Saturday, July 27, 2024
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फर्जी मेडिकल बिल लगाकर रेलवे से पैसा लेता था क्लर्क, फिर ISIS आतंकियों के अकाउंट में डाल देता: NIA कर रही तलाश

यह क्लर्क रेलवे के वित्त विभाग में काम करता है और आतंकियों को लगातार मदद पहुँचा रहा था। उसने पैसे जुटाने के लिए रेलवे में फर्जी मेडिकल बिल जमा किए। इसके आधार पर मिले पैसे ISIS आतंकियों को भेज दिए। उसकी तलाश जारी है। उत्तर रेलवे ने अब इस कर्मचारी के विरुद्ध FIR दिल्ली के एक थाने में दर्ज करवाई है।

टेरर फंडिंग में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) भारतीय रेलवे के एक क्लर्क की तलाश कर रही है। उत्तर रेलवे में तैनात यह क्लर्क फर्जी मेडिकल बिल लगाकर पैसे निकालता था। फिर वही पैसा इस्लामिक स्टेट (ISIS) आतंकियों के बैंक अकाउंट में डाल देता था। इसी साल अक्टूबर में गिरफ्तार तीन आतंकियों से पूछताछ में इस क्लर्क के बारे में पता चला है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2023 में दिल्ली पुलिस ने तीन ISIS आतंकियों – शाहनवाज आलम, मोहम्मद अशरफ और मोहम्मद अरशद वारसी को गिरफ्तार किया था। इनके बैंक खातों की जाँच के बाद यह सामने आया है कि उन्हें कुछ स्रोतों से लगातार पैसे आ रहे थे। इनकी जाँच में सामने आया कि नोएडा में रहने वाला रेलवे का एक कर्मचारी इन्हें लगातार पैसे भेजता था।

यह क्लर्क रेलवे के वित्त विभाग में काम करता है और आतंकियों को लगातार मदद पहुँचा रहा था। उसने पैसे जुटाने के लिए रेलवे में फर्जी मेडिकल बिल जमा किए। इसके आधार पर मिले पैसे ISIS आतंकियों को भेज दिए। उसकी तलाश जारी है। उत्तर रेलवे ने अब इस कर्मचारी के विरुद्ध FIR दिल्ली के एक थाने में दर्ज करवाई है। FIR में उसके विरुद्ध पैसों की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज करवाया गया है।

यह क्लर्क जिन आंतकियों को पैसे भेजता था, उन लोगों ने भारत में कई आतंकी हमले करने की साजिश रची थी। इसके सरगना शाहनवाज और अन्य आतंकियों ने अहमदाबाद, सूरत और बड़ौदा में आरएसएस सहित हिंदू संगठनों से जुड़े 15 जगहों की रेकी की थी। आतंकियों का इरादा हिंदूवादी संगठनों और नेताओं को निशाना बनाना था। यही नहीं, शाहनवाज 26/11 जैसे आतंकी हमले की तरह देश भर में 5 जगहों नूहं, मेवात, दिल्ली, लखनऊ और रुद्रप्रयाग में धमाके करने वाला था। 

फ्री प्रेस जर्नल की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दिल्ली में गिरफ्तार किए गए शाहनवाज आलम और मोहम्मद रिजवान अशरफ पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI और भगोड़े आतंकी फरहतुल्लाह गौरी के इशारों पर काम कर रहे थे। इन्होंने ही उसे दिल्ली में छुपने की जगह उपलब्ध करवाई थी। वे जुलाई 2023 में महाराष्ट्र में छापे तेज होने के बाद दिल्ल्ली पहुँचे थे। इन छापों में इमरान नाम का एक आतंकी पकड़ा गया था। हालाँकि दिल्ली पहुँचने के बाद अक्टूबर में इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

9 दिसम्बर को NIA ने महाराष्ट्र और कर्नाटक में 44 जगहों पर छापेमारी करके 15 लोगों को गिरफ्तार किया था। इस छापेमारी में ISIS के मॉड्यूल को तोड़ा गया था। इस छापेमारी में गिरफ्तार होने वाले सभी लोग महाराष्ट्र के ठाणे के रहने वाले थे। यहाँ के एक गाँव पडघा से आतंकी साकिब नाचान और उसके बेटे को भी उठाया गया था। साकिब इससे पहले भी आतंकी वारदातों को अंजाम देने के चलते 2 अलग-अलग मामलों में अदालत से सजा पा चुका है। उसका बेटा भी NIA द्वारा गिरफ्तार किया गया है।

इससे पहले भी NIA राज्यों की सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर कई अन्य अटनाकि मॉड्यूल का खुलासा कर चुकी है। हाल ही में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से सम्बन्ध रखने वाले और झारखंड से कई आतंकियों को पकड़ा गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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