बीबीसी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से हाल में एक ट्वीट करके चेतावनी दी गई है कि अगर किसी ने भी बायोलॉजिकल पुरुष के महिला खेल में प्रतिस्पर्धा करने पर सवाल उठाया, तो वह उन यूजर्स को ब्लॉक कर देंगे।
बीबीसी स्पोर्ट्स के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट ने एक पोस्ट में कहा, “बीबीसी स्पोर्ट में, हम चाहते हैं कि हमारे प्लेटफॉर्म चर्चा, रचनात्मक आलोचना, बहस और राय के लिए एक सम्मानजनक स्थान हो। हम जानते हैं कि हमारे अधिकांश फॉलोवर्स भी यही चाहते हैं। इसलिए हमारा फैसला ये है।”
The reluctant history maker at the centre of sport’s transgender debate. #tokyo2020 #bbcolympics
— BBC Sport (@BBCSport) August 1, 2021
अपनी चेतावनी में उन्होंने कहा, “हम अपने कमेंट सेक्शन में नफरत फैलाने वाले लोगों को ब्लॉक करेंगे। हम सबसे गंभीर मामलों की रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को देंगे। हम अपने अकॉउंट को सज्जनतापूर्ण और सम्मानजनक स्थान बनाने के लिए काम करेंगे। हम सभी खेलों के अपने कवरेज को करते रहेंगे, और खेल में समानता के मुद्दों और चर्चाओं को कवर करते रहेंगे।”
संदेश में बीबीसी ने अन्य ट्विटर यूजर्स से भी ऐसे लोगों को पहचान करवाने में मदद माँगी जो नस्ल, रंग, लिंग, राष्ट्रीयता, जातीयता, विकलांगता, धर्म, कामुकता, लिंग, आयु या वर्ग के आधार पर घृणा फैलाते हैं। पोस्ट में यूजर्स से कहा गया कि ऐसे ट्वीट का यूआरएल उन्हें [email protected] पर ईमेल करें। संदेश के अंत में कहा गया, “हम साथ मिलकर अपने सोशल मीडिया अकॉउंट्स को सभी के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाने का प्रयास करेंगे।”
बता दें कि ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने वाली पहली ट्रांसजेंडर महिला लॉरेल हबर्ड, जो बायोलॉजिकल पुरुष हैं, उन पर एक लेख लिखने के कारण बीबीसी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। इस आर्टिकल में न केवल बीबीसी ने लॉरेल को सराहा था बल्कि अन्य ट्रांसजेंडरों से विभिन्न खलों में भाग लेने की अपील भी की थी।
इसी लेख पर तमाम आलोचनाओं के आने के बाद अब बीबीसी ने सीधे अपने यूजर्स को चेतावनी दी है। ये चेतावनी पहले स्पष्ट नहीं थी कि किस बारे में है, लेकिन जब बीबीसी ने लॉरेल से जुड़े एक पोस्ट पर कमेंट किया तो यह स्पष्ट हो गया।
लॉरेल के टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने पर उठे सवाल
बीबीसी के आर्टिकल के पब्लिश होने के बाद और लॉरेल के महिला खेल में भाग लेने से एक नई बहस ट्विटर पर शुरु हो गई। लोग कहने लगे कि जब लॉरेल पैदा आदमी के तौर पर हुए और बाद में महिला बने, तो यह बराबरी का मुकाबला कैसे हुआ। बराबरी तब होती जब महिला ही महिला से प्रतिस्पर्धा करती।
Cheat failed to even qualify as a man but identified himself as a woman and now shattering records.. ever wonder why no female to male athlete is good enough to make it but all of the male to female athletes smash records in women sports?
— Zak (@NomadicZak) August 1, 2021
यूजर्स मानने को तैयार ही नहीं है कि लॉरेल कोई औरत हैं। उनका मानना है कि वह पुरुष हैं इसलिए मैच में चीटिंग हुई। कुछ उनके अंगों को हाईलाइट करके कह रहे हैं कि लॉरेल पहले ऐसे शख्स हैं जिन्होंने आदमी होने के बाद औरतों से प्रतिस्पर्धा की।
Hubbard will make history as the first man to compete against women….CHEAT…..CHEAT…..CHEAT! pic.twitter.com/UmEUVFY53q
— ChookyEmbra💜🤍💚 (@Drink_feck) August 2, 2021
It’s am absolute disgrace.
— Tiw (@ResurrectedTyr) August 2, 2021
So unfair for the female athletes having to compete against a man.
It’s a South Park episode made real. https://t.co/hLB9WGTsmW
उल्लेखनीय है कि लॉरेल हबर्ड सोमवार को ओलंपिक में भाग लेने वाली पहली ट्रांसजेंडर महिला बनीं। न्यूजीलैंड की वेट लिफ्टर ने महिलाओं के 87 किग्रा से अधिक वाले मैच के फाइनल में भाग लिया, लेकिन “स्नैच” में अपने तीनों प्रयासों में विफल रहीं।
इससे पहले 2001 में, हबर्ड नेशनल रिकॉर्ड धारक थे और घरेलू पुरुषों की प्रतियोगिताओं में कुल 300 किग्रा भार उठा रहे थे। लेकिन, उन्होंने 2001 में 23 साल की उम्र में अचानक अपना करियर छोड़ दिया। तीन दशक तक बतौर पुरुष जीवन जीने के बाद हबर्ड अचानक 2012 में 33 साल की आयु में महिला बन गए और अपना स्पोर्ट करियर शुरू किया। शुरू में इस तरह के केसों को ओलंपिक के लिए अनुमति नहीं थी। मगर, टोक्यों ओलंपिक में उनकी भागीदारी, साल 2015 में जारी एक दिशा-निर्देश का परिणाम है। जिसमें कहा गया था कि अगर कोई एथलीट आदमी से महिला बना हो तो उसे महिला श्रेणी में खेलने का हक तभी है जब उनके टेस्टोस्टेरोन का स्तर एक निश्चित स्तर से (10 नैनोमोल प्रति लीटर – कम से कम 12 महीनों के लिए) नीचे रहा हो।