नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ देश भर में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों में आतंकियों के स्लीपर मॉड्यूल सक्रिय हो चुके हैं। इनकी सक्रियता राजधानी दिल्ली में भी है। तोड़फोड़, आगजनी, पत्थरबाज़ी और दंगा भड़काने के मक़सद से इंडियन मुजाहिदीन और सिमी से जुड़े कट्टरपंथी आतंकी अपनी पूरी तैयारी के साथ नागरिकता क़ानून के खिलाफ़ हो रहे प्रदर्शनों में शामिल हो चुके हैं। यह जानकारी ख़ुफ़िया एजेंसियों के माध्यम से मिली है, जिसकी पुष्टि दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने की है।
अधिकारी के अनुसार, गुरुवार (19 दिसंबर) को हुए विरोध-प्रदर्शन में बड़ी संख्या में मेवात, नूंह और उसके आसपास क्षेत्रों से क़रीब 25 हज़ार लोग गाड़ियों के ज़रिए दिल्ली में दाखिल होकर प्रदर्शन में शामिल हुए। इसी के मद्देनज़र दिल्ली पुलिस ने रात को ही गुड़गाँव बॉर्डर पर बैरिकेड्स लगाकर पुख़्ताा इंतज़ाम कर दिए थे। इसके अलावा, अतिरिक्त फ़ोर्स के साथ ही सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों को राउंड पर लगाया गया था। यही वजह थी कि गुरुवार को कड़ी निगरानी के बीच गाड़ियों की आवाजाही होने दी गई।
अधिकारी ने बताया कि क़रीब 60 व्हाट्सएप ग्रुप, ट्विटर, फ़ेसबुक अकाउंट को सस्पेंड करने के लिए स्पेशल सेल ने प्रोवाइडर कंपनियों को लेटर लिखा है। विरोध-प्रदर्शनों के मद्देनज़र गुरुवार को दिल्ली के कई इलाक़ों में इंटरनेट सेवा बंद कराई गई थी। इसके लिए स्पेशल सेल ने इंटरनेट और मोबाइल कंपनियों को एक दिन पहले ही सीक्रेट लेटर भेजा था, जिसका ख़ुलासा गुरुवार को हुआ।
ख़बर के अनुसार, सीक्रेट लेटर में चुछ चुनिंदा संवेदनशील इलाक़ों में इंटरनेट सेवाएँ बंद करने की बात कही गई थी। इस तरह का सीक्रेट लेटर, एयरटेल वोडाफोन, आइडिया, जियो, महानगर टेलिफोन निगम लिमिटेड, भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को भेजा गया था। इसमें नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ हो रहे विरोध-प्रदर्शनों से फैली अराजकता के मद्देनज़र क़ानून-व्यवस्था का हवाला दिया गया था।
एजेंसियों से कहा गया था कि 19 दिसंबर को सुबह 9 बजे से 1 बजे तक सभी सेवाएँ बंद रखी जाएँ। बंद की जाने वाली इन सेवाओं में कॉलिंग, SMS, वॉइस मैसेज और इंटरनेट सेवाएँ शामिल थीं। साथ ही उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफ़राबाद, सीलमपुर, मुस्तफ़ाबाद, साउथ ईस्ट दिल्ली के जामिया नगर, शाहीन बाग और हरियाणा की सीमा पर बवाना इलाक़े में भी संचार सेवाएँ बंद रखने को कहा गया था। पुलिस ने बताया कि यह क़दम ख़ुफ़िया जानकारी मिलने के बाद उठाया गया।
बता दें कि नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) के विरोध में लगातार हो रहे हिंसक विरोध-प्रदर्शनों को कॉन्ग्रेस और कट्टरपंथी इस्लामिक समूहों द्वारा भड़काए जाने की बात भी सामने आई थी। इनमें कुछ व्हाट्सअप ग्रुप भी शामिल हैं, जो इन दंगों को हवा देने का काम कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें: सिमी आतंकी इलियास और एजाज गिरफ्तार, मुंबई लोकल ब्लास्ट में 12 साल से थी तलाश
हैदराबाद में पुलिस के हत्थे चढ़ा सिमी आतंकी अजहर, 6 साल पहले किया था मंदिर में विस्फोट
वायरल Whatsapp चैट से खुलासा: प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव गिरोह ने रची थी हिंसा की बड़ी साज़िश
जामिया नगर से गिरफ्तार हुए 10 लोगों का पहले से है आपराधिक रिकॉर्ड, पुलिस ने नहीं चलाई एक भी गोली
जामिया में मिला कारतूस हमारा नहीं, दिल्ली पुलिस ने गोली नहीं चलाई: गृह मंत्रालय