जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकियों ने पुलिसकर्मियों पर हमला बोला। इस बार घटना बांदीपोरा के गुलशन चौक की है। बताया जा रहा है कि हमले में 2 जवानों की जान चली गई। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि आतंकी हमले में मोहम्मद सुल्तान और फैयाज अहमद घायल हो गए थे। इसके बाद दोनों को अस्पताल पहुँचाया गया लेकिन वहाँ दोनों को मृत घोषित कर दिया गया।
पुलिस का कहना है कि उन्होंने आतंकियों को तलाशने के लिए घेराबंदी शुरू कर दी है। आतंकियों की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर खोज अभियान चलाया जा रहा है।
Two cops killed in Bandipora militants attack.
— asifsuhaf (@asifsuhaf) December 10, 2021
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जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को बांदीपोरा के गुलशन चौक इलाके में पुलिस की टीम तैनात थी, जिससे बाजार की सुरक्षा को देखा जा सके। इस दौरान पुलिस टीम पर अचानक आतंकी हमला हुआ। उनकी फायरिंग की चपेट में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। कथिततौर पर, आतंकी किसी वाहन पर सवार होकर आए थे और हमला करके वहाँ से भाग निकले।
#Terrorists fired upon a police party at Gulshan Chowk area of #Bandipora. In this #terror incident, 02 police personnel namely SgCT Mohd Sultan & Ct Fayaz Ahmad got injured & attained #martyrdom. Area cordoned off. Further details shall follow. @JmuKmrPolice
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) December 10, 2021
आतंकी हमले की जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने निंदा करते हुए कहा, ”मैं उत्तरी कश्मीर के बांदीपुर इलाके में पुलिस पर आतंकवादी हमले की निंदा करता हूँ। इस हमले में जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान मोहम्मद सुल्तान और फैयाज अहमद की जान चली गई। ईश्वर उन्हें जन्नत प्रदान करें और उनके परिवारों को शक्ति मिले।”
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना ने आतंकियों के खिलाफ अपने अभियान को तेज किया है। जिसके बाद आतंकी अब सैनिकों और पुलिसकर्मियों को निशाना बना रहे हैं। वहीं भारतीय सुरक्षाबल भी इन्हें मुँहतोड़ जवाब देने में जुटे हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि हाल में केंद्र सरकार ने इस बात की जानकारी दी थी कि पिछले तीन साल में जम्मू कश्मीर में 1, 033 आतंकीवादी हमले हुए हैं। इनमें सबसे अधिक घटनाएँ साल 2019 में हुई थीं। स्वंय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट राज्यसभा में यह जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले साल 244 आतंकवादी हमले हुए। मौजूदा वर्ष में 15 नवंबर तक ऐसी 196 घटनाएँ सामने आईं। इस दौरान आतंकवाद विरोधी अभियान में सीआरपीएफ जवानों सहित कुल 177 कर्मियों की मौत हुई। उन्होंने बताया कि 2019 में 80, 2020 में 62 और मौजूदा वर्ष (15 नवंबर तक) में 35 कर्मियों की मृत्यु हुई।