चीन में एक ऐसे गैंग का भंडाफोड़ हुआ है जो श्मशान से लाश चुरा कर बेचता था। इस गैंग ने 4000 से अधिक लाशों की तस्करी कर ली थी। इन लाशों की तस्करी अंगों के लिए होती थी। मामले में चीन की एजेंसियों ने 75 लोगों को आरोपित बनाया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन के शांक्सी प्रांत की पुलिस वर्तमान में ऐसे मामले की जाँच कर रही है। पुलिस को ऐसे गैंग के बारे में पता चला है जो मृत लोगों के शरीर को श्मशान और मेडिकल लैब से चुरा कर बेच देता था। यह लाशें शांक्सी ओस्टेराइड बायोमेडिकल और हेन्गपू टेक्नोलॉजी नाम की कम्पनियों को बेचीं गई।
लाशें बेचने का यह सिलसिला 2015-23 के बीच चला और इससे लाशें बेचने वाले गैंग ने कम से कम ₹75 करोड़ बनाए। यह धंधा चीन के सात राज्यों में चल रहा था और यहाँ से लाशों की तस्करी हो रही थी। जिन लाशों की तस्करी हुई, उनमें से हड्डियाँ निकाली गईं, उनको क्षत विक्षत किया गया। कई लाशें बचा कर रख ली गईं थी।
इस मामले में जिन 75 लोगों को आरोपित बनाया गया है, उनमें श्मशान का प्रबन्धन करने वाले अधिकारी, डॉक्टर और कम्पनी के अधिकारी शमिल हैं। इस रिपोर्ट के बाद चीन के लोगों में काफी गुस्सा है। टीवी पर कुछ देर यह रिपोर्ट दिखाए जाने के बाद हटा ली गई।
बताया गया है कि इन लाशों की हड्डियों ने उन लोगों को इलाज होता था जिनको गंभीर चोट आई हों और जिनकी हड्डियों में गहरी चोट हो। इसके लिए दूसरे व्यक्ति की हड्डी से ऊतक लिए जाते हैं और उससे इलाज होता है। सामान्यतः अंगदान करने वाले की अनुमति ली जाती है।
लेकिन इस मामले में लाशों की हड्डियों के साथ खिलवाड़ हुआ। बताया गया है कि इन लाशों को दफनाने के लिए श्मशान वालों ने शुल्क भी वसूला था लेकिन उसके बाद भी यह बदसलूकी हुई। कई मामलों उन लाशों के साथ ऐसा हुआ, जिनकी अस्थियाँ घर वाले अपने साथ नहीं ले जाना चाहते थे। लावारिस लाशों को भी बेचा गया।
चीन की एक मेडिकल यूनिवर्सिटी के कर्मचारी ने 400 से अधिक लाशें तीन श्मशान से खरीदीं। उसने यह लाशें लगभग ₹11,000 में खरीदीं और दस गुने दामों पर अस्पतालों को बेच दी। एक डॉक्टर ने एक लाश के लिए ₹2.5 लाख तक लिए। पूरे मामले का खुलासा होने के बाद चीन की एजेंसियाँ अब जाँच और कार्रवाई में जुटी हैं।