Wednesday, May 1, 2024
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‘ये सिर्फ कला नहीं भारत की संस्कृति और धर्म का हिस्सा’: अमेरिका ने लौटाई 105 प्राचीन कलाकृतियाँ, PM मोदी के दौरे का असर

इन मूर्तियों को भारत लौटने को लेकर भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा है, "हम भारत की कला संग्रह को लौटाने की दिशा में काम कर रहे हैं। भारत से कई बार चोरी होकर या फिर अवैध तरीके तस्करी कर कलाकृतियाँ बेची जाती हैं।"

अमेरिका ने भारत की 105 प्राचीन कलाकृतियों को वापस लौटा दिया। अमेरिका के इस फैसले को पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा की सफलता के रूप में देखा जा रहा है। ये सभी कलाकृतियाँ भारत से चोरी या तस्करी कर अमेरिका ले जाई गई थीं। भारत की धरोहरों को वापस करने के लिए सोमवार (17 जुलाई, 2023) को न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। 

अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा है कि जिन प्राचीन कलाकृतियों को भारत भेजा जा रहा है, वे केवल कला नहीं बल्कि भारत की विरासत, संस्कृति और धर्म का हिस्सा हैं। जब यह खोई हुई विरासत घर लौटेगी, तो इसका बहुत ही भावुकता के साथ स्वागत किया जाएगा। इन धरोहरों को जल्द ही भारत ले जाया जाएगा।

भारत की प्राचीन धरोहरों को वापस करने को लेकर जारी की गई एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सभी 105 कलाकृतियाँ पूरे भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन कलाकृतियों में 47 पूर्वी भारत से हैं। वहीं, 27 दक्षिण भारत से, 22 मध्य भारत से, 6 उत्तर भारत से और 3 पश्चिमी भारत से हैं। दूसरी-तीसरी शताब्दी से लेकर 18वीं-19वीं शताब्दी तक की ये कलाकृतियाँ टेराकोटा, पत्थर, धातु और लड़की से बनी हुई हैं। इनमें से 50 कलाकृतियाँ धर्म से जुड़ी हुई हैं। वहीं शेष अन्य भारत के सांस्कृतिक मूल्यों का बखान करती हैं।

वहीं इन मूर्तियों को भारत लौटने को लेकर भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा है, “हम भारत की कला संग्रह को लौटाने की दिशा में काम कर रहे हैं। भारत से कई बार चोरी होकर या फिर अवैध तरीके तस्करी कर कलाकृतियाँ बेची जाती हैं। यह बिल्कुल सही समय है। इन्हें भारत वापस जाने की जरूरत है। यह सांस्कृतिक समझौता के तहत भी हो रहा है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति बायडेन ने राजकीय यात्रा के दौरान घोषणा की थी। हम आने वाले महीनों में इस पर पूरी बातचीत पूरी करने जा रहे हैं। ताकि यह सिर्फ एक साल की दोस्ती बनकर न रह जाए। बल्कि हमारी दोस्ती और रिश्ते का स्थायी हिस्सा बन जाए।”

मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी कार्यालय के चीफ ऑफ स्टाफ जॉर्डन स्टॉकडेल ने कहा है कि एक दशक से अधिक समय से एजेंसी ने होमलैंड सिक्योरिटी के साथ मिलकर दुनिया भर से कलाकृतियों को अवैध रूप से लूटने और बेचने के लिए तस्कर सुभाष कपूर और उसके सह-साजिशकर्ताओं की जाँच की है। साल 2022 में अमेरिका ने 300 से अधिक प्राचीन कलाकृतियाँ भारत वापस भेजीं थीं। इसके बाद भी यहाँ भी 1400 से अधिक बरामद कलाकृतियाँ बरामद हुई हैं।

गौरतलब है कि गत माह अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने सांस्कृतिक संपत्तियों की वापसी में मदद करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडन को धन्यवाद दिया था। उन्होंने कहा था कि भारत से चोरी हुई 100 से अधिक कलाकृतियाँ अमेरिका भारत को सौंप रहा है। बता दें कि PM मोदी की साल 2016 की अमेरिकी यात्रा के दौरान अमेरिका ने भारत को 16 प्राचीन कलाकृतियाँ सौंपी थीं। इसके बाद साल 2021 में अमेरिका ने 157 वस्तुएँ भारत को दी थीं। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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