Thursday, November 7, 2024
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जिन्होंने श्रीलंका को बनाया वर्ल्ड चैंपियन, उनके लिए भारत ही अब गेमचेंजर: अपनी सरकार पर बरसे, संकटमोचक बने PM मोदी के हुए मुरीद

"देश के लोग कई महीनों से इस स्थिति से गुजर रहे हैं। इस तरह वे जीवित नहीं रह सकते और विरोध करना शुरू कर दिया है। गैस की किल्लत है और घंटों बिजली की आपूर्ति नहीं है।"

श्रीलंका (Sri Lanka) इस समय अपने इतिहास के सबसे बुरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इस मुश्किल घड़ी में भारत अपने पड़ोसी देश की हरसंभव मदद कर रहा है। इसको लेकर श्रीलंका को विश्व चैंपियन बनाने वाले क्रिकेटरों ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने अपने देश की सरकार पर सवाल खड़े करते हुए भारत से मदद की उम्मीद जताई है।

श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और विस्फोटक बल्लेबाज रहे सनथ जयसूर्या (Sanath Jayasuriya) ने अपने देश के मौजूदा हालात को लेकर चिंता जाहिर करते हुए इस स्थिति को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया है। पूर्व क्रिकेटर ने भारत को अपना बड़ा भाई बताया है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी और बड़े भाई के रूप में भारत ने हमेशा हमारी मदद की है। हम भारत सरकार और पीएम मोदी के आभारी हैं। हमारे लिए, मौजूदा परिदृश्य के कारण जीवित रहना आसान नहीं है। हम भारत और अन्य देशों की मदद से इससे बाहर निकलने की उम्मीद करते हैं। समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए जयसूर्या ने कहा, “देश के लोग कई महीनों से इस स्थिति से गुजर रहे हैं। इस तरह वे जीवित नहीं रह सकते और विरोध करना शुरू कर दिया है। गैस की किल्लत है और घंटों बिजली की आपूर्ति नहीं है।”

इससे पहले श्रीलंका को 1996 में विश्च चैंपियन बनाने वाले कप्तान अर्जुन राणातुंगा (Arjun Ranatunga) ने अपने देश के मौजूदा हालात को लेकर राय रखते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी। 58 साल के पूर्व पर्यटन और उड्डयन मंत्री अर्जुन राणातुंगा ने हाल ही में यूनाइटेड नेशनल पार्टी से इस्तीफा भी दिया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाफना इंटरनेशनल एयरपोर्ट को शुरू करने में हमारी मदद की थी। भारत का फोकस सिर्फ पैसे देने पर नहीं, बल्कि हमारी जरूरतों को समझने पर भी है। इसी वजह से भारत हमें पेट्रोल-दवाई जैसी चीजों की मदद पहुँचा रहा है, जिसकी कमी हमें आगे आने वाले समय में हो सकती है।

राणातुंगा को भी इस मुश्किल वक्त में सिर्फ भारत और पीएम मोदी से ही उम्मीद है। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “श्रीलंका की इस सरकार ने अपने फायदे के लिए पूरे संविधान को बदल डाला। भारत हमारा बड़ा भाई है। वो हमारी काफी मदद कर रहा है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा, “विरोध-प्रदर्शनों में हमारे देश के आम लोग सिर्फ दूध पाउडर, गैस, चावल, पेट्रोल जैसी बुनियादी चीजें माँग रहे हैं। मैं हिंसा से बिलकुल सहमत नहीं हूँ। देश पिछले दो साल में एक बड़े संकट में घिर गया है। वे कोरोना का बहाना बना सकते हैं, लेकिन दुनिया भी तो इससे गुजरी है। राणातुंगा ने भारत द्वारा पहुँचाई जा रही मदद को लेकर कहा, “भारत इस संकट के दौर में काफी मददगार रहा है। जब मैं मंत्री था, उस वक्त भी भारत ने श्रीलंका की काफी मदद की थी, लेकिन आप यहाँ की सरकार पर बिल्कुल भरोसा नहीं कर सकते हैं।”

श्रीलंका के पूर्व कप्तान ने आगे कहा कि मेरी सबसे बड़ी चिंता है कि यहाँ पर किसी तरह का खून-खराबा नहीं होना चाहिए, श्रीलंका की मौजूदा सरकार में कुछ लोग ऐसे हैं जो समाज में बँटवारा करवाना चाहते हैं। इससे पहले श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर महेला जयवर्धने, कुमार संगकारा के अलावा भानुका राजपक्षे, दशुन जैसे मौजूदा श्रीलंकाई क्रिकेटर भी अपने देश की सरकार पर सवाल खड़े कर चुके हैं।

बता दें कि भारत की ओर से श्रीलंका को खाद्यान्न की मदद भेजी गई, ताकि वहाँ लोगों की रोटी मिल सके। वहीं, चीन ने मुसीबत के वक्‍त श्रीलंका से मुँह फेर लिया है। वह कर्ज की शर्तों में कोई उसे कोई भी छूट देने को तैयार नहीं। इसके उलट, पिछले कुछ सालों से श्रीलंका ने जिस भारत से दूरियाँ बढ़ाई, उसने मदद भेजी है। भारत श्रीलंका को 40,000 टन चावल की सप्लाई कर रहा है। रॉयटर्स के मुताबिक, भारत से क्रेडिट लाइन मिलने के बाद ये श्रीलंका को भेजी जानी वाली अपनी तरह की पहली खाद्यान्न मदद है। भारत की ओर से श्रीलंका को ये सहायता ऐसे समय में मिली है, जब पूरे देश में आपातकाल लगा हुआ था। श्रीलंका में विदेशी मुद्रा भंडार में बीते दो साल में 70% से ज्यादा की गिरावट आई है। इस वजह से उसे अपनी जरूरत की अनिवार्य वस्तुओं का आयात करने में भी दिक्कत आ रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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