रिपब्लिक टीवी पर लगा ‘फर्जी टीआरपी बटोरने’ का आरोप अब तूल पकड़ रहा है। ताजा खुलासे में रिपब्लिक टीवी ने बताया है कि उन्होंने हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड के डिप्टी जनरल मैनेजर नितिन दियोकर द्वारा फाइल की गई एफआईर एक्सेस की है। इससे उन्हें पता चला कि एफआईआर में रिपब्लिक टीवी का नाम नहीं है, बल्कि इंडिया टुडे का नाम है।
रिपब्लिक टीवी के अनुसार, मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड के रिलेशनशिप मैनेजर विशाल भंडारी ने खुलासा किया है कि इंडिया टुडे व अन्य चैनलों ने उन्हें उकसाया था और उन पैनल हाउसों को पैसे की पेशकश करने को कहा था, जहाँ उन्होंने बार-ओ-मीटर सेट किए।
इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी बताया कि विनय नाम के एक शख्स ने साल 2019 में 5 घरों में जाकर हर रोज इंडिया टुडे दो घंटे देखने को कहा गया। अपनी रिपोर्ट में रिपब्लिक टीवी ने एफआईआर की कॉपी भी लगाई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विनय ने पाँचों घरों के लिए 5000 रुपए कमीशन भी बाँटा। यानी हर घर को एक हजार रुपए। और ये सब सिर्फ़ इसलिए कि वह नवंबर 2019 से मई 2020 तक इंडिया टुडे 2 घंटों के लिए देखें।
शिवसेना के साथ-साथ जश्न मना रहे अर्नब के प्रतिद्वंदी पत्रकार
मुंबई पुलिस ने आज (अक्टूबर 8, 2020) रिपब्लिक टीवी पर फर्जी टीआरपी खरीदने का आरोप लगाया था। वहीं रिपब्लिक टीवी ने भी प्रतिक्रिया में मुंबई पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह पर मानहानि का मामला दर्ज कराने की बात कही। इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत ट्विटर पर खुशी मनाते दिखे। उन्होंने पुलिस कमिश्नर की प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र करते हुए लिखा- असत्यमेव जयते!!!
Mumbai police commissioner held a press conference just now saying interalia that Republic TV purchased TRPs
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) October 8, 2020
असत्यमेव जयते!!!
संजय राउत के साथ रिपब्लिक टीवी के कई प्रतिद्वंदी टीवी चैनल के पत्रकार भी कटु टिप्पणी करने से नहीं चूके, जो वास्तविकता में हर दिन इस होड़ में लगे रहते हैं कि उन्हें किसी तरह रिपब्लिक टीवी की तरह व्यूअरशिप मिल जाए।
साहिल मुर्ली मेंघानी, जिन्हें शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों का बेहद नजदीकी माना जाता है, उन्होंने भी सोशल मीडिया पर लिखा है कि रिपब्लिक टीवी को न्यूज चैनल नहीं माना जाना चाहिए।
Expect sanctimonious tweets on Republic/Arnab TRP scam from editors while their own channels do the same- except NDTV, DD & BBC.
— Saahil Murli Menghani (@saahilmenghani) October 8, 2020
Currently, Godi media is desperate to regain the space lost to R. Don’t make them or their workers (S)heroes.
Also, stop calling R. a news channel.
