इस्लामी राष्ट्र सऊदी अरब ने रमजान माह के दौरान मस्जिदों के अंदर इफ्तार आयोजित करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। सऊदी अरब सरकार ने कहा है कि कोई भी इमाम मस्जिद के भीतर इफ्तार आयोजित नहीं करेगा। इसके साथ ही इफ्तार के लिए चन्दा लेने पर भी रोक लगाई गई है।
सऊदी अरब सरकार के इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने हाल ही में एक आदेश जारी करके आगामी रमजान महीने के लिए निर्देश जारी किए हैं। सऊदी अरब की सारी मस्जिदों का नियंत्रण इसी मंत्रालय के पास है। मंत्रालय ने कहा है कि रोजा खत्म होने के बाद शाम को आयोजित किए जाने वाले इफ्तार से मस्जिदों की साफ़ सफाई पर फर्क पड़ता है, मस्जिदों को साफ़ रखने के लिए इन इफ्तारों को यहाँ नहीं बल्कि अन्य स्थानों पर आयोजित किया जाए। इफ्तार आयोजित करने के बाद तुरंत इस स्थान की सफाई करवा दी जाए।
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— Ministry of Islamic Affairs 🇸🇦 (@Saudi_MoiaEN) February 20, 2024
The #Ministry_of_Islamic_Affairs, Dawah and Guidance issues a number of instructions related to mosques during the blessed month of #Ramadan 1445 AH. pic.twitter.com/bbyWZLeOwl
मंत्रालय ने कहा है इन मस्जिदों में इफ्तार आयोजित करने के लिए यहाँ के इमाम किसी भी प्रकार का चन्दा ना इकट्ठा करें। मंत्रालय ने यह भी आदेश दिया है कि मस्जिदों के अंदर लगे कैमरे से अजान कर रहे मुस्लिमों और इमाम की रिकॉर्डिंग ना की जाए, ना ही उनका फोटो खींचा जाए। इसका प्रसारण भी अन्य किसी मीडिया माध्यम से ना हो। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि मस्जिदों के भीतर भिखारियों को भीख माँगने से भी रोका जाए। मंत्रालय ने पिछले वर्ष भी ऐसे ही आदेश जारी किए थे।
गौरतलब है कि आगामी 11 मार्च से रमजान का महीना चालू हो रहा है जिसमें मुस्लिम रोजा रखते हैं। इस दौरान मुस्लिम भोर में खाते पीते हैं और फिर शाम में इफ्तार करते हैं। दिन में वह कुछ नहीं खाते। इसके अलावा रोजे के दौरान और भी कुछ नियम मानने होते हैं।
सऊदी अरब से ही इस्लाम की शुरुआत हुई थी। हालाँकि, बीते कुछ समय से यहाँ काफी बड़े बदलाव हो रहे हैं। सऊदी के वर्तमान प्रधानमंत्री और क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान बड़े बदलाव कर रहे हैं। वह ऐसे कई नियम खत्म कर रहे हैं जो कि आधुनिक सोच से मेल नहीं खाते। इसमें महिलाओं को गाड़ी चलाने की अनुमति देने जैसे निर्णय शामिल हैं।