Wednesday, October 9, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयमस्जिदों के अंदर इफ्तार पार्टी नहीं, इमाम नहीं ले सकेंगे चन्दा; अजान की रिकॉर्डिंग...

मस्जिदों के अंदर इफ्तार पार्टी नहीं, इमाम नहीं ले सकेंगे चन्दा; अजान की रिकॉर्डिंग पर भी रोक: रमजान के लिए सऊदी अरब ने बनाए नए नियम

सऊदी अरब सरकार के इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने हाल ही में एक आदेश जारी करके आगामी रमजान महीने के लिए निर्देश जारी किए हैं। सऊदी अरब की सारी मस्जिदों का नियंत्रण इसी मंत्रालय के पास है।

इस्लामी राष्ट्र सऊदी अरब ने रमजान माह के दौरान मस्जिदों के अंदर इफ्तार आयोजित करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। सऊदी अरब सरकार ने कहा है कि कोई भी इमाम मस्जिद के भीतर इफ्तार आयोजित नहीं करेगा। इसके साथ ही इफ्तार के लिए चन्दा लेने पर भी रोक लगाई गई है।

सऊदी अरब सरकार के इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने हाल ही में एक आदेश जारी करके आगामी रमजान महीने के लिए निर्देश जारी किए हैं। सऊदी अरब की सारी मस्जिदों का नियंत्रण इसी मंत्रालय के पास है। मंत्रालय ने कहा है कि रोजा खत्म होने के बाद शाम को आयोजित किए जाने वाले इफ्तार से मस्जिदों की साफ़ सफाई पर फर्क पड़ता है, मस्जिदों को साफ़ रखने के लिए इन इफ्तारों को यहाँ नहीं बल्कि अन्य स्थानों पर आयोजित किया जाए। इफ्तार आयोजित करने के बाद तुरंत इस स्थान की सफाई करवा दी जाए।

मंत्रालय ने कहा है इन मस्जिदों में इफ्तार आयोजित करने के लिए यहाँ के इमाम किसी भी प्रकार का चन्दा ना इकट्ठा करें। मंत्रालय ने यह भी आदेश दिया है कि मस्जिदों के अंदर लगे कैमरे से अजान कर रहे मुस्लिमों और इमाम की रिकॉर्डिंग ना की जाए, ना ही उनका फोटो खींचा जाए। इसका प्रसारण भी अन्य किसी मीडिया माध्यम से ना हो। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि मस्जिदों के भीतर भिखारियों को भीख माँगने से भी रोका जाए। मंत्रालय ने पिछले वर्ष भी ऐसे ही आदेश जारी किए थे।

गौरतलब है कि आगामी 11 मार्च से रमजान का महीना चालू हो रहा है जिसमें मुस्लिम रोजा रखते हैं। इस दौरान मुस्लिम भोर में खाते पीते हैं और फिर शाम में इफ्तार करते हैं। दिन में वह कुछ नहीं खाते। इसके अलावा रोजे के दौरान और भी कुछ नियम मानने होते हैं।

सऊदी अरब से ही इस्लाम की शुरुआत हुई थी। हालाँकि, बीते कुछ समय से यहाँ काफी बड़े बदलाव हो रहे हैं। सऊदी के वर्तमान प्रधानमंत्री और क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान बड़े बदलाव कर रहे हैं। वह ऐसे कई नियम खत्म कर रहे हैं जो कि आधुनिक सोच से मेल नहीं खाते। इसमें महिलाओं को गाड़ी चलाने की अनुमति देने जैसे निर्णय शामिल हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिस सरकारी अस्पताल में काम करते हैं जब्बार खान-मुशीर अहमद, वहाँ ‘जैविक जिहाद’ की कर रहे थे तैयारी: डॉक्टर यशवीर के खाने में TB...

जब्बार खान और मुशीर अहमद टीबी के किसी मरीज का बलगम डॉ यशवीर के खाने में मिलाने की साजिश लम्बे समय से रच रहे थे।

RG Kar अस्पताल के 50 सीनियर डॉक्टर ने एक साथ दिया इस्तीफा, आमरण अनशन पर जूनियर डॉक्टर्स: जानिए वजह, यहीं हुआ था रेप-मर्डर

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 50 वरिष्ठ डॉक्टरों ने जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में सामूहिक इस्तीफा दे दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -