एक मुहावरा है: अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना। यानी, खुद की तारीफ करना। भारत का लिबरल जमात इससे भयंकर तरीके से पीड़ित है। इस मुहावरे को एक बार फिर चरितार्थ करते हुए अक्सर फर्जी न्यूज को हवा देने के लिए पहचान रखने वाले एनडीटीवी (NDTV) ने टीआरपी (TRP) को लेकर अपनी पीठ थपथपाई है।
NDTV ने एक ट्वीट में न सिर्फ अपनी तारीफ की, बल्कि यह दिखाने की कोशिश की है उसने रिपब्लिक टीवी को पीछे छोड़ दिया है। NDTV ने ट्विटर पर लिखा, “जब रेटिंग सिस्टम में कोई धाँधली नहीं होती है, तो नतीजा यह होता है।” मीडिया हाउस का स्पष्ट रूप से कहना था कि रेटिंग सिस्टम में धाँधली नहीं होने पर रिपब्लिक टीवी से कहीं बेहतर काम NDTV करता है।
![Tweet by NDTV while they attempted to pat themselves on the back, in a bid to outsmart Republic TV run by Arnab Goswami](https://i2.wp.com/www.opindia.com/wp-content/uploads/2021/03/NDTV-tweet-.png?resize=696%2C642&ssl=1)
भारत में एनडीटीवी को कितने दर्शक मिलते हैं यह किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में उसकी खुद की पीठ थपथपाने का एकमात्र उद्देश्य यह था कि वह लोगों को यह बता सके कि वह रिपब्लिक टीवी से आगे है। लेकिन इसके लिए NDTV ने ट्वीट में जिस डाटा का हवाला दिया है वह भारत का नहीं, बल्कि ब्रिटेन का है।
यदि आप NDTV द्वारा ट्वीट किए गए ग्राफिक को ध्यान से देखेंगे तो पाएँगे कि यह आँकड़ा यूनाइटेड किंगडम (UK) के दर्शकों का है। इन्फोग्राफिक में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि यह डाटा 1 से 7 मार्च के सप्ताह के लिए BARB, UK से लिया गया है।
BARB, UK भारत के BARC की तरह है। यह एक ऐसा संगठन है जो ब्रिटेन में 28 मिलियन टीवी और ब्रॉडबैंड-केबल घरों के व्यूअरशिप का डेटा एकत्र करता है। उनकी वेबसाइट के अनुसार, वे अपने शोध के माध्यम से निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर देते हैं:
- कौन देख रहा है?
- वे क्या देख रहे हैं?
- वे कब देख रहे हैं?
- वे किस स्क्रीन पर देख रहे हैं?
- कंटेंट स्क्रीन पर कैसे आया?
इससे यह पता चलता है कि NDTV न केवल ब्रिटेन के आँकड़ों के आधार पर अपनी प्रशंसा कर रहा है, बल्कि वह रिपब्लिक नेटवर्क के हिंदी चैनल रिपब्लिक भारत से तुलना करने की कोशिश कर रहा है, जिसके प्रमुख पत्रकार अर्नब गोस्वामी हैं।
सरल शब्दों में कहें तो NDTV लोगों को यह बताने की कोशिश कर रहा है कि जब डाटा किसी चैनल के पक्ष में नहीं मोड़ा गया हो (उनका मतलब रिपब्लिक से है) तो न्यूज चैनल के रूप में NDTV रिपब्लिक से काफी बेहतर होगा। इस बात को साबित करने के लिए, NDTV भारत के बजाय यूके से डाटा लेता है और खुद की तुलना एक हिंदी चैनल से करता है- जहाँ पर काफी हद तक अंग्रेजी बोलने वाले दर्शक होते हैं।
NDTV ने यह भी बताया है कि वे ‘आज तक’ चैनल से भी आगे है। यह भी एक हिंदी चैनल है। इसकी वजह यह है कि जिस देश में अधिकांश लोग केवल अंग्रेजी बोलते और समझते हैं वहाँ कोई भी अंग्रेजी समाचार चैनल हिंदी चैनल की तुलना में बेहतर करेगा ही, भले ही वह चैनल अर्नब गोस्वामी का ही क्यों न हो।