Sunday, November 17, 2024
Homeरिपोर्टमीडिया...जब 14 साल पहले राजदीप सरदेसाई ने फर्जी स्टिंग ऑपरेशन से एक डॉक्टर की...

…जब 14 साल पहले राजदीप सरदेसाई ने फर्जी स्टिंग ऑपरेशन से एक डॉक्टर की जिंदगी कर दी थी बर्बाद

डॉक्टर पर आरोप- बच्चों के हाथ-पैर काट कर भीख माँगने वाले गिरोह के साथ काम करना। लेकिन कोर्ट-पुलिस जाँच में आरोप फुस्स! फिर भी माफी नहीं माँगी। कोर्ट ने वारंट भेजा तब जाकर 12 साल बाद सरेंडर किया। अभी बेल लेकर 'पत्रकारिता' कर रहे हैं।

जेएनयू हिंसा मामले पर कथित स्टिंग ऑपरेशन को लेकर मीडिया ग्रुप इंडिया टुडे लगातार सुर्खियाँ बटोर रहा है। वही फर्जी स्टिंग ऑपरेशन, जिसका न सिर है और न ही पाँव। दरअसल इंडिया टुडे के पत्रकारों का फर्जी स्टिंग ऑपरेशन को लेकर पुराना इतिहास रहा है या फिर यूँ कहें कि इनका इससे गहरा नाता रहा है। आइए बताते हैं कि ये ‘पत्रकार’ किस तरह से ‘पत्रकारिता’ के नाम पर कारनामा करते हैं और आम लोगों की जिंदगी बर्बाद करते हैं।

इसमें प्रमुख नाम है: बार-बार अपनी फजीहत कराने वाले अविश्वसनीय पत्रकार राजदीप सरदेसाई का। जिन्होंने अभी हाल ही में 2007 में किए गए फर्जी स्टिंग ऑपरेशन को लेकर कोर्ट के समक्ष माफी माँगी थी। हालाँकि राजदीप सरदेसाई तो यह कभी नहीं चाहते होंगे कि उनके द्वारा कोर्ट के समक्ष माफी माँगने की घटना सामने आए, लेकिन ऐसा हो नहीं सका।

खैर, फर्जी स्टिंग ऑपरेशन के मामले में इनकी फेहरिस्त लंबी है और इन्हें इसका अच्छा-खासा अनुभव भी है। अब हम आपको उनके 2006 में किए गए उस ‘कारनामे’ से भी रूबरू करवाते हैं, जिसने एक आम आदमी की जिंदगी को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। यहाँ पर हम आपको बता दें कि राजदीप अकेले ही इसमें शामिल नहीं हैं। इनका पूरा गिरोह ही इस मामले में काफी सक्रिय रहा है। राजदीप के इस गिरोह में उनके अलावा पत्रकार से नेता और फिर भाव न मिलने पर पत्रकार बने आशुतोष, राघव बहल (तब IBN के थे, अब Quint के मालिक) और जमशेद खान भी शामिल है। ये वही जमशेद खान हैं, जिन्होंने जेएनयू के फर्जी स्टिंग ऑपरेशन में भी अहम भूमिका निभाई है।

‘मीडिया’ और ‘पत्रकार’ किस तरह से माफिया की तरह काम करता है, इसका उदाहरण है यह मामला। दरअसल यह मामला 2006 का है, जब नोएडा के सरकारी अस्पताल के डॉक्टर अजय अग्रवाल के खिलाफ IBN-7 और CNN-IBN चैनल ने ‘शैतान डॉक्टर’ नाम से एक ‘स्टिंग ऑपरेशन’ किया था। इस तथाकथित स्टिंग ऑपरेशन में दावा किया गया था कि डॉक्टर अग्रवाल भीख मँगवाने वाले गिरोहों के लिए बच्चों के हाथ-पैर काटने का काम करते हैं। इस स्टिंग ऑपरेशन के बाद डॉक्टर अग्रवाल की जिंदगी में तूफान आ गया। उनका घर से निकलना मुश्किल हो गया। जिंदगी नर्क बन गई। लोगों ने उनके घर पर पथराव भी किया।

