ISIS समर्थित पत्रिका ‘वॉयस ऑफ खुरासान’ ने अपने ताजा संस्करण में हिन्दुओं के कत्लेआम का एलान किया है। इस नरसंहार के लिए भारत के साथ-साथ दुनिया भर के मुस्लिमों को उकसाया गया है। महमूद गज़नवी और मोहम्मद बिन कासिम जैसे आक्रांताओं की तारीफ करते हुए इस पत्रिका में भारत के भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अन्य नेताओं को इस्लाम का दुश्मन घोषित किया गया है। इसी संस्करण में राम मंदिर पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पत्रिका ‘वॉयस ऑफ खुरासान’ ने अपने कवर पेज पर दी गई हेडलाइन में लिखा, “हे बहुदेववादी भारतीय राजा। महमूद गजनवी का फिर से सामना करने के लिए तैयार हो जाओ।” इसके बाद उन्होंने लिखा, “भारत के मुशरिकों को कारों से मारो। चाकुओं से उनके पेट चीरो। इनके मंदिरों, घरों, कारों, संपत्तियों और फसलों में आग लगाओ। भीड़-भाड़़ वाली जगहों को निशाना बनाओ। उन्हें दिखाओ कि पैगंबर मुहम्मद का उम्माह अभी जिंदा है।”
लेख यहीं खत्म नहीं हुआ। इसमें आगे लिखा गया, “अगर भारत के मुसलमान हिंदुओं पर हमला करने में असमर्थ हैं तो दुनिया भर के मुस्लिमों को एक साथ मिलकर भारत पर हमला करना चाहिए। अगर तुम इसके बावजूद मुशरिकों पर काबू नहीं पा सके तो इस्लामिक में विलायत के दरवाज़े तुम्हारे लिए खुले हैं।” पश्चिम के देशों का जिक्र करते हुए इस लेख में उनको नास्तिक और मुस्लिमों को खत्म करने की कोशिश करने वाला बताया गया है।
मुस्लिमों को भड़काने के लिए इस लेख में कहा गया है कि गैर मुस्लिम उनकी जमीनों पर कब्ज़ा और महिलाओं का अपमान करते हुए शरिया कानूनों का मज़ाक उड़ा रहे हैं। आज के अधिकतर मुस्लिमों को इस दुनिया से मोहब्बत हो गई है, इसलिए वो जिहाद की राह में मरने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। यहाँ मुशरिकों का अर्थ उन सभी से है, जो किसी भी प्रकार की बुतपरस्ती (मूर्ति पूजा) करते हैं।
हिन्दुओं के साथ हिन्दू नेता भी निशाने पर
ISIS समर्थित पत्रिका के इस लेख में हिन्दू नेताओं में खासतौर पर भाजपा से जुड़े लोगों को मुस्लिमों पर अत्याचार करने वाला बताया गया है। लेख में मोहम्मद बिन कासिम और महमूद गज़नवी जैसे हमलावरों की तारीफों के पुल बाँधे गए हैं। मुस्लिमों से उनकी जीत को याद करके उन्हीं की राह पर चलने को हिदायत दी गई है। इस जीत का एकमात्र रास्ता हिंसक जिहाद ही बताया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर खासतौर से निशाना
इस पत्रिका के आतंकवाद समर्थक लेख में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खासतौर पर निशाने पर लिया गया है। उन्हें इस्लाम का दुश्मन करार देते हुए मुस्लिमों के खिलाफ गलत व्यवहार करने वाला बताया गया है। लेख में यह भी है कि नरेंद्र मोदी इस्लामी तौर-तरीकों का मज़ाक उड़ाते हैं। मोदी के शासन को ISIS की पत्रिका ने एक चरमपंथी हिन्दू राष्ट्रवादी का राज बताया है और उनकी नीतियों की आलोचना की है।
ISIS की इस पत्रिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान भारत के मुसलमानों को घुसपैठिया कहा था। हालाँकि, यह कॉन्ग्रेस और भारत के कुछ कथित उदार मुस्लिमों द्वारा फैलाई गई अफवाह थी।
राम मंदिर पर अपमानजनक टिप्पणी
राम मंदिर को बाबरी मस्जिद की जगह बनवाने जैसी बातें भी इस पत्रिका में कही गई हैं। इसके लेख से लगता है कि जैसे ISIS राम मंदिर पर हमले की फिराक में था। रामजन्मभूमि पर हुए तमाम आयोजनों और भजन को ISIS की इस पत्रिका में अश्लील पार्टी और गंदे गाने जैसे शब्दों से सम्बोधित किया गया है। मंदिर परिसर में शराब परोसने जैसी बातें लिखी गईं है। इसमें आगे कहा गया है कि मस्जिद की उस पाक जमीन पर अब गाय और मूर्तियों की पूजा हो रही है।
