Friday, November 15, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'अलग है हिन्दुओं का चिह्न और हिटलर का नाजी हुक्ड क्रॉस': ट्विटर के नए...

‘अलग है हिन्दुओं का चिह्न और हिटलर का नाजी हुक्ड क्रॉस’: ट्विटर के नए नियम में स्वस्तिक को घृणा से जोड़ा, लोगों ने एलन मस्क से की बदलाव की माँग

जैसे-जैसे आपके नियम सामने आ रहे हैं, कृपया इसमें बदलाव करने का विचार करें और हिंदू धर्म की आस्था के प्रतीक "स्वस्तिक" को घृणित नाज़ी 'हेकेनक्रेज' या 'हूक्ड क्रॉस' से अलग करने का विचार करें।

पूरी दुनिया में हिंदूफोबिया बढ़ता जा रहा है। खासतौर से पश्चिमी देशों में हिंदुओं के खिलाफ नफरत और हिंसा एक अलग रूप में नजर आ रही है। इस नफरत में हिंदुओ के प्रतीक चिह्नों को देखकर टारगेट करना अब आम हो गया है। हाल ही में माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने अपने नियमों में बदलाव किया है। इसमें हिंदुओं के पवित्र चिह्न स्वस्तिक को ‘नाजी स्वस्तिक’ बताते हुए नफरती चिह्न कहा गया है। इस पर लोग ट्विटर को ईसाइयों के ‘हुक्ड क्रॉस’ से स्वास्तिक को अलग बताते हुए इसे हटाने की माँग कर रहे हैं।

दरअसल, एलन मस्क के ट्विटर खरीदने के बाद से इसमें कई बदलाव हुए हैं। इसमें सोमवार (7 नवंबर, 2022) को ट्विटर ने अपने नियमों में भी बदलाव किया है। इस बदलाव में ‘नफरती प्रतीकों’ के अंतर्गत ‘नाजी स्वास्तिक’ लिखा गया है।

ट्विटर के इस नए नियम पर अमेरिका में हिंदुओं के लिए आवाज उठाने वाली संस्था ‘हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन’ ने ट्वीट कर कहा, “ट्विटर को सुरक्षित बनाने के आपके प्रयासों के लिए धन्यवाद। जैसे-जैसे आपके नियम सामने आ रहे हैं, कृपया इसमें बदलाव करने का विचार करें और हिंदू धर्म की आस्था के प्रतीक “स्वस्तिक” को घृणित नाज़ी ‘हेकेनक्रेज’ या ‘हूक्ड क्रॉस’ से अलग करने का विचार करें।” इस ट्वीट के साथ ही उन्होंने एक यूआरएल भी दिया है। इसमें पवित्र स्वास्तिक के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है।

वहीं, Yann Meridex नामक ट्विटर यूजर ने कहा है, “क्या आपकी टीम हिंदू हिंदू प्रतीक स्वास्तिक को हकेंक्रूस से बदल सकती है, जो हिंदूफोबिक परिभाषा के पहले हिटलर की पुस्तक ‘Mein Kampf’ में नाजियों का प्रतीक था? हिन्दू स्वस्तिक का नाज़ीवाद से कोई सम्बन्ध नहीं है।”

दरअसल, विदेशों में रहने वाले हिंदू और हिंदू संगठन लगातार वहाँ के अधिकारियों और सरकार को बताते रहे हैं कि नाजियों के हुक्ड क्रॉस और हिंदुओं के स्वस्तिक में भारी अंतर है। इस अंतर को समझते हुए हुक्ड क्रॉस को स्वस्तिक से ना जोड़ा जाए और ना ही उसे स्वस्तिक कहा जाए। इसके बावजूद हिंदू विरोधी लोग और संस्थान, हिंदुओं के इस प्रतीक का इस्तेमाल कर उनके खिलाफ हिंसा के लिए स्थानीय लोगों को लगातार उकसा रहे हैं।

अमेरिका के राज्यों और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने इस अंतर को समझते हुए इसके लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश भी दिए हैं। पिछले महीने 23 अगस्त को अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया ने इसको लेकर एक कानून भी पारित किया है। कैलिफोर्निया राज्य की सीनेट ने सर्वसम्मति से एक विधेयक AB2282 पारित किया।

