Friday, April 26, 2024
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देश में कुछ दिनों में खत्म हो जाएगी ऑक्सीजन की किल्लत: INOX Air के निदेशक ने दिलाया भरोसा

INOX 2600 टन ऑक्सीजन प्रोड्यूस करके 26 राज्यों की जरूरत पूरी करता है। जैन के अनुसार, ये क्षमता पिछले तीन सालों में 40 प्रतिशत बढ़ी है।

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की माँग 7 गुना बढ़कर 700 टन प्रतिदिन से 5000 टन प्रतिदिन हो गई है। केंद्र ने जरूरत के मद्देनजर कई राज्य में प्रेशर स्विंग एडसॉर्प्शन (PSA) मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाने की अनुमति दी है। साथ ही संबंधित उद्योगों को ऑक्सीजन प्रोड्यूस करने का काम शुरू करने को कहा गया है।

बिजनेस टुडे के अनुसार, सरकार के इस फैसले एक माह के भीतर ही देश में कुल उपलब्ध ऑक्सीजन क्षमता 9200 टन प्रतिदिन हो गई है। क्षमता में करीब 300% इजाफा हुआ है। भारत में औद्योगिक और मेडिकल गैसों के सबसे बड़े निर्माता, आईनॉक्स एयर (INOX Air) प्रोडक्ट्स के निदेशक सिद्धार्थ जैन ने कहा कि कुछ दिन में ऑक्सीजन की किल्लत दूर हो जाएगी।

कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान इतने बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन की जरूरत का अंदाजा नहीं लगाया गया था। अधिक से अधिक 3000 टन प्रतिदिन माँग थी।

ऑक्सीजन सप्लाई में INOX की भूमिका

बता दें कि INOX 75% मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध कराती है। इस समय आ रही परेशानियों पर बात करते हुए INOX के निदेशक सिद्धार्थ जैन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मुख्य समस्या सप्लाई करने की है, क्योंकि लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन को क्रायोजेनिक टैंकर में ले जाना पड़ता है जिसका रेडियस मुश्किल से 200 किलोमीटर होता है। सुदूर इलाकों में ऑक्सीजन की बढती माँग के कारण अब ये रेडियस 1000 किलोमीटर का होना है। भारत में वर्तमान आपदा से पहले ऐसे सिर्फ 12000 टैंकर थे। मगर हाल में 1200 अन्य नाइट्रोजन और आर्गन टैंकर को भी ऑक्सीजन टैंकर में बदलने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा 40 टैंकर बाहर से लाए गए हैं।”

उन्होंने कहा, “प्वाइंट टू प्वाइंट ग्रीन कॉरिडोर में ऑक्सीजन एक्सप्रेस प्रभावित इलाकों तक जा रही है और एयरफोर्स, नेवी ने मदद कर लॉजिस्टिक समस्याओं का निदान कर दिया है। यदि गैर प्रभावित राज्यों में ये लहर फैलती है तो अब हम सबसे दूर इलाकों में भी जरूरत पूरा कर सकते हैं।” 

INOX 2600 टन ऑक्सीजन प्रोड्यूस करके 26 राज्यों की जरूरत पूरी करता है। जैन के अनुसार, ये क्षमता पिछले तीन सालों में 40 प्रतिशत बढ़ी है और इसे बढ़ाने के लिए कुछ सालों में 2000 करोड़ रुपए की इन्वेस्टमेंट का भी ऐलान किया गया है। सिद्धार्थ ने जानकारी दी है कि नया ऑक्सीजन प्लांट दो साल में लग जाएगा।

देश में ऑक्सीजन उत्पादन

बिजनेस टुडे की रिपोर्ट में INOX के अनुसार ऑक्सीजन निर्माण की अधिकतर ईकाइयाँ देश के उत्तरी और पूर्वी इलाकों में, स्टील प्लांट्स के पास हैं जो ऑक्सीदन के प्रमुख उपभोक्ता हैं। महाराष्ट्र, जहाँ इस समय ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा माँग हैं, वहाँ 1500 टन ऑक्सीजन उत्पन्न होती है। गुजरात और उत्तर प्रदेश में भी ऐसा हाल है। कुल उत्पादन का 25% ऑक्सीजन केवल महाराष्ट्र और गुजरात में इस्तेमाल होता है।

राजधानी में ऑक्सीजन माँग की पूर्ति पर जवाब देते हुए जैन ने कहा, “दिल्ली में विनिर्माण इकाई नहीं है। वर्तमान में वहाँ सप्लाई 140 टन प्रतिदिन है। पिछले तीन दिनों में 450 टन की आपूर्ति हुई है। पहले कंपनियाँ अस्पतालों में सीधे मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही थी। अब, केंद्र उत्पादन की निगरानी करता है और मामलों और स्थिति की संख्या के आधार पर राज्यों को ऑक्सीजन आवंटित करता है।” 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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