अफ़्रीकी देश कांगो में इस्लामी आतंकियों का उत्पात लगातार जारी है। कांगो में ISIS के आतंकी लगातार ईसाइयों को निशाना बना रहे हैं और काफिर होने के चलते उनकी हत्या कर रहे हैं। उन्होंने एक चर्च में गए 70 ईसाइयों की हाल ही में हत्या कर दी। कई का गला रेत दिया गया। 2025 के पहले महीने में ही कांगो में इस्लामी आतंकियों ने 80 से अधिक ईसाई मौत के घाट उतार दिए थे। कांगो में जारी अस्थिरता के बीच यहाँ रहने वाले ईसाइयों के लिए जीना मुहाल हो गया है।
72 का गला रेत कर मारा
दुनिया भर में प्रताड़ित ईसाइयों के लिए काम करने वाली एक संस्था ओपन डोर्स के अनुसार, 13 फरवरी, 2025 को इस्लामिक स्टेट (ISIS) के साथ जुड़े लड़ाकों ने लुबेरो इलाके में हमला कर दिया। यहाँ एक गाँव को घेर कर यह 20 महिलाओं और पुरुषों का अपहरण कर ले गए।
जब यहाँ के गाँव वालों ने इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन किया तो यह इस्लामी लड़ाके फिर आ गए और 50 और लोगों को उठा ले गए। इसके बाद इन्हें दूसरे एक इलाके में चर्च के भीतर ले जाया गया। इसके बाद यहाँ इनकी गला रेत कर हत्या कर दी गई।
घटना के बाद यहाँ रहने वाले कई ईसाई अपना घर छोड़ कर भाग गए हैं। कई ईसाइयों का अंतिम संस्कार तक नहीं हो पाया है। ईसाइयों की हत्या करने वाले इस्लामी लड़ाके खुला घूम रहे हैं। हालाँकि, कांगो के भीतर ईसाइयों पर यह कोई पहला हमला नहीं है।
ISIS के आतंकी बना रहे निशाना
ईसाइयों के लिए काम करने वाले एक और संगठन बार्नबास एड के अनुसार, जनवरी 2025 में ही 89 ईसाइयों की हत्या कांगो में की गई है। यह हत्याएँ ISIS ने ही की हैं। ज्यादातर हत्याएँ इतुरी और उत्तरी कीवू राज्य में की गई हैं। यह राज्य बीते कई सालों से हिंसाग्रस्त हैं।
इसी संस्था के अनुसार, 2017 से लेकर अब तक कम से कम 6 हजार ईसाइयों की हत्या ISIS कांगो के भीतर कर चुका है। ISIS के आतंकी यहाँ गाँवों पर हमला करके लोगों का अपहरण करते हैं और मार देते हैं। यह लोगों के घरों में भी आग लगा देते हैं।
कांगो में क्रिसमस, 2024 के बाद से 200 से अधिक ईसाई अलग-अलग हमलों में मारे जा चुके हैं। इस्लामी आतंकियों के निशाने पर ईसाइयों को मदद पहुँचाने वाले संगठन भी हैं। 7 फरवरी, 2025 को ही एक एजेंसी के 3 ईसाई कार्यकर्ताओं को मार दिया था। 10 फरवरी, 2025 को 50 ईसाइयों को मार दिया गया था।
95% ईसाई, फिर भी प्रताड़ना
कांगो एक ईसाई बहुल देश है, फिर भी वही इस देश में प्रताड़ित किए जा रहे हैं। कांगो की आबादी 10 करोड़ से अधिक है। इसमें से लगभग 95% आबादी ईसाई है। हालाँकि, इन ईसाइयों पर कांगों और आसपास के देशों से आने वाले इस्लामी आतंकी लगातार हमले करते हैं।
दरअसल, कांगो लम्बे समय से गृह युद्ध में फंसा हुआ है। कांगो की सरकार के खिलाफ M23 नाम के एक विद्रोही समूह ने हथियार उठा रखे हैं। M23 लगातार कांगो के भीतर हमले कर रहा है और बड़े इलाकों में अपने कब्जे स्थापित कर रहा है। कांगों की सरकार का आरोप है कि M23 समूह को पड़ोसी देश रवांडा का समर्थन प्राप्त है।
फरवरी, 2025 तक M23 समूह उत्तरी कीवू में कई शहरों और बड़े इलाके पर कब्जा जमा चुका है। M23 और सरकार के बीच की लड़ाई में ISIS के लड़ाके ईसाइयों को प्रताड़ित कर रहे हैं। उनका प्रभाव भी उन इलाकों में अधिक है, जहाँ यह लड़ाई जोर-शोर से चल रही है। कांगो के ईसाई समूह लगातार विद्रोही लड़ाके और सरकार के बीच बातचीत के प्रयासरत हैं।
इस्लामी खिलाफत बनाना चाहता है IS
अमेरिकी सरकार के अनुसार, कांगो में ISIS के आतंकी खिलाफत का राज्य कायम करना चाहते हैं। कांगों में इनकी हरकतें 2019 में तेज हुई थीं। तब इन्होने सरकार के विद्रोही के तौर पर लड़ाई लड़ना चालू की थी और लगातार हमले करते थे।
जल्द ही इन आतंकियों को सीरिया में बैठे ISIS के बड़े आतंकियों की मुहर मिल गई। इन्हें कांगो में ISIS का राज स्थापित करने के लिए कहा गया। बताया जाता है कि कांगो में लगभग 2000 ISIS लड़ाके मौजूद हो सकते हैं। हालाँकि, इनकी ठीक-ठीक संख्या का अंदाजा किसी को नहीं है।
कांगो ISIS आतंकी पड़ोसी देश युगांडा में भी हमले करते हैं। यह सीधे हमले करने के साथ ही IED धमाके करना भी सीख गए हैं। इनका मुखिया सेका मूसा बुलाकू नाम का एक आतंकी है। वहीं मेड्डी नाम का एक आतंकी इनके मिलिट्री ऑपरेशन देखता है।
कांगो के ईसाई बहुल देश होने के चलते ISIS के निशाने पर यही लोग रहते हैं। कांगो में इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थिति ठीक नहीं है और सरकारी सुरक्षा एजेंसियाँ भी मजबूत नहीं हैं। ऐसे में ISIS आतंकी जिस इलाके को चाहें, निशाना बनाते हैं और हमला करने के बाद भाग जाते हैं।