अमेरिका ने भारत की 105 प्राचीन कलाकृतियों को वापस लौटा दिया। अमेरिका के इस फैसले को पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा की सफलता के रूप में देखा जा रहा है। ये सभी कलाकृतियाँ भारत से चोरी या तस्करी कर अमेरिका ले जाई गई थीं। भारत की धरोहरों को वापस करने के लिए सोमवार (17 जुलाई, 2023) को न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा है कि जिन प्राचीन कलाकृतियों को भारत भेजा जा रहा है, वे केवल कला नहीं बल्कि भारत की विरासत, संस्कृति और धर्म का हिस्सा हैं। जब यह खोई हुई विरासत घर लौटेगी, तो इसका बहुत ही भावुकता के साथ स्वागत किया जाएगा। इन धरोहरों को जल्द ही भारत ले जाया जाएगा।
The antiquities will soon be transported to India. The 105 artifacts represent a wide geographical spread in terms of their origin in India. Around 50 artifacts relate to religious subjects (Hinduism, Jainism and Islam) and the rest are of cultural significance: Consulate General… pic.twitter.com/NjPx7ctra7
— The Times Of India (@timesofindia) July 17, 2023
भारत की प्राचीन धरोहरों को वापस करने को लेकर जारी की गई एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सभी 105 कलाकृतियाँ पूरे भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन कलाकृतियों में 47 पूर्वी भारत से हैं। वहीं, 27 दक्षिण भारत से, 22 मध्य भारत से, 6 उत्तर भारत से और 3 पश्चिमी भारत से हैं। दूसरी-तीसरी शताब्दी से लेकर 18वीं-19वीं शताब्दी तक की ये कलाकृतियाँ टेराकोटा, पत्थर, धातु और लड़की से बनी हुई हैं। इनमें से 50 कलाकृतियाँ धर्म से जुड़ी हुई हैं। वहीं शेष अन्य भारत के सांस्कृतिक मूल्यों का बखान करती हैं।
#WATCH | US Ambassador to India Eric Garcetti, says "We've been working as an embassy in the US govt on returning the art that needs to be in India. This has often come from India sometimes it's been stolen and illegally sold. Whether it's the District Attorney's office here or… pic.twitter.com/FQVROKCTt6
— ANI (@ANI) July 17, 2023
वहीं इन मूर्तियों को भारत लौटने को लेकर भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा है, “हम भारत की कला संग्रह को लौटाने की दिशा में काम कर रहे हैं। भारत से कई बार चोरी होकर या फिर अवैध तरीके तस्करी कर कलाकृतियाँ बेची जाती हैं। यह बिल्कुल सही समय है। इन्हें भारत वापस जाने की जरूरत है। यह सांस्कृतिक समझौता के तहत भी हो रहा है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति बायडेन ने राजकीय यात्रा के दौरान घोषणा की थी। हम आने वाले महीनों में इस पर पूरी बातचीत पूरी करने जा रहे हैं। ताकि यह सिर्फ एक साल की दोस्ती बनकर न रह जाए। बल्कि हमारी दोस्ती और रिश्ते का स्थायी हिस्सा बन जाए।”
मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी कार्यालय के चीफ ऑफ स्टाफ जॉर्डन स्टॉकडेल ने कहा है कि एक दशक से अधिक समय से एजेंसी ने होमलैंड सिक्योरिटी के साथ मिलकर दुनिया भर से कलाकृतियों को अवैध रूप से लूटने और बेचने के लिए तस्कर सुभाष कपूर और उसके सह-साजिशकर्ताओं की जाँच की है। साल 2022 में अमेरिका ने 300 से अधिक प्राचीन कलाकृतियाँ भारत वापस भेजीं थीं। इसके बाद भी यहाँ भी 1400 से अधिक बरामद कलाकृतियाँ बरामद हुई हैं।
"भारत की 100 से ज़्यादा पुरानी मूर्तियां चोरी हुई थी उसे लौटाने का फै़सला अमेरिका ने ले लिया है"
— News24 (@news24tvchannel) June 24, 2023
◆ वाशिंगटन डीसी में PM मोदी का बयान @narendramodi | #ModiInAmerica | #PMModiUSVisit pic.twitter.com/KMrGLMyINB
गौरतलब है कि गत माह अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने सांस्कृतिक संपत्तियों की वापसी में मदद करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडन को धन्यवाद दिया था। उन्होंने कहा था कि भारत से चोरी हुई 100 से अधिक कलाकृतियाँ अमेरिका भारत को सौंप रहा है। बता दें कि PM मोदी की साल 2016 की अमेरिकी यात्रा के दौरान अमेरिका ने भारत को 16 प्राचीन कलाकृतियाँ सौंपी थीं। इसके बाद साल 2021 में अमेरिका ने 157 वस्तुएँ भारत को दी थीं।