भूपेंद्र चौबे ने तो इस मौके को पूरे सिस्टम को क्लीन करने का अवसर बताया। उन्होंने सभी स्टेक होल्डर्स से अपील की कि वह इस मौके का फायदा उठाएँ और ऐसे सिस्टम को क्लीन करें।
I would infact urge all stake holders to use this opportunity to clean up the system. For far too long, news platforms have suffered because lack of transparency in this whole business of ratings #FakeTRP https://t.co/lYR4ecegyV
— bhupendra chaubey (@bhupendrachaube) October 8, 2020
अर्नब गोस्वामी के कट्टर विरोधी व इंडिया टुडे के पत्रकार राहुल कंवल ने भी इस मौके का पूरा फायदा उठाया। साथ ही उन ‘गरीब अनपढ़ लोगों’ के साथ अपनी संवेदनाएँ जाहिर की जो इंग्लिश न्यूज चैनल को अपने टीवी पर देखने के लिए पैसे देते हैं। हालाँकि अब शायद राहुल कंवल ने अपना यह ट्वीट डिलीट कर दिया है।
एनडीटीवी के अरविंद गुनासेकर (Arvind Gunasekar) भी ट्रेंड कर रहे हैशटैग का इस्तेमाल करके मौके का फायदा उठाने से नहीं चूके।
— Arvind Gunasekar (@arvindgunasekar) October 8, 2020
राजदीप सरदेसाई ने तो बड़ी चालाकी से ब्रेकिंग शब्द का इस्तेमाल करके रिपब्लिक टीवी का इस स्कैंडल में होने का जिक्र किया। उन्होंने स्थानीय मराठी चैनल और एक मूवी चैनल के साथ रिपब्लिक टीवी का नाम लेकर कहा कि मुंबई पुलिस ने फेक टीआरपी के रैकेट का भंडाफोड़ किया है।
Breaking: Mumbai police comr claims to have busted fake TRP racket.A local Marathi channel, a movie channel and Republic tv accused of manipulating ratings by bribing households. 2 owners arrested, third to be summoned. Crime proceeds to be confiscated. More details awaited.🙏🏻
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) October 8, 2020
यहाँ गौर करने वाली बात है कि एक ओर जहाँ मुंबई पुलिस कमिश्नर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अर्नब गोस्वामी का नाम लिए जाने के बाद सभी पत्रकार ट्विटर पर खुशी मना रहे हैं। वहीं ये सभी आम दिनों में उनके साथ और उनके चैनल जैसी व्यूअरशिप पाने की होड़ में लगे रहते हैं।
इंडिया टुडे के पत्रकार को अर्नब ने दिखाया विक्ट्री का साइन
इंडिया टुडे की ही यदि बात करें तो आज इस मामले प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उनके रिपोर्टर मुस्तफा शेख फौरन रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्नब गोस्वामी के पास पहुँचे। मगर सबसे दिलचस्प यह देखने को मिला कि अर्नब गोस्वामी ने कुछ भी प्रतिक्रिया देने की बजाय दो उंगलियों से विक्ट्री का साइन बनाकर दिखा दिया।
मुस्तफा बार-बार अर्नब की बाइट लेने के लिए उनके पीछे दौड़ते रहे। मगर, अर्नब से उन्हें विक्ट्री साइन और चेहरे पर मुस्कान देखने को मिली। इंडिया टुडे ने दावा किया कि उनके पत्रकार को अर्नब के बाउंसर ने उनसे अलग भी किया। मुस्तफा ने पूछा, “अर्नब हम आपसे सवाल कर रहे हैं कि… ये आसान सवाल है, अगर आपने गलत नहीं किया, आप बेकसूर हैं… तो आप हमारे साथ ऐसा क्यों बर्ताव कर रहे हैं? यदि आप कह रहे हैं कि यह आपकी जीत है तो सवालों के जवाब दीजिए, अर्नब?”
Republic TV’s Arnab Goswami evades question on #TRPScam revealed by the Mumbai Police. (@mustafashk)#RepublicCheatsBharat #RepublicTRPChor
— IndiaToday (@IndiaToday) October 8, 2020
Watch #7At7 LIVE: https://t.co/4fqxBVUizL pic.twitter.com/LdN2t2SCA1
अर्नब का बयान
बता दें कि परमबीर सिंह के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अर्नब ने अपने बयान की वीडियो जारी की। इसमें अर्नब गोस्वामी ने कहा, “मुंबई पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह ने रिपब्लिक टीवी पर झूठे आरोप लगाए हैं, क्योंकि हमने उनसे सुशांत सिंह राजपूत मामले की जाँच से जुड़े कई सवाल किए थे। रिपब्लिक टीवी मुंबई पुलिस कमिश्नर पर आपराधिक मानहानि का दावा करेगी। BARC ने ऐसी एक भी रिपोर्ट जारी नहीं की है जिसमें रिपब्लिक टीवी का नाम शामिल हो। सुशांत सिंह राजपूत मामले में परम बीर सिंह द्वारा की जाँच पर खुद शक के बादल मंडरा रहे हैं।”
इसके बाद अर्नब ने कहा, “यह सिर्फ और सिर्फ निराशा में उठाया गया एक कदम है क्योंकि रिपब्लिक टीवी ने पालघर मुद्दे, सुशांत सिंह के मुद्दे या इस तरह के किसी भी अन्य मुद्दे पर रिपोर्ट तैयार की। इस तरह निशाना बनाने से हमारा संकल्प और मज़बूत होता है और सच की ज़मीन ठोस होती है। आज परमबीर सिंह की असलियत सामने आ गई है, क्योंकि BARC की रिपोर्ट में रिपब्लिक टीवी का नाम कहीं नहीं है। उन्हें आधिकारिक तौर पर माफ़ीनामा लिखना चाहिए और अदालत में हमारा सामना करने की तैयारी कर लेनी चाहिए।”