Monday, October 7, 2024
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पालघर मामले में मुंबई पुलिस ने जारी किया अर्नब गोस्वामी को ‘कारण बताओ’ नोटिस: अच्छे बर्ताव के लिए माँगा बॉन्ड

सार्वजनिक शांति के उल्लंघन और धर्म, जाति, भाषा स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में अर्नब पर जो केस, पिछले दिनों आईपीसी की धारा 153ए और 153बी के तहत दर्ज हुए थे, यह नोटिस उसी बाबत है। इस नोटिस में गोस्वामी के ख़िलाफ़ हुई एफआईआऱ का जिक्र है।

रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी और मुंबई पुलिस के बीच खींचतान अब भी जारी है। मुंबई पुलिस ने हाल में पालघर मामले के मद्देनजर अर्नब को सीआरपीसी की धारा 108 (1) के तहत सांप्रदायिक टिप्पणी करने के आरोप ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया है।

यह नोटिस असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर सुधीर जांबावडेकर (Sudhir Jambavdekar) द्वारा जारी किया गया है। इसमें उन्होंने स्पेशल एक्जिक्यूटिव मजिस्ट्रेट के अधिकार से पूछा है कि आखिर क्यों सार्वजनिक शांति के ख़िलाफ़ अपराध करने वाले आरोपित को एक साल की अवधि तक के लिए, सुनिश्चतता के साथ या उसके बिना बॉन्ड तामील करने को नहीं कहा जाना चाहिए।

इसमें लिखा है कि यदि वह बॉन्ड का उल्लंघन करते हैं तो उन्हें 10 लाख की पेनल्टी भरनी होगी। नोटिस में अर्नब को 16 अक्टूबर से पहले पेश होने को कहा गया है।

सार्वजनिक शांति के उल्लंघन और धर्म, जाति, भाषा स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में अर्नब पर जो केस, पिछले दिनों आईपीसी की धारा 153ए और 153बी के तहत दर्ज हुए थे, यह नोटिस उसी बाबत है। इस नोटिस में गोस्वामी के ख़िलाफ़ हुई एफआईआऱ का जिक्र है।

इनमें से एक एफआईआर में दावा किया गया है कि अर्नब ने 21 अप्रैल को पालघर केस में सांप्रदायिक दुर्भावना को उकसाने के लिए अपमानजनक टिप्पणी की और दूसरी में चैनल की कवरेज, पर सवाल उठे हैं जो 14 अप्रैल को बांद्रा स्टेशन के पास भीड़ इकट्ठ होने पर रिपब्लिक भारत ने की थी। नोटिस के मुताबिक समुदाय विशेष के लोगों के मन को चोट पहुँचाने के लिहाज से न्यूज चलाई गई थी।

गौरतलब है कि जबसे अर्नब गोस्वामी ने अपने शो में सोनिया गाँधी को एटोनियो मायनो कहा, तभी से मुंबई पुलिस उक्त मीडिया चैनल के पीछे हाथ धो कर पीछे पड़ गई थी। उस शो के कुछ ही घंटों में अर्नब के ख़िलाफ़ कई एफआईआर दर्ज हुई थीं और पुलिस ने बाद में उनसे 11 घंटे पूछताछ भी की थी। हाल में भी यदि देखें तो मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी का नाम टीआरपी स्कैम में ले लिया था जबकि शिकायतकर्ता की एफआईआर से मालूम चला कि उसमें नाम रिपब्लिक टीवी का नहीं इंडिया टुडे का है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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