पुणे शहर की पुलिस ने प्रतिबंधित CPI-M के साथ संबंधों के लिए एल्गार परिषद मामले में गोवा प्रबंधन संस्थान के प्रोफ़ेसर आनंद तेलतुम्बडे को गिरफ़्तार किया है। बता दें कि पुणे की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार (फरवरी 1, 2019) को तेलतुम्बडे की अग्रिम ज़मानत अर्ज़ी ख़ारिज कर दी थी। पुणे शहर पुलिस की एक टीम ने तेलतुम्बडे को शनिवार तड़के लगभग 4 बजे मुंबई हवाई अड्डे से गिरफ़्तार किया।
Maharashtra: Anand Teltumbde, an accused in Bhima Koregaon case has been arrested by Pune Police from Mumbai this morning. Pune session court had yesterday rejected his anticipatory bail plea.
— ANI (@ANI) February 2, 2019
सहायक पुलिस आयुक्त शिवाजी पवार ने तेलतुम्बडे की गिरफ्तारी की पुष्टि की और कहा कि उन्हें आज पुणे में विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। पुणे शहर की पुलिस मामले में आगे की जाँच के लिए तेलतुम्बडे की हिरासत की मांग कर रही है।
शुक्रवार को तेलतुम्बडे की अग्रिम ज़मानत याचिका ख़ारिज करते हुए विशेष न्यायाधीश के डी वाडाने ने एक आदेश पारित किया जिसमें कहा गया कि जाँच अधिकारी द्वारा पर्याप्त साक्ष्य एकत्र किए गए थे जिसमें उसके अपराध की भागीदारी स्पष्ट दिखाई दी।
आदेश में यह भी कहा गया कि जाँच बहुत ही महत्वपूर्ण चरण में थी। जस्टिस वडाने ने कहा, “इससे पता चलता है कि पूछताछ के लिए अभियुक्तों की हिरासत ज़रूरी इसलिए, अभियुक्त अग्रिम ज़मानत पर रिहा होने का हक़दार नहीं है। इसलिए अग्रिम ज़मानत अर्ज़ी ख़ारिज होने लायक है”।
अभियोजन पक्ष द्वारा गुरुवार (जनवरी 31, 2019) को एक लिफाफा पेश किया गया था जिसमें इलेक्ट्रॉनिक डेटा के प्रिंटआउट शामिल थे। इसमें उन्होंने दावा किया था कि इस मामले में तेलतुम्बडे की भागीदारी स्पष्ट रूप से साबित हुई है।
इससे पहले अभियोजन पक्ष ने तेलतुम्बडे की ज़मानत अर्ज़ी का विरोध करने के लिए विशेष न्यायाधीश किशोर डी वडाने के समक्ष अपनी प्रतिक्रिया दर्ज की थी। पुलिस ने दावा किया था कि उनके पास यह साबित करने के लिए सबूत हैं कि तेलतुम्बडे प्रतिबंधित माओवादी संगठन के माध्यम से सरकार को अस्थिर करने के लिए देश विरोधी गतिविधियों में शामिल थे।
तेलतुम्बडे उन सात प्रमुख कार्यकर्ताओं में से एक है जिनके घरों पर पिछले साल 28 अगस्त को पुणे पुलिस द्वारा किए गए एक मल्टी-सिटी सर्च ऑपरेशन के तहत छापा मारा गया था। इनमें से चार- सुधा भारद्वाज, पी वरवर राव, वर्नन गोंजाल्विस और अरुण परेरा- पहले से ही पुलिस हिरासत में हैं। इन सभी को पुणे पुलिस ने पिछले साल गिरफ़्तार किया था। पुणे पुलिस ने रांची से सातवें संदिग्ध स्टेन स्वामी को गिरफ़्तार करने का फ़िलहाल कोई प्रयास नहीं किया है।
भीमा कोरेगाँव की लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ से एक दिन पहले 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में दिए गए भाषणों के बाद पुणे के आसपास हिंसक झड़पें हुई थी। इस मामले में पुणे पुलिस एल्गार परिषद की नक्सली गतिविधियों की खोजबीन कर रही है।
पुलिस का दावा है कि अगले दिन हिंसात्मक घटनाओं के लिए एल्गार परिषद के दौरान दिए गए भाषण जिम्मेदार थे। एल्गार परिषद के आयोजन में कथित नक्सली संलिप्तता की जाँच करते हुए पुणे पुलिस ने दावा किया कि सबूतों को जुटाने में उनसे कहीं चूक हुई है, जिसमें प्रतिबंधित समूह CPI-M की बड़ी साज़िशों और गतिविधियों को उजागर किया गया है।