Saturday, July 27, 2024
Homeरिपोर्टमीडियादेश का पूरा तंत्र हर जगह ऑक्सीजन पहुँचाने में लगा है... लेकिन NDTV के...

देश का पूरा तंत्र हर जगह ऑक्सीजन पहुँचाने में लगा है… लेकिन NDTV के पत्रकार को यह सिर्फ दिखावा लगता है

"ऑक्सीजन एक्सप्रेस नेताओं का एक पीआर स्टंट... वो भी अपनी वाहवाही लूटने के लिए। मुंबई से वाइजाग तक पहुँचने में 2 दिन का समय लगा... थोड़ा धीमा है"

कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देश को झकझोर कर रख दिया है। कई राज्यों में चरमराते स्वास्थ्य ढाँचे को सँभालने की जिम्मेदारी भी केंद्र सरकार के कंधों पर है। राज्य सरकारें वेंटिलेटर से लेकर ऑक्सीजन और दवाओं की कमी से निपटने के लिए और जल्द से जल्द स्वास्थ्य ढाँचे को मजबूत करने के लिए केंद्र के साथ मिलकर काम कर रही हैं।

दिल्ली, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार है, जिसको लेकर इन राज्यों ने मोदी सरकार से मदद की गुहार लगाई है। रेल मंत्रालय इसके बाद से इन राज्यों की सहायता करने के लिए देश भर में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) और ऑक्सीजन सिलेंडर का परिवहन कर रहा है। दरअसल, भारतीय रेलवे विभिन्न राज्यों में ऑक्सीजन पहुँचाने के लिए खास ऑक्सीजन एक्सप्रेस (OXYGEN Express) ट्रेनें चला रहा है।

18 अप्रैल को रेल मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी थी कि महाराष्ट्र से खाली टैंकर चलेंगे जो विशाखापत्तनम, जमशेदपुर, राउरकेला, बोकारो से ऑक्सीजन उठाएँगे। रेलवे ने बताया कि टेक्निकल ट्रायल्स के बाद खाली टैंकरों को कलमबोली, बोइसर से मुंबई भेजा जाएगा और फिर वहाँ से वाइजाग, जमशेदपुर, राउरकेला और बोकारो भेजा जाएगा। वहाँ इनमें लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन भरी जाएगी। इसके अलावा रेल मंत्रालय ने मंजूरी देते हुए कहा कि राज्य में विभिन्न स्थानों तक लिक्विड ऑक्सीजन को रोल ऑन-रोल ऑफ सेवा के तहत पहुँचाया जाएगा।

इस पूरी जानकारी को लेकर 24 अप्रैल की सुबह, NDTV के पत्रकार संकेत उपाध्याय ने ट्विटर पर कहा कि वह ऑक्सीजन एक्सप्रेस होने की बात से इनकार करते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यह इन नेताओं का एक पीआर स्टंट था। वो भी अपनी वाहवाही लूटने के लिए।

उन्होंने कहा कि एक ऑक्सीजन एक्सप्रेस 19 अप्रैल को सुबह 8:05 बजे मुंबई से रवाना हुई और 22 अप्रैल को सुबह 4:15 बजे वाइजाग पहुँची। हैरानी की बात यह थी कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस अपने उद्देश्य की पूर्ति नहीं कर रही थी, क्योंकि यह एक बेहद धीमा प्रयास था।

संकेत उपाध्याय के ट्वीट के अनुसार, ऑक्सीजन एक्सप्रेस को मुंबई से वाइजाग तक पहुँचने में 2 दिन का समय लगा। यह उसके लिए थोड़ा धीमा था। जब लोग मर रहे हैं, तो देश भर में यात्रा करने में मदद करने वाली कोई भी चीज निश्चित रूप से धीमी लग सकती है। हालाँकि, अगर संकेत उपाध्याय वास्तव में एक पत्रकार थे, तो अनुमान लगाने की बजाय जनता के सामने सटीक तथ्यों को पेश करने का प्रयास करते। यहाँ ध्यान देना होगा कि इस संकट के समय में देश में ऑक्सीजन की कमी से निपटने के लिए सरकार द्वारा ऑक्सीजन एक्सप्रेस एकमात्र उपाय नहीं है।

सच्चाई तो यह है कि रेलवे की ऑक्सीजन एक्सप्रेस जितनी तेजी से यात्रा कर रही है, उतनी ही तेजी से आगे बढ़ रही है। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, मुंबई से वाइजाग तक पहुँचने के लिए ट्रेन के समय से उस दूरी को कवर किया जा सकता है, यह ऑक्सीजन टैंकर को ले जाने में लगने वाले समय से काफी कम है।

एक टैंकर को सड़क व ट्रेन द्वारा जाने में कितना समय लगेगा

एक ऑक्सीजन ट्रक केवल 11 घंटे ही सड़क पर हो सकता है और 72 घंटे में मुंबई से वाइजाग तक पहुँच सकता है, जबकि ऑक्सीजन ट्रेन दिन में 24 घंटे यात्रा कर सकती है और 48 घंटे में अपने गंतव्य स्थान तक पहुँच सकती है।

मालूम हो कि आज भारत के सामने सबसे बड़ा मुद्दा ऑक्सीजन की कमी को हर राज्य में पूरा करना है। इसलिए इसका वितरण आवश्यक है। जिंदल स्टील एंड पावर ने 21 अप्रैल को ट्विटर पर कहा था कि उनके पास उनके अंगुल प्लाँट में 500 टन से अधिक लिक्विड ऑक्सीजन है। लेकिन परिवहन के लिए कोई साधन नहीं है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (22 अप्रैल 2021) को देश में जारी ऑक्सीजन संकट को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की थी। अधिकारियों के साथ हुई इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि ऑक्सीजन की जमाखोरी करने वालों पर राज्य सरकारें सख्त कार्रवाई करें। वहीं प्रधानमंत्री ने उत्पादन बढ़ाए जाने और वितरण में तेजी लाने पर जोर दिया था। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जारी एक बयान के मुताबिक इस बैठक में प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने, उसके वितरण की गति तेज करने और स्वास्थ्य सुविधाओं तक उसकी पहुँच सुनिश्चित करने के लिए तेज गति से काम करने की आवश्यकता पर बल दिया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -