सृष्टि जसवाल जुलाई 2020 में सुर्खियों में रही थी। उसने एक ट्वीट में भगवान श्रीकृष्ण के लिए अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद हिंदुस्तान टाइम्स (HT) ने उसे नौकरी से निकाल दिया था। अब यही सृष्टि न्यूजलॉन्ड्री के लिए लेख लिख रही है।
सृष्टि जसवाल ने भगवान श्रीकृष्ण को व्यभिचारी, F#ckboi और फोबिया ग्रसित पागल (उन्मत्त) करार दिया था। उसका कहना था कि भगवान श्रीकृष्ण के बारे में ये सब उसने हिन्दू माइथोलॉजी में पढ़ा है। इस ट्वीट को लेकर भाजपा नेता गौतम अग्रवाल ने उसके खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई थी। विवाद बढ़ने पर एचटी ने सृष्टि जसवाल को बाहर निकाल दिया था।
देडेलीस्विच की रिपोर्ट के अनुसार धुर वामपंथी प्रोपेगेंडा साइट न्यूजलॉन्ड्री के लिए सृष्टि जनवरी से अब तक तीन लेख लिख चुकी है। सृष्टि पर न्यूजलॉन्ड्री के लेख ने एक बार फिर से इस बात को साबित किया है कि घृणा और हिंदूफोबिक होना वामपंथी मीडिया संगठनों में लिखने की पहली शर्त है।
हिंदू घृणा की दुकान के तौर पर कुख्यात न्यूजलॉन्ड्री का एक ऐसा ही स्तंभकार शरजील उस्मानी भी है। इस्लामी कट्टरपंथी उस्मानी दिल्ली दंगों में आरोपित है। दिल्ली दंगों के दौरान पुलिस पर रिवॉल्वर तानने वाले शाहरुख को उसने मुजाहिद तक कहा था। दिल्ली दंगों की एक और आरोपित और पिंजरा तोड़ की सह-संस्थापक नताशा नरवाल भी इस इस पोर्टल की कॉलमनिस्ट रह चुकी है।
पाक प्रेम दिखाने वाले ‘न्यूजलॉन्ड्री’ को लेकर पिछले साल जी न्यूज़ के एक स्टाफ ने खुलासा किया था कि फर्जी ख़बरें चलाने वाले इस पोर्टल के लोग उन्हें लगातार फ़ोन और व्हाट्सऐप पर सुधीर चौधरी के खिलाफ बयान देने के लिए विवश कर रहे हैं। न्यूजलॉन्ड्री के ही एक पूर्व कर्मचारी ने इसके CEO अभिनंदन सेखरी की पोल-पट्टी खोलते हुए बताया था कि हिन्दुओं पर हुए अपराधों को दबाना, मुसलमानों पर हुए अपराधों में ‘हिन्दू कनेक्शन’ निकालना, सहकर्मियों को गाली देना, चिल्लाना और आम आदमी पार्टी के लिए एजेंडा चलाना, सेखरी का SoP है।
हिंदूघृणा से सने कथित पत्रकारों को मौका देने में केवल न्यूजलॉन्ड्री ही आगे नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौत की कामना करने वाली ट्वीट को लेकर स्तुति मिश्रा पर जब द क्विंट ने कार्रवाई की तो उसे एनडीटीवी ने जगह दे दी। एनडीटीवी वही संस्थान है जिसकी डिप्टी एडिटर रही निधि सेठी को पुलवामा अटैक के बाद बलिदानी जवानों का मजाक उड़ाते देखा गया था तो उसके एक अन्य वरिष्ठ पत्रकार विष्णु सोम की मेज पर ओसामा बिन लादेन का पुतला नजर आ चुका है।