बेगूसराय में दलितों को मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा लगातार अपना घर बेचने का दबाव बनाया जा रहा था। उन्हें संपत्ति बेच कर जाने को कहा जा रहा था। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उनके साथ मारपीट की गई। एक नाबालिग दलित को भी पीटा गया। समाजसेवी संजीव नेवर ने एक ऑडियो जारी किया है, जिसमें ‘द वायर’ और ‘इंडिया स्पेंड’ का पत्रकार पीड़ित पर दबाव डालकर कहवाना चाह रहा है कि यह कोई सांप्रदायिक घटना या हेट क्राइम नहीं है।
Reporter says he works for @thewire_in and @Factcheckindia and wants to know if the matter is indeed of religious hate.
— Sanjeev Newar (@SanjeevSanskrit) August 18, 2019
No sensitivity to crime, its gravity, no words of sympathy for victim despite knowing he is minor. As revealed later, he knew all details of case already. 2/n pic.twitter.com/0C5v4x9v19
ऊपर दिए गए ऑडियो में उमेश ख़ुद का परिचय प्रोपेगंडा पोर्टल ‘द वायर’ और ‘इंडिया स्पेंड’ के पत्रकार के रूप में देता है। पीड़ित ने पत्रकार को अपने साथ की गई ज्यादतियों का वर्णन करते हुए बताया कि स्थानीय मुस्लिम गुंडे उसकी नहाती हुई माँ को ग़लत इरादे से घूरा करते थे। साथ ही उसने अपने साथ हुई मारपीट का वाकया भी सुनाया।
After listening to entire case, reporter starts manipulating the boy to put words in his mouth that it is not hate crime. But the honest boy reveals how Dalits in village are forced to be bonded labors of Muslims. Since his family refused, they were attacked. No one helped.
— Sanjeev Newar (@SanjeevSanskrit) August 18, 2019
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पीड़ित ने बताया कि उसकी बहन से जबरन सड़कें साफ़ करवाई गईं। इसके बाद प्रोपेगंडा पत्रकार ने पीड़ित से पूछा कि क्या वहाँ पर बसे अन्य हिन्दू परिवारों के साथ भी मुस्लिम समुदाय द्वारा ऐसा ही व्यवहार किया जाता है? पीड़ित ने बताया कि वहाँ रह रहे हिन्दुओं को मुस्लिमों द्वारा जो भी काम दिए जाएँ, उन्हें पूरा करना होता है।
Reporter shamelessly, after listening all details of how Dalits were attacked, forced to be bonded labor tries to force words in mouth of minor victim. Refers to a news report (probably by @swati_gs) that portrayed it as hate crime, and asks Dalit boy to refute this as lie. 6/n pic.twitter.com/mKelFZDxgw
— Sanjeev Newar (@SanjeevSanskrit) August 18, 2019
वहाँ मुस्लिम समयदाय के लोग दलितों से जबरन काम करवाते हैं लेकिन पीड़ित ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया था। पीड़ित ने बताया कि उसके परिवार में कोई भी बाहर झाड़ू-पोछा या साफ़-सफाई का कार्य नहीं करता है, इसीलिए उसने मुस्लिम समुदाय की बात मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद पत्रकार उमेश ने पीड़ित लड़के से पूछा कि क्या पुलिस को शिकायत दिए जाने की प्रक्रिया में बजरंग दल भी शामिल था?
Boy details how Dalits are restricted from celebrating festivals, how M community gangs up to ostracize Dalits and evict them. Reporter gets upset. Tries to convince boy that things are now peaceful. When boy refutes, he changes topic to know about his father! 8/n pic.twitter.com/meLcjoFwn4
— Sanjeev Newar (@SanjeevSanskrit) August 18, 2019
‘द वायर’ का पत्रकार यह जानना चाहता था कि क्या पीड़त ने बजरंग दल के कहने पर पुलिस में मामला दर्ज कराया? हालाँकि, पीड़ित ने पत्रकार द्वारा बार-बार बात घुमाने के बाद भी अपने बयान पर कायम रहते हुए बताया कि पुलिस को उसने जो बयान दिया है, वह उसका ख़ुद का है और उसने किसी के प्रभाव में आकर यह बयान नहीं दिया है। हालाँकि, पीड़ित ने यह ज़रूर कहा कि शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया में बजरंग दल ने समाजिक दायित्व निभाते हुए उसकी मदद की।
पत्रकार उमेश ने बेशर्मी दिखाते हुए पीड़ित से पूछा कि क्या मुस्लिमों ने उसे पीटते समय यह बताया कि उसे हिन्दू होने की वजह से पीटा जा रहा है? कथित फैक्ट चेकर वेबसाइट के पत्रकार की मानें तो जब तक आरोपित ख़ुद ऐसा नहीं कहता, तब तक यह नहीं माना जाएगा कि यह हेट क्राइम है। जून में आई स्वराज्य की ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित महादलित परिवार ने पुलिस को दी गई शिकायत में कहा था कि 10 जून की रात अचानक से उसके घर में भीड़ घुस आई और घर की दो औरतों के साथ दुर्व्यवहार किया गया।
आरोपितों ने पिस्तौल के दम पर बलात्कार करने की भी कोशिश की थी। पीड़ित महादलित परिवार को न्याय दिलाने की माँग के साथ भाजपा व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन भी किया था। बजरंग दल ने कहा था कि नूरपुर को कश्मीर एवं कैराना बनाने की कोशिश हो रही है, जिससे हिन्दू यहाँ से पलायन कर जाएँ।