एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार ने 2 दिन में फेसबुक पर दो बार फेक न्यूज़ शेयर किया। दोनों ही बार फैक्ट-चेक होने के कारण उनकी पोल खुल गई। उन्होंने टाइम मैगजीन के कवर की तस्वीर शेयर की, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तस्वीर दिख रही है और साथ ही लिखा है- ‘Time To Go’, अर्थात जाने का समय आ गया है। रवीश ने इसे शेयर करते हुए तंज कसा और पूछा कि किसके बारे में लिखा हुआ है?
हालाँकि, फेसबुक ने उनका फैक्ट-चेक कर दिया, जिसमें ये तस्वीर फर्जी निकली। टाइम मैगजीन ने अपने किसी संस्करण के कवर पर ऐसी कोई तस्वीर बनाई ही नहीं है और न ही ऐसा कुछ लिखा है। फेसबुक ने आधिकारिक फैक्ट-चेक में इसे ‘फॉल्स इन्फॉर्मेशन’, यानी ग़लत सूचना पाया। भनक लगते ही रवीश कुमार ने जल्दी से अपने इस फेसबुक पोस्ट को डिलीट कर के डैमेज कंट्रोल का प्रयास किया।
जहाँ तक टाइम मैगजीन के नकली कवर की बात है, ‘रायटर्स’ ने अपने फैक्ट-चेक में पाया कि राष्ट्रपति ट्रम्प इससे पहले कई बार इसके कवर पर दिख चुके हैं लेकिन अभी तक इस तरह का कवर पिक टाइम मैगजीन ने कभी डिजाइन नहीं किया। कुछ इससे मिलते-जुलते डिजाइन का कवर आया था लेकिन उस पर न तो ट्रम्प की फोटो थी और न ही ये वाक्य लिखा हुआ था। टाइम की वेबसाइट पर भी इसका कोई जिक्र नहीं है।
इसके अलावा रवीश ने एक और फेक न्यूज़ शेयर की। ये प्रोपेगंडा पोर्टल ‘द वायर’ की ख़बर है, जिसमें दावा किया गया है कि अहमदाबाद में विवादित वेंटिलेटर्स बनाने वाले भाजपा नेताओं के क़रीबी हैं। उस कम्पनी के प्रोमोटर के बारे में रवीश ने पत्रकार रोहिणी सिंह के हवाले से लिखा कि उसके घर में होने वाले वैवाहिक कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आते-जाते हैं। उन्होंने इस फेक न्यूज़ को हिंदी के लाखों पाठकों तक पहुँचाने की अपील की।
रोहिणी सिंह की ये ख़बर फेक साबित हो चुकी है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि गुजरात सरकार अहमदाबाद में उसी कम्पनी से 5000 वेंटिलेटर्स ख़रीद रही है, जिस पर अहमदाबाद के अस्पतालों को गड़बड़ ब्रीथिंग मशीन सप्लाई करने का आरोप है। पीआईबी के फैक्ट-चेक में पता चला कि ये वेंटिलेटर्स उचित गुणवत्ता वाले हैं और इन्हें ख़रीदा नहीं बल्कि डोनेट किया गया था। गुजरात सरकार ने भी इसकी पुष्टि की है।
वहीं रोहिणी सिंह की लिखी ‘द वायर’ की फर्जी ख़बर की बात करें तो उसके दावे के उलट पाया गया कि अहमदाबाद के अस्पतालों के लिए सप्लाई किए गए वेंटिलेटर्स भी ठीक से काम कर रहे हैं और उनमें कोई गड़बड़ी नहीं है। सिविल हॉस्पिटलों के लिए ख़रीदे गए इन उपकरणों के बारे में ‘द वायर’ में झूठ लिखा है, ऐसा पीआईबी ने खुलासा किया। सिंह ने दावा किया था कि इन मशीनों को गुजरात सरकार ने आक्रामक रूप से प्रमोट किया।