हालाँकि, अभी तक की जाँचों में डॉक्टर अग्रवाल को निर्दोष पाया गया है। लेकिन इसके बावजूद इन लोगों ने डॉक्टर अग्रवाल से माफी नहीं माँगी है। बता दें कि इस फर्जी स्टिंग ऑपरेशन के कर्ता-धर्ता थे राजदीप सरदेसाई, जो कि उस समय IBN-7 के एडिटर इन चीफ थे और आशुतोष चैनल के एडिटर थे। डॉक्टर अग्रवाल ने फर्जी केस में फँसाने को लेकर राजदीप सरदेसाई, आशुतोष, चैनल के मालिक राघव बहल और रिपोर्टर जमशेद खान, अरुणोदय मुखर्जी समेत कई अन्य के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था। केस अभी भी कोर्ट में लंबित है। इन पर केस चल रहा है।

टीवी पर बैठकर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले ये तथाकथित पत्रकार किस कदर शातिर हैं, ये इसी बात से पता चलता है कि उन्होंने गलती पकड़े जाने के बावजूद कभी माफी नहीं माँगी। जब उन्हें कोर्ट का नोटिस आया, तो वो उसकी भी कई सालों तक अनदेखी करते रहे। आखिरकार जब अदालत ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया, तब जाकर 12 साल बाद 2018 में राजदीप सरदेसाई, आशुतोष और अरुणोदय मुखर्जी ने सरेंडर किया। हालाँकि इन्हें जेल से बेल मिल गई।

डॉक्टर अग्रवाल ने आरोप लगाया कि राजदीप सरदेसाई, आशुतोष और राघव बहल ने चैनल की टीआरपी बढ़ाने के लिए उनकी जिंदगी बर्बाद कर दी। 2006 में चैनल के शुरू होने के कुछ दिन बाद ही ये स्टिंग ऑपरेशन दिखाया गया था। ये कार्यक्रम पूरे एक सप्ताह तक चला गया था। डॉक्टर अग्रवाल तब नोएडा के सरकारी अस्पताल में ऑर्थोपेडिक सर्जन के तौर पर तैनात थे। डॉक्टर अग्रवाल ने जमशेद खान को ब्लैकमेलकर करार देते हुए आरोप लगाया था कि उसी ने फर्जी स्टिंग ऑपरेशन को अंजाम दिया था और फिर इसे IBN7 को दिया था।

उन्होंने आगे आरोप लगाते हुए कहा था कि उस समय IBN7 और CNN-IBN चैनल नए लॉन्च किए गए थे और वे किसी सनसनीखेज स्टोरीज की तलाश में थे, ताकि चैनल को टीआरपी मिल सके। और यही वजह है कि उन्होंने जुलाई 2006 में लगभग एक सप्ताह तक लगातार इस फर्जी स्टिंग ऑपरेशन को प्रसारित किया। फिलहाल राघव बहल THE QUINT नाम के वेबसाइट से प्रोपेगेंडा फैलाने का काम कर रहे हैं, जो बीजेपी और भारतीय सेना के खिलाफ फर्जी खबरें छापती है।

मैंने झूठी खबर चलाई, मुझे माफ़ कर दो: पढ़िए, राजदीप सरदेसाई का माफीनामा

JNUSU कार्यकर्ता को ABVP का बता डाला… राहुल कंवल ने स्टिंग के नाम पर ऐसे किया गड़बड़झाला

हमारे कैमरे की सेटिंग ख़राब थी: इंडिया टुडे की JNU हिंसा के फर्जी स्टिंग पर सफाई

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुस्लिम घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र में उलझा है झारखंड, सरना कोड से नहीं बचेगी जनजातीय समाज की ‘रोटी-बेटी-माटी’

झारखंड का चुनाव 'रोटी-बेटी-माटी' केंद्रित है। क्या इससे जनजातीय समाज को घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र से निकलने में मिलेगी मदद?

दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत का AAP से इस्तीफा: कहा- ‘शीशमहल’ से पार्टी की छवि हुई खराब, जनता का काम करने की जगह...

दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल एवं AAP पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकार पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -