अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन के करीबी कहे जाने वाले एरिक गार्सेटी (Eric Garcetti) भारत में अमेरिका के राजदूत होंगे। गार्सेटी ने भारत में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू होने की खिलाफ की थी। उनकी नियुक्ति को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) से सवाल पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा है कि उन्हें भारत आने दीजिए उन्हें, प्यार से समझा देंगे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में आमंत्रित किया गया था। इस कार्यक्रम में बात करते हुए उनसे नागरिकता संशोधन कानून को लेकर एरिक गार्सेटी के बयान पर सवाल पूछा गया था। इसके जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि नागरिकता के लिए दुनिया के अलग-अलग देशों में अलग-अलग मानदंड हैं। यदि यूरोप को देखा जाए तो वहाँ जर्मनी के लोगों को आसानी से नागरिकता मिल जाती है।
एस जयशंकर ने यह भी कहा है कि अगर कोई पाकिस्तान में रहने वाला हिंदू है और वहाँ उसका उत्पीड़न किया गया है। ऐसी स्थिति में वह भारत ही आएगा और कहाँ जाएगा? यह एक ऐसी सच्चाई है, जिसे हर कोई जानता है। उन्होंने आगे कहा है कि एरिक गार्सेटी को यहाँ आने दीजिए उन्हें, प्यार से समझा देंगे।
बता दें कि साल 2021 में गार्सेटी ने अमेरिकी संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि यदि उन्हें भारत में राजदूत नियुक्त किया जाता है तो वह वह नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कथित मानवाधिकारों के मुद्दों को उठाएँगे।
जो बायडेन के वफादार गार्सेटी…
एरिक गार्सेटी को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन का बेहद करीबी और वफादार माना जाता है। साल 2013 में लॉस एंजिल्स के मेयर चुने गए थे। इसके बाद लगातार 9 साल तक वह मेयर रहे। लॉस एंजिल्स को 2028 के ओलंपिक शहर के रूप में चुने जाने में भी उनकी अहम भूमिका मानी जाती है। उनके ऊपर यौन उत्पीड़न के आरोपित पर सही तरीके से कार्रवाई न करने तथा मेयर रहते हुए भ्रष्टाचार करने का आरोप लग चुका है।
विदेश मंत्री की चीन को खरी-खरी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत और चीन के मौजूदा संबंधों को लेकर भी बात की। उन्होंने माना है कि दोनों देशों के बीच आपसी संबंध चुनौतीपूर्ण स्थिति में हैं। उन्होंने चीन को फटकार लगाते हुए कहा है कि समझौतों का उल्लंघन करके कोई यह नहीं दिखा सकता कि सब कुछ सामान्य है। पहले जो समझौते हुए, उनका चीन ने उल्लंघन किया। भारत साफ कर चुका है कि किसी भी प्रकार के समझौतों का उल्लंघन नहीं नहीं सहा जाएगा।