब उसी मामले में फ्रांस कोर्ट ने 6 किशोरों को दोषी माना है। इनमें एक वो नाबालिग लड़की भी शामिल है जिसने इस्लामी कट्टरपंथियों के बीच यह अफवाह फैलाई थी कि सैमुअल पैटी ने पैगंबर मोहम्मद का अपमान किया।

फ्रांस कोर्ट ने 3 साल तक इस केस में जाँच पड़ताल के बाद इन छह किशोरों को दोषी करार दिया। इनमें फर्जी जानकारी फैलाने वाली लड़की तो शामिल है ही, साथ में वो छात्र भी हैं जिन्होंने हमलावरों को सैमुअल पैटी की पहचान कराई थी। घटना के वक्त ये सब 14-15 साल के थे, तो अदालत ने इन्हें दोषी मानते हुए 2 साल की सजा सुनाई, लेकिन फिर ये भी बताया कि इनमें से किसी को जेल नहीं जाना होगा। खबरों में कहा गया है कि शायद सजा को बदल दिया गया है या सस्पेंड कर दिया गया है।

गौरतलब है कि पेरिस में अक्टूबर 16, 2020 को पैगंबर मोहम्मद के नाम पर सैम्युल पैटी नामक शिक्षक की हत्या की गई थी। उनकी हत्या के बाद उस स्कूल को भी धमकी मिली थी, जहाँ वह पढ़ाया करते थे।

इस्लामी कट्टरपंथियों ने स्कूल में लिखा था “तुम सभी मारे जाओगे। सैमुअल पैटी.. अल्लाहु अकबर”। इसके अलावा सैमुअल के पिता को भी धमकाया गया था कि जिस तरह सैमुअल को मारा है उन्हें भी मारा जाएगा।

कट्टरपंथियों ने इस कृत्य को ईशनिंदा की सजा के नाम पर जायज ठहराने की कोशिश की थी। मगर हकीकत में सैमुअल ने पैगंबर मोहम्मद का अपमान किया ही नहीं था। इस संबंध में खबर घटना के एक साल बाद आई थी।

7 मार्च 2021 को 13 साल की उस लड़की ने इस बात को स्वीकार किया था कि उसने अपने अब्बा के गुस्से से बचने के लिए अपने शिक्षक पर तोहमत लगाई थी जबकि हकीकत यह थी कि वह उस दिन क्लास में ही नहीं थी। फ्रांसीसी अखबर Le Parisien में बताया गया था कि लड़की ने न्यायाधीश के सामने घटना को लेकर कहा कि उसने अपने अब्बा से झूठ बोला था कि उसे क्लास से बाहर भेजा गया जबकि वास्तविकता में वह उस दिन कक्षा में भी मौजूद नहीं थी।

दरअसल, बच्ची नहीं चाहती थी कि उसके घर में ये बात पता चले कि उसे क्लास में अनुपस्थित होने के कारण निलंबित कर दिया गया था। इसलिए उसने अपने टीचर को लेकर कहानी गढ़ी। लड़की ने अपने अब्बा को बताया कि पैटी ने मुस्लिम छात्रों को कक्षा छोड़ कर जाने को कहा क्योंकि वह एक पाठ पढ़ाते हुए शार्ली एब्दो न्यूजपेपर में छपे पैगंबर मोहम्मद के व्यंगात्मक चित्र को दिखा रहे थे।

लड़की के कोर्ट में दिए इस बयान के बाद स्पष्ट हुआ था कि कैसे इस्लामी कट्टरपंथियों ने एक मौका पाते ही एक टीचर को मौत के घाट उतारा। इस पूरे हमले में उस बच्ची का अब्बू भी शामिल था जिसने झूठी जानकारी फैलाई थी। कोर्ट में अभियोजन पक्ष का ये भी दावा है कि दोनों के बीच सीधा संपर्क था। हत्यारे ने पैटी को मारने से पूर्व लड़की के पिता को एक मैसेज किया था कि वह पैटी को किचन वाले चाकू से मारने वाला है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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