Friday, October 11, 2024
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‘भाई राजदीप! जब नहीं था… तो क्यूँ कूदा?’ सरदेसाई ने फर्जी न्यूज से चाहा सोनम वांगचुक को घेरना, ट्विटर ने खोली पोल

राजदीप सरदेसाई ने इसी वीडियो को लेकर सोनम वांगचुक को घेरना चाहा। उन्होंने लिखा कि वो निश्चित रूप से टिकटॉक के बिना रह सकते हैं, लेकिन मेड इन चाइन स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का क्या? क्या हम सभी यहाँ जाना बंद कर देंगें? इसके साथ ही उन्होंने एक स्माइली भी लगाया है।

बार-बार फजीहत कराने वाले पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने एक बार फिर से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को लेकर फर्जी खबर फैलाने की कोशिश की। हालाँकि एक बार फिर से उन्हें मुँह की खानी पड़ी। लोगों ने उन्हें एक बार फिर से उनकी फजीहत कर डाली।

दरअसल बॉलीवुड फिल्म थ्री इडियट्स के असली हीरो सोनम वांगचुक ने चीन के खिलाफ एक अभियान छेड़ा है।उन्होंने लोगों से चीनी कंपनियों में बने सामानों के बहिष्कार करने की अपील की है। वांगचुक ने इस संबंध में एक वीडियो जारी करते हुए कहा, “एक सप्‍ताह में चीन के सभी सॉफ्टवेयर को छोड़ें और एक साल में चीन के सभी हार्डवेयर को।”

राजदीप सरदेसाई ने इसी वीडियो को लेकर सोनम वांगचुक को घेरना चाहा। उन्होंने लिखा कि वो निश्चित रूप से टिकटॉक के बिना रह सकते हैं, लेकिन मेड इन चाइन स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का क्या? क्या हम सभी यहाँ जाना बंद कर देंगें? इसके साथ ही उन्होंने एक स्माइली भी लगाया है।

जैसा कि कहा गया है कि झूठ के पैर नहीं होते हैं, तो राजदीप सरदेसाई का झूठ भी काफी देर तक चल न सका। जल्द ही सोशल मीडिया यूजर्स ने राजदीप की पोल खोलते हुए सच को सामने रख दिया। इसके बाद उनके पास सिवाय ट्वीट डिलीट करने के कोई और विकल्प नहीं रह गया। वो ट्वीट डिलीट कर चुपचाप निकल लिए।

ट्विटर पर @BACK_BencherGuy नाम के यूजर्स ने सच्चाई सामने रखते हुए लिखा, “सर आप मोदी विरोध में देश विरोधी क्यों बन रहे हो।”

यूजर ने बताया कि दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का प्रोजेक्ट लार्सन ऐंड टूब्रो (L&T) को दिया गया था। उस समय भी ऐसी अफवाहें फैली कि लार्सन ऐंड टूब्रो ने चीनी फैक्टरी के साथ सौदा किया है। इसके बाद 2015 में L&T ने खुद यह स्पष्ट किया था कि इस स्टैच्यू को भारत में बनाया जा रहा है और कंपनी सिर्फ ब्रॉन्ज प्लेट्स चीन से मँगा रही है।

L&T ने एक आधिकारिक बयान में कहा था, “पूरी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भारत में बन रही है और सिर्फ ब्रॉन्ज प्लेट्स चीन से आयात कर रहा है, जिसकी कीमत इस पूरे प्रॉजेक्ट का सिर्फ 9 प्रतिशत है।”

L&T ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के मेड इन चाइना होने की अफवाहों को खारिज किया और कहा था कि पूरी की पूरी मूर्ति को चीन में बनवाकर भारत लाने वाली खबरें पूरी तरह गलतफहमी हैं।

बता दें कि राजदीप सरदेसाई के इस झूठ पर सोशल मीडिया यूजर्स ने भी खूब मजे लिए। एक यूजर ने लिखा, इस महापुरुष का जन्म इस दुनिया में साक्षात बदनामी के लिए हुआ है। प्रणब दा से नरेंद्र मोदी तक सबने इसकी खूब बजाई है। कहीं राहुल बाबा भी मजे में हारमोनियम ना बजा दें।

वहीं एक अन्य यूजर ने कहा कि वो इस स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं, मगर ‘आदत से मजबूर’ हैं।

नीलेश नाम के यूजर ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने को लेकर FIR और गिरफ्तारी की माँग की। वहीं एक यूजर ने लिखा, “एक बार अगर कोई मुझे कहे की कुत्ते की दुम सीधी हो सकती है तो मैं उसे मान भी लूँगा, लेकिन ये आदमी… लाइलाज है।”

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है, जब राजदीप सरदेसाई ने इस तरह की झूठी खबरें फैलाई हों। इससे पहले भी उन्होंने अमित शाह को लेकर फर्जी खबर फैलाने की कोशिश, जिसके बाद उन्हें दो बार ट्वीट डिलीट करनी पड़ी थी।

वहीं एक ट्वीट में राजदीप ने बताया कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने पंजाब को केवल 71 करोड़ रुपए दिए हैं। जबकि राजदीप के दावों के उलट पजांब को 247 करोड़ रुपए मिले थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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