इस विधेयक में नाजी हेकेनक्रेज़ (जर्मन में हुक्ड क्रॉस) के प्रदर्शन को अपराध बनाया गया है। इसके साथ ही इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह स्वस्तिक जैसा दिखता है, लेकिन यह बिल हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म से जुड़े स्वस्तिक के प्रदर्शन को अपराधीकरण नहीं करता। इसका मतलब स्पष्ट है कि कैलिफोर्निया की सीनेट मानती है कि हिंसा को प्रतीक बना हुक्ड क्रॉस हिंदुओं के स्वस्तिक से अलग है।

वहीं, ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स संसद (NSW Parliament) ने हेक्रेनक्रेज के प्रदर्शन को अपराध घोषित किया, लेकिन स्वस्तिक को उससे अलग रखा। इसी तरह का बिल ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया और क्वींसलैंड में पास किया गया। यहाँ भी सरकारों ने हिंदुओं के माँग को ध्यान में रखते हुए नाजी हेकेनक्रेज और स्वस्तिक से अलग माना।

हिटलर ने अपनी आत्मकथा या अपने भाषणों में हेकेनक्रेज को स्वस्तिक कभी नहीं बताया है। इसके बावजूद भी इस हिंसक नाजी प्रतीक को हिंदुओं के पवित्र प्रतीक स्वस्तिक से जोड़ने का प्रयास किया जाता है। जब नाजी सिंबल का कहीं पर प्रदर्शन होता है, उसे स्वस्तिक बता देते हैं।

ब्रिटिश स्कॉलर मैक्स मुलर ने भी ‘स्वस्तिक’ को भारतीय शब्द बताते हुए इसके प्रयोग पर आपत्ति जताई थी। वो ये नहीं चाहते था कि दुनिया ये मानें कि इस क्रॉस की उत्पत्ति भारत में हुई है। असल में हिटलर बचपन में अकेले में चर्च में गायिकी का आनंद लेता था और साथ ही पादरी भी बनना चाहता था। वो एक मोनेस्टरी है, जहाँ ऐसे ही चिह्न थे। यही चिह्न नाजी ‘Hakenkreuz’ की प्रेरणा बना। चैनल ने इसे 20वीं शादी का ऐसा विश्वासघात बताया है, जिसमें मोहरे सिर्फ एक ही तरफ से चले जा रहे थे।

बता दें, इसी साल फरवरी में कनाडा के सांसद चंद्र आर्य ने वहाँ के पार्लियामेंट में आवाज़ उठाते हुए अपील की थी कि नाजियों के निशान ‘हकेनक्रेज’ की तुलना हिन्दू ‘स्वस्तिक’ से नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने संसद में स्पीकर को सम्बोधित करते हुए कहा था कि कई धर्मों/मजहबों को मानने वाले 10 लाख कनाडा के नागरिकों, खासकर हिन्दू-कनाडियन समुदाय की तरफ से वो ये बात रख रहे हैं। उन्होंने खुद को भी एक हिन्दू-कनाडियन बताया। उन्होंने समझाया कि स्वस्तिक होता क्या है।

कनाडाई सांसद ने कहा, “मैं संसद के सभी सदस्यों से आग्रह करता हूँ कि वो हिन्दुओं के धार्मिक और पवित्र चिह्न स्वस्तिक और नाजियों के घृणा भरे निशान, जिसे जर्मनी में ‘Hakenkreuz (हकेनक्रेज)’ और अंग्रेजी में ‘Hooked Cross’ कहा जाता है – इन दोनों के बीच के अंतर को समझें। प्राचीन भारतीय भाषा संस्कृत में स्वस्तिक का अर्थ होता है – जो अच्छा सौभाग्य लेकर आए और कल्याण करे। ये एक प्राचीन और काफी पवित्र प्रतीक चिह्न है।”

उन्होंने संसद में कहा कि आज भी हिन्दू इसका प्रयोग करते हैं और हमारे हिन्दू मंदिरों, शुभ कार्यक्रमों (धार्मिक एवं सांस्कृतिक), घर में घुसने वाले दरवाजों एवं हमारे दैनिक जीवन में भी ‘स्वस्तिक’ चिह्न का उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा, “कृपया नाजियों के निशान को ‘स्वस्तिक’ कहना बंद कीजिए।” चंद्र आर्य ने स्पष्ट किया कि हम नाजी प्रतीक ‘हकेनक्रेज’/हुक्ड क्रॉस पर प्रतिबंध का स्वागत करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसे ‘स्वस्तिक’ बताने का अर्थ है हिन्दुओं के धार्मिक अधिकारों को छीनना।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -