Saturday, November 16, 2024
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मनसुख हिरेन का शव लेने से परिजनों का इनकार, कहा- पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक हो, मौत का कारण बताएँ: रिपोर्ट

परिजनों ने हिरेन के आत्महत्या करने के दावों को भी नकार दिया। उनके अनुसार, हिरेन की आर्थित स्थिति अच्छी थी और वे एक शानदार तैराक भी थे। परि​जन उनकी मौत के पीछे साजिश का आरोप लगा रहे हैं।

मनसुख हिरेन का शव लेने से परिजनों ने इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि पुलिस और प्रशासन की ओर से पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने के बाद ही वे शव लेंगे। मनसुख हिरेन उस एसयूवी कार के मालिक थे, जो विस्फोटक के साथ पिछले दिनों मुकेश अंबानी के घर ‘एंटीलिया’ के बाहर मुंबई में खड़ी मिली थी। शुक्रवार (5 मार्च 2021) को उनका शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था।

न्यूज 18 लोकमत की एक रिपोर्ट के अनुसार परिवार के सदस्यों ने शव लेने से इनकार करते हुए ऑटोप्सी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की माँग की है। यह भी कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका स्पष्ट जिक्र होना चाहिए कि हिरेन की मौत कैसे हुई। उनका कहना है कि माँग पूरी होने पर ही वे शव लेंगे। हिरेन के बड़े भाई विनोद मनसुख और उनकी पत्नी विमला शव नहीं लेने पर अड़े हुए हैं।

रिश्तेदारों ने हिरेन द्वारा लिखे एक पत्र की ओर भी इशारा किया है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर एंटीलिया मामले में मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया था। परिजनों ने हिरेन के आत्महत्या करने के दावों को भी नकार दिया। उनके अनुसार, हिरेन की आर्थित स्थिति अच्छी थी और वे एक शानदार तैराक भी थे। परि​जन उनकी मौत के पीछे साजिश का आरोप लगा रहे हैं।

शुक्रवार को जब हिरेन की सुसाइड की खबरें सामने आई थी तो उनकी पत्नी विमला ने इसे खारिज कर दिया था। उनका कहना था कि उनके पति को क्राइम ब्रांच के किसी अधिकारी तावड़े का फोन आया था। उससे मिलने के लिए ही वे घर से निकले थे। उनके अनुसार जाँच के सिलसिले में यह मुलाकात घोड़बंदर में होनी थी। एंटीलिया के बाहर मिले कार को लेकर परिजनों का कहना है कि वह चोरी हो गई थी और इसकी रिपोर्ट भी लिखाई गई थी।

यह भी कहा जा रहा है कि मनसुख हिरेन के शव की जाँच के दौरान उनके मुँह से 5 रुमाल भी निकले हैं। रुमाल वाले मामले में मुंबई पुलिस का कहना है कि ये रुमाल चेहरे से बँधे हुए मिले थे। वहीं महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि अंबानी के घर के बाहर मिले कार के मालिक का नाम सैम पीटर न्यूटन है, मनसुख का तो उस पर कब्ज़ा भर था।

इस मामले में संयोगों को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है। हिरेन के कथित सुसाइड की खबर आने से कुछ घंटों पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एंटीलिया मामले को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए थे। उन्होंने कहा था कि एंटीलिया के बाहर मिले कार का ​मालिक एक नंबर के संपर्क में था जो मुंबई पुलिस के अधिकारी और ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ सचिन वाजे के नाम पर था। फडणवीस ने यह भी बताया था कि एक नहीं बल्कि दो कारें थीं- एक स्कॉर्पियो और एक इनोवा और दावा किया कि दोनों कारें ठाणे से आई थीं और उसी रास्ते से चलकर लोकेशन तक पहुँची थीं। उन्होंने कहा कि मुकेश अंबानी के आवास के पास विस्फोटकों के साथ एक स्कॉर्पियो खड़ी थी, जबकि इनोवा इसे छोड़कर आगे बढ़ गई थी।

फडणवीस ने कहा था कि यह संयोग नहीं हो सकता कि कार ठाणे से चोरी हुई, उसने ठाणे का रूट फॉलो किया और मामले के जाँच अधिकारी भी ठाणे में रहते हैं। उन्होंने कहा कि मौके पर पहुँचने वाले वाजे पहले पुलिस अधिकारी थे। उन्हें जाँच अधिकारी (IO) भी बनाया गया। तीन दिन बाद उन्हें हटा दिया गया। मैं यह नहीं समझ पा रहा कि उन्हें आईओ से क्यों हटाया गया और वे कैसे स्थानीय पुलिस से पहले मौके पर पहुँच गए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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