जनवरी 2024 में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ तमाम फ़िल्मी, राजनैतिक, खेल और व्यापार जगत की हस्तियों के शामिल होने पर भी ISIS की इस पत्रिका में नाराजगी जताई गई है। लेख में राम मंदिर-बाबरी केस में आए गए फैसले को भी गलत ठहराने की कोशिश की गई है।
पत्रिका में नूपुर शर्मा भी निशाने पर
एक लम्बे समय के बाद सार्वजानिक जीवन में फिर से दिख रहीं नूपुर शर्मा का भी जिक्र ISIS की इस पत्रिका में हुआ है। TV डिबेट में उनके द्वारा की गई टिप्पणी को भी दोबारा याद दिला कर कुछ लोगों को भड़काने का प्रयास हुआ है। बताते चलें कि मोहम्मद जुबैर द्वारा एडिटेड क्लिप शेयर करते ही नूपुर शर्मा को पूरी दुनिया से रेप, हत्या और सिर तन से जुदा की धमकियाँ मिलने लगीं थी।
हालाँकि TV डिबेट के दौरान तस्लीम रहमानी द्वारा बार-बार ज्ञानवापी के शिवलिंग का अपमान किए जाने के जवाब में नूपुर शर्मा की कही गई तमाम बातें ज़ाकिर नाईक सहित कई कई इस्लामिक स्कॉलर के बयानों से मेल खाती हैं। इसके बावजूद नूपुर शर्मा आज इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गई हैं।
कट्टरपंथियों के निशाने पर अब माधवी लता भी
लोकसभा चुनाव 2024 में हैदराबाद से असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ रहीं भाजपा प्रत्याशी भी अब कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। इस लेख में दावा किया गया है कि साल 2023 में माधवी लता को किसी मुस्लिम विरोधी बयान के चलते कार्रवाई झेलनी पड़ी थी। माधवी लता को प्रत्याशी बनाने की वजह इस लेख में भाजपा द्वारा मुस्लिम विरोधी नेताओं को तरजीह देने की सोच माना गया है।
भारत में हिंसा को भड़काने की साजिश
भारत और उसके आसपास के इलाकों को मुस्लिम विरोधी बताकर ISIS ने हिन्दुओं को मुस्लिमों का दुश्मन बताया है। प्रधानमंत्री मोदी के शासन को इस लेख में मिस्र के फराओ का बनी इस्रायल के साथ दुश्मनी वाले दौर की तरह बताया गया है। लेख में लोगों को भड़काते हुए कहा गया है कि आज भारत के लगभग 22 करोड़ मुस्लिम हिन्दुओं की गुलामी में दर्दनाक जीवन बिताने को मजबूर है।
जिहाद के लिए उकसाया
ISIS ने अपने इस लेख में मुसलमानों से गैर मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा के लिए उकसाया है। उन्हें हिन्दुओं की हत्या बम ब्लास्ट और अन्य रूपों के जरिए करने के लिए कहा गया है। इन हरकतों को लेख में बदला लेने की नीयत से किया गया मज़हबी और नेक काम वाली कोशिश कहा गया है। हिंसा के लिए मंदिरों, सार्वजनिक स्थानों और राजनीतिक हस्तियों को चुन लेने के लिए भी भड़काया गया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है लेख
इस तरह के लेख भारत की आतंरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है। ‘वॉयस ऑफ खुरासान’ पत्रिका टेलीग्राम चैनलों के साथ फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल की जाती है। इसी की वजह से सार्वजनिक स्थानों के साथ कुछ नामी-गिरामी हस्तियों पर हमले की आशंका बढ़ जाती है। इससे पैदा हुए हालात देश में अस्थिरता का माहौल बनाते हैं। आशा है कि सरकार इसे गंभीरता से लेगी।
(इस लेख को मूल रूप से अंग्रेजी में अनुराग ने लिखा है। इस लिंक को क्लिक करके आप इसे पढ़ सकते हैं।)