Saturday, July 27, 2024
Homeरिपोर्टमीडियावित्तीय अनियमितताओं में फँसा NDTV कंगाल होने के कगार पर, संपत्ति से 89 करोड़...

वित्तीय अनियमितताओं में फँसा NDTV कंगाल होने के कगार पर, संपत्ति से 89 करोड़ ज्यादा कर्ज़

ऑडिटरों ने आशंका व्यक्त की है कि एनडीटीवी की पैरेंट कम्पनी शायद इसे चलाने में सक्षम नहीं हो पा रही है। जून 2017 में प्रणय रॉय, उनकी पत्नी राधिका रॉय और उनके स्वामित्व वाली आरआरपीआर होल्डिंग कम्पनी के ख़िलाफ़ एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है।

स्टॉक एक्सचेंज में एनडीटीवी की त्रैमासिक फाइलिंग की ऑडिटर्स रिव्यू में कुछ अहम खुलासे हुए हैं। पता चला है कि मीडिया संस्थान घाटे में जा रहा है। एनडीटीवी का क़र्ज़ काफ़ी बढ़ गया है और मीडिया संस्थान की मौजूदा संपत्ति से 88.92 करोड़ रुपए ज्यादा हो गया है। एनडीटीवी का वित्तीय परफॉरमेंस लगातार गिर रहा है और ये निवेशकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। ईडी और इनकम टैक्स की कार्रवाइयों के कारण कम्पनी की साख पहले से ही गिरी हुई है।

एनडीटीवी के ऑडिट रिपोर्ट में जताई गई चिंता

आप ऊपर संलग्न किए गए ऑडिट रिपोर्ट में प्वाइंट नंबर सात में देख सकते हैं कि ऑडिटरों ने एनडीटीवी के लाभ और हानि वाले हिस्से की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया है। सितम्बर 2019 तक ख़त्म हो रहे त्रैमासिक समयावधि में एनडीटीवी को 10.17 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। सबसे बड़ी चिंता की बात तो ये है कि जितनी एनडीटीवी की संपत्ति है, उससे लगभग 89 करोड़ ज्यादा तो क़र्ज़ (देनदारी) हो गया है

कभी-कभी किसी कम्पनी के फाइनेंसियल रिपोर्ट में कुछ ग़लत जानकारियाँ चली जाती हैं, इसे मटेरियल स्टेटमेंट कहते हैं। एनडीटीवी ने ऑडिट रिपोर्ट से पहले ये समीक्षा की है ताकि ‘मटेरियल स्टेटमेंट’ वाली गड़बड़ियों से बचा जा सके। वो इस बात को सुनिश्चित करना चाहते थे कि वित्तीय रिपोर्ट में सभी जानकारियाँ सही हैं। ऑडिटरों ने आशंका व्यक्त की है कि एनडीटीवी की पैरेंट कम्पनी शायद इसे चलाने में सक्षम नहीं हो पा रही है। हालाँकि, ऑडिटरों ने माना कि अनिश्चितता से निकलने के लिए पैरेंट कम्पनी ने कुछ रणनीतिक और ऑपरेशनल तरीके अपनाए हैं।

‘गोइंग कंसर्न’ का अर्थ होता है कि कम्पनी अभी पूरी तरह कंगाल नहीं हुई है और इसे चलाने के लिए संसाधन और वित्त मौजूद हैं। इस रिपोर्ट में ‘गोइंग कंसर्न’ की बात की गई है। जब कोई कम्पनी इस केटेगरी में नहीं रहती है, तब उसे कंगाल घोषित कर दिया जाता है। वित्तीय अनियमितताओं के कारण जाँच का सामना कर रही एनडीटीवी के लिए ऑडिटर्स रिव्यू चिंता का विषय है। जानकारियाँ उपलब्ध न कराने, एफडीआई के नियमों में उल्लंघन करने और इनकम टैक्स मामलों में एनडीटीवी के ख़िलाफ़ कई मामले चल रहे हैं। आईसीआईसीआई बैंक से 375 करोड़ रुपए लोन लेने के मामले में भी कम्पनी के ख़िलाफ़ सीबीआई जाँच चल रही है।

जून 2017 में प्रणय रॉय, उनकी पत्नी राधिका रॉय और उनके स्वामित्व वाली आरआरपीआर होल्डिंग कम्पनी के ख़िलाफ़ एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है। एनडीटीवी और आईसीआईसीआई के शेयरधारक क्यूएसएल ने दोनों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराई है। अगस्त 2019 में ‘Securities Appellate Tribunal (SAT)’ ने सेबी द्वारा एनडीटीवी पर लगाए गए 2.1 करोड़ रुपए के जुर्माने को सही ठहराया था।

ये भी पढ़ें: NDTV के प्रणय रॉय, राधिका रॉय, विक्रम चंद्रा पर साज़िश, धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार का मामला: पढ़ें नए FIR में क्या है
ये भी पढ़ें: प्रेस फ्रीडम का रोना रो रहे NDTV और रॉय दम्पति का काला चिट्ठा: शेयर्स की धोखाधड़ी से लेकर ICICI लोन तक

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -