COVID-19 वायरस से हुई मौत के आँकड़ों को छिपाने को लेकर हो रही आलोचनाओं के बीच चीन ने वुहान प्रान्त में हुई मौत के नए आँकड़े जारी किए हैं। नए आँकड़ों में चीन में वुहान में हुई कुल मौतों में 50% की बढ़ोत्तरी करते हुए 1,290 नए नाम और जोड़े हैं। अब वुहान में मृतकों का आँकड़ा बढ़कर 4,632 हो गया है।
उल्लेखनीय है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस का संक्रमण सबसे पहले चीन के वुहान शहर से ही शुरू हुआ था। चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स के अनुसार कोरोना वायरस से वुहान में अब तक 3,869 लोगों की मौत हुई है। चीन ने यह भी बताया कि वुहान प्रान्त में मौतों का प्रतिशत 7.7% रहा, जो कि पहले घोषित किए गए 5.8% के आँकड़े से ज्यादा है।
This announcement comes after #China opening up #Wuhan on April 8 nearly after three months due to the #coronavirusoutbreakhttps://t.co/zKLMs10MuH
— WION (@WIONews) April 17, 2020
चीन के वुहान प्रान्त में हुई मौत के नए आँकड़ों पर चीनी सरकार ने अपनी सफाई में कहा है कि कई मामलों में मौत का कारण जानने में उनसे गलती हुई या कई मामलों का उन्हें पता नहीं चल पाया। ज्ञात हो कि वुहान प्रशासन की ओर से केवल मृतकों के आँकड़ों में ही बढ़ोतरी नहीं की गई है, बल्कि उसने कुल संक्रमितों की संख्या में भी इजाफा किया है। वुहान प्रशासन की ओर से संक्रमितों की संख्या में 325 की वृद्धि की गई है। इसके साथ ही अब वुहान में संक्रमितों की कुल संख्या 50,333 हो गई है।
कोरोना को लेकर विश्वभर के नेताओं ने की चीन की आलोचना
चीन में हुई मौतों को लेकर कई प्रकार के अटकल पहले से ही लगाए जा रहे थे। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी बृहस्पतिवार को कहा था कि कई देश कोरोना वायरस से होने वाली मौतों की संख्या छिपा रहे हैं। ट्रंप ने कहा है कि क्या आपको लगता है कि दुनिया भर के कई देश अपने यहाँ होने वाली मौतों की जानकारी ईमानदारी से साझा कर रहे हैं? ट्रम्प ने सपष्ट शब्दों में चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि वह इस मामले में ईमानदार नहीं है।
यह भी कयास लगे जा रहे हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा WHO पर उसके पक्षपाती रवैये को लेकर की गई फंडिंग बंद करने की घोषणा के बाद ही चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दबाव में आकर यह आँकड़े जारी किए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने WHO पर चीन का पक्ष लेने और कोरोना पर सही समय पर दुनिया को जानकारी न देने का आरोप लगाते उसकी फंडिंग रोक दी थी।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि WHO ने चीन में फैले कोरोना वायरस की गंभीरता को छिपाया और यदि संगठन ने बुनियादी स्तर पर काम किया होता तो यह महामारी पूरी दुनिया नहीं फैलती और मरने वालों की संख्या काफी कम होती।
अमरीका विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को सबसे ज़्यादा फ़ंड देता है। अमरीका ने पिछली बार भी विश्व स्वास्थ्य संगठन को क़रीब 40 करोड़ डॉलर का फ़ंड दिया था जो सबसे ज़्यादा है। वर्तमान में अमरीका दुनिया में कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा प्रभावित देश है।
चीन के रहस्यमयी रवैये को लेकर फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने भी ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ को बताया था कि यह सोचना गलत होगा कि चीन ने महामारी का अच्छी तरह से मुकाबला किया था। उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप वहाँ कई ऐसी चीजें हुईं हैं, जिनका दुनिया को पता ही नहीं है।
कोरोना वायरस को लेकर चीन के नजरिए पर ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमनिक राब ने भी कहा कि ब्रिटेन और उसके सहयोगी, चीन से कोरोना वायरस प्रसार के बारे में कठोर प्रश्न पूछेंगे। उन्होंने कहा, ”इस संकट के बाद हमारे बीच कामकाज पहले जैसा नहीं रहेगा।” डाउनिंग स्ट्रीट में प्रेस वार्ता के दौरान चीन के साथ भावी संबंधों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में राब कहा, ”हमें यह कठोर प्रश्न पूछना ही होगा कि यह कैसे आया और इसे पहले क्यों नहीं रोका जा सका?”
चीन के वुहान प्रान्त से ही कोरोना वायरस की शुरुआत हुई थी और अब यह दुनिया के बड़े हिस्से में फैल चुका है। चीन शुरुआत से ही कोरोना वायरस पर हो रहे शोध से लेकर इसके संक्रमण और मौतों पर पूरी दुनिया को गुमराह करता आया है। अब नए आँकड़ों ने एक बार फिर पूरे विश्व ने चीन को शंका की दृष्टि से देखना शुरू कर दिया है।