Tuesday, April 23, 2024
Homeरिपोर्टमीडियातपती दोपहर में सड़क पर गेहूँ के दाने समेटती 10 साल की आरती: तस्वीर...

तपती दोपहर में सड़क पर गेहूँ के दाने समेटती 10 साल की आरती: तस्वीर के पीछे का सच क्या है

सोशल मीडिया में 'युवा उज्जैन' नाम की एनजीओ का वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें बच्ची और बच्ची के माँ के बयान को रिकॉर्ड करके दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीर लड़की से फोटोग्राफर ने कहकर ख़िंचवाई थी। लड़की पहले से तपती दोपहरी में सड़क पर बिखरे गेहूँ नहीं बटोर रही थी।

दैनिक भास्कर के उज्जैन संस्करण में 10 साल की आरती की एक तस्वीर छपी। तस्वीर में बच्ची जमीन पर गिरे गेहूँ के दानों को समेटती नजर आ रही है। तस्वीर के कैप्शन में दावा किया गया है कि भरी दोपहर में ऐसा उसे उसकी माँ ने करने को कहा, ताकि उसके छोटे भाई-बहन के लिए 1-2 दिन रोटी बन सके।

निस्संदेह अखबार में छपी तस्वीर और उसका कैप्शन बेहद मार्मिक है। लेकिन इस तस्वीर के कारण उक्त मीडिया संस्थान विवादों में आ गया है।

दरअसल, इस तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया में ‘युवा उज्जैन’ नामक एनजीओ का वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें बच्ची और बच्ची के माँ के बयान को रिकॉर्ड करके दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीर लड़की से फोटोग्राफर ने कहकर ख़िंचवाई थी। लड़की पहले से तपती दोपहरी में सड़क पर बिखरे गेहूँ नहीं बटोर रही थी।

युवा उज्जैन की वीडियो में लड़की की माँ कह रही है कि फोटोग्राफर ने पहले दाने बिखरवाए और फिर न्यूज बनाने के लिए दोबारा से उसे ढुलवाया। वहीं आरती कहती नजर आ रही है कि उसने दानों को समेटकर बकरी को खिला दिया था।

जबकि, कैप्शन में ये लिखा है कि आरती ने फोटोग्राफर को बताया कि एक गाड़ी वाले के कुछ गेहूँ सड़क पर गिर गए थे। ऐसे में जब उसने अपनी माँ को इस बारे में बताया तो उसकी माँ ने उसे कहा कि वे गेहूँ के दानों को थैली में भरकर ले आए, जिससे वे उसे घट्टी में पीसकर एक-दो दिन की रोटी उन्हें दे सकें।

अब जब हमने इस वीडियो के संबंध में और अखबार के दावे के मद्देनजर उज्जैन में दैनिक भास्कर के संपादक कपिल भटनागर से बात की तो उन्होंने अपनी खबर और तस्वीर को सही बताया।

उन्होंने कहा, “मुमकिन है वीडियो में उनसे (लड़ती की माताजी) ऐसा बुलवाया गया हो। हमारे पास उस समय की अलग-अलग एंगल की फोटो हैं। बाकी हम इस मामले में आगे पड़ताल करवा रहे हैं। वहाँ पर सीसीटीवी थे। उनसे देखा जाएगा कि आगे क्या हुआ, क्या नहीं। मैं कोई विदेशी पत्रकार नहीं हूँ, जो ये दिखाने की कोशिश करूँ कि देश में भुखमरी है। हम इतने जिम्मेदार हैं कि कुछ गलत करने से पहले सोचेंगे।”

उन्होंने अपनी रिपोर्ट को लेकर ये भी कहा, “जो फोटोग्राफर को दिखा, हमने उसे दिखाया। उसने जो बताया हमने प्रकाशित किया। अपने मन से न हमने फोटो से छेड़छाड़ की और न कंटेट से।”

बता दें युवा उज्जैन नामक एनजीओ ने अपने वीडियो के माध्यम से दैनिक भास्कर पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि जब ब्रांडेड अखबार ने इतनी मार्मिक स्टोरी की और हजारों लाखों रुपए डोनेशन की माँग की, तो इसके फोटोग्राफर ने बच्ची की मदद के लिए कोई प्रयास क्यों नहीं किए?

वीडियो में वे कह रहे हैं कि आज उनकी संस्था के द्वारा आरती के घरवालों को मदद की जा रही है। मगर, जितनी भी संस्थाएँ उज्जैन के अंदर मदद और सेवा का कारवाँ चला रही हैं और प्रयासरत हैं कि उज्जैन में कोई भूखा न सोए, उन सबको इस अखबार की इस न्यूज ने ठेंगा दिखाया है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘राहुल गाँधी की DNA की जाँच हो, नाम के साथ नहीं लगाना चाहिए गाँधी’: लेफ्ट के MLA अनवर की माँग, केरल CM विजयन ने...

MLA पीवी अनवर ने कहा है राहुल गाँधी का DNA चेक करवाया जाना चाहिए कि वह नेहरू परिवार के ही सदस्य हैं। CM विजयन ने इस बयान का बचाव किया है।

‘PM मोदी CCTV से 24 घंटे देखते रहते हैं अरविंद केजरीवाल को’: संजय सिंह का आरोप – यातना-गृह बन गया है तिहाड़ जेल

"ये देखना चाहते हैं कि अरविंद केजरीवाल को दवा, खाना मिला या नहीं? वो कितना पढ़-लिख रहे हैं? वो कितना सो और जग रहे हैं? प्रधानमंत्री जी, आपको क्या देखना है?"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe