Monday, December 23, 2024
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रूस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगाया प्रतिबंध, Twitter, Facebook और Youtube ने रूसी कंपनियों की कमाई को किया सीमित

इन विरोधों को देखते हुए रूस की मीडिया नियामक विभाग ने एक आदेश जारी कर कहा था कि किसी भी मीडिया हाउस द्वारा कहा गया था कि रूस की कार्रवाई के लिए युद्ध, हमला या घुसपैठ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने पर पत्रकार को सजा के साथ-साथ मीडिया हाउस को बंद किया जा सकता है।

यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच रूस ने सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाने की पहल की है। रूस ने अपने यहाँ ट्विटर (Twitter) को ब्लॉक कर दिया है, जबकि फेसबुक (Facebook) पर भी प्रतिबंध की बात कही जा रही है। वहीं, यूट्यूब ने रूस की सरकारी मीडिया संस्थानों को वीडियो विज्ञापन से मिलने वाले धनराशि पर रोक लगा दी है। साथ ही ट्विटर ने रूस और यूक्रेन में अपने विज्ञापनों को सीमित कर दिया है।

अंतर्राष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बताया है कि YouTube ने शनिवार (26 फरवरी) को RT सहित रूस के सरकारी मीडिया संस्थानों के वीडियो के साथ चलने वाले विज्ञापनों से मिलने वाले पैसों पर रोक लगा दी है। यूक्रेन पर रूस द्वारा हमले को लेकर फेसबुक पहले ही ऐसा प्रतिबंध लगा चुका है।

उधर रूस ने अमेरिकी सोशल मीडिया साइट ट्विटर को अपने देश में ब्लॉक कर दिया है। रूस में लोगों के लिए अब ट्विटर का प्रयोग करना आसान नहीं होगा। वहीं, फेसबुक पर भी उसने प्रतिबंध लगाए हैं। यह कदम रूस विरोधी कंटेंट को प्रमोट करने को लेकर उठाया है। बता दें कि रूस में ही यूक्रेन पर हमले का कुछ लोगों एवं समूहों द्वारा विरोध किया जा रहा है।

ट्विटर ने शनिवार को एक ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी दी। ट्विटर का कहना है “हमें जानकारी मिली है कि रूस में कुछ लोगों के लिए ट्विटर को प्रतिबंधित किया जा रहा है। हम हमारी सेवा को सुरक्षित और सुलभ रखने के लिए काम कर रहे हैं।” एक अन्य ट्वीट में ट्विटर ने कहा, “हमारा मानना है कि लोगों के पास इंटरनेट की मुफ्त और खुली पहुँच होनी चाहिए, जो किसी संकट के समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है।”

वहीं, इंटरनेट कनेक्टिविटी पर नजर रखने वाली संस्था नेटब्लॉक्स का कहना है कि शनिवार को रूस में ट्विटर लगातार डाउन होता रहा। नेटब्लॉक्स ने इसके डेटा को लेकर भी एक ट्वीट भी किया।

बता दें कि यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस का विरोध अपने ही देश में अपने ही नागरिकों द्वारा किया जा रहा है। विरोध प्रदर्शनों को लेकर रूस में अब तक करीब 1700 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, रूस के विपक्षी नेता अलेक्सी नवलनी राष्ट्रपति पुतिन के इस कदम की लगातार आलोचना कर रहे हैं।

इन विरोधों को देखते हुए रूस की मीडिया नियामक विभाग ने एक आदेश जारी कर कहा था कि किसी भी मीडिया हाउस द्वारा कहा गया था कि रूस की कार्रवाई के लिए युद्ध, हमला या घुसपैठ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने पर पत्रकार को सजा के साथ-साथ मीडिया हाउस को बंद किया जा सकता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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