चीन में उइगरों पर किए जा रहे अत्याचार की झलकियाँ एक-एक कर दुनिया के सामने आ रही हैं। वहाँ के डिटेंशन सेंटरों में 20 लाख उइगरों को क़ैद कर के रखा गया है। वहीं उइगर महिलाओं को राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाने के लिए चीनी अधिकारी उनके घर में रहते हैं और एक बिस्तर पर सोते हैं। अब ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने चीन सरकार के कुछ आंतरिक दस्तावेज लीक किए हैं, जिनमें कई चौंकाने वाली जानकारियाँ निकल कर सामने आई हैं। 403 पेज के इन डॉक्यूमेंट्स से पता चला है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से लेकर स्थानीय अधिकारियों तक, उइगरों को प्रताड़ित करने में सभी की सहमति शामिल है।
इन डॉक्यूमेंट्स से पता चला है कि आतंकवाद पर रोकथाम की आड़ में उइगरों को प्रताड़ित किया जा रहा है। उइगरों को कहा जाता है कि वो कम्युनिस्ट पार्टी के एहसान तले दबे हुए हैं और किसी भी प्रकार से आवाज़ उठाने पर उन्हें नतीजे भुगतने होंगे। इसकी शुरुआत अप्रैल 2014 में ही हो गई थी, जब इस्लामिक आतंकियों ने शिनजियांग में 150 लोगों को लूटा था और 31 को मार डाला था। इसके बाद शी जिनपिंग ने सभी अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए तानाशाही रवैया अपनाएँ और किसी पर भी दया न करें।
अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाया जा रहा है। दुनिया भर में कई आतंकी वारदात की ख़बरें आ रही हैं। चीन की इन सब पर कड़ी नज़र है। इसीलिए वो इस्लामिक आतंकवाद को हर मोर्चे पर ख़त्म करने में लगा हुआ है। शी जिनपिंग ने अधिकारियों को बताया कि भले ही शिनजियांग में तेज़ी से प्रगति हो रही है और लोगों के जीवन-स्तर में सुधार हो रहा है, लेकिन इसके साथ ही क्षेत्र में कट्टरता भी पाँव पसार रही है। शी जिनपिंग ने कहा कि एक बार अगर कोई व्यक्ति इस्लामिक कट्टरता के आगोश में आ जाता है तो वो अपना होश खो बैठता है, भले ही वो पुरुष हो या स्त्री। जिनपिंग मानते हैं कि ऐसे लोग पालक झपकते किसी की हत्या कर सकते हैं। शी जिनपिंग के अनुसार, विकास सभी समस्याओं का समाधान नहीं है।
The documents — one of the most significant leaks from inside China’s Communist Party in decades — reveal secret speeches by President Xi Jinping laying the groundwork for a crackdown that put a million or more Muslim minorities into camps. “Show absolutely no mercy,” he said. pic.twitter.com/JkBUiii64R
— The New York Times (@nytimes) November 16, 2019
शी जिनपिंग ने निष्कर्ष निकाला कि आर्थिक प्रगति तेज़ होने का मतलब ये नहीं है कि कट्टरता और आतंकवाद में अपनेआप कमी आ जाएगी। उनकी धारणा है कि इस्लामिक कट्टरवाद एक ड्रग की तरह है। शेन कांगो को शिनजियांग क्षेत्र में कम्युनिस्ट पार्टी का मुखिया बनाया गया है। उन्होंने अधिकारियों के बीच शी जिनपिंग के इस भाषण की सीडी बाँटी। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि जहाँ से जिसकी भी धर-पकड़ करने की ज़रूरत है, इसमें हिचकने वाली कोई बात नहीं है।
कुछ स्थानीय अधिकारी ऐसे भी थे, जिन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी की इस नीति का विरोध किया। उन्हें डर था कि इससे स्थानीय बाशिंदों की परंपरा और संस्कृति पूरी तरह ख़त्म हो जाएगी। ऐसे अधिकारियों को तुरंत निकाल बाहर किया गया। स्कूलों में उइगर छात्रों को भी ‘अच्छी तरह व्यवहार करने’ को कहा जा रहा है। उन्हें कहा जाता है कि ये उनके आचार-विचार पर निर्भर है कि उनके रिश्तेदारों व परिजनों को प्रताड़ना कैम्पों से कब रिहा किया जाएगा? उइगरों में जो छात्र पढ़ने में अच्छे होते हैं, उन्हें चीन के अन्य हिस्सों में स्थित यूनिवर्सिटी या कॉलेजों में दाखिल कराया जाता है ताकि वे आगे चल कर कम्युनिस्ट पार्टी के वफादार बने रहें।
In private, Chinese leaders displayed a fixation with radical Islam that went beyond their public remarks. The documents show they worried about terrorist attacks abroad, and President Xi urged officials to study Americans’ response to the Sept. 11 attacks. pic.twitter.com/FS2YqAvLwk
— The New York Times (@nytimes) November 16, 2019
छात्रों को समझाया जाता है कि उन्हें सोशल मीडिया पर अफवाह नहीं फैलाना है। उन्हें बताया जाता है कि उन्हें और उनके परिजनों को देश के प्रति वफादार रहना है। चीन के अधिकारी कहते हैं कि इन छात्रों के भीतर से ‘कट्टर इस्लामी वायरस’ को निकालने के लिए ऐसा किया जा रहा है। चीन के शीर्ष नेतृत्व को लगता है कि ब्रिटेन या अन्य यूरोपीय देशों में हुए आतंकी हमलों को उन्हें एक चेतावनी की तरह लेना चाहिए। इसीलिए, शिनजियांग में कोई भी अधिकारी क्रैकडाउन में किसी भी प्रकार की नरमी बरतता है तो उसे निकाल बाहर किया जाता है। अब तक ऐसे सैकड़ों अधिकारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है।
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