Friday, May 23, 2025
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षापुलवामा के वीर: 4 दिन पहले ही लौटे थे ड्यूटी पर, किसे मालूम था...

पुलवामा के वीर: 4 दिन पहले ही लौटे थे ड्यूटी पर, किसे मालूम था तिरंगे में लिपटकर आएँगे घर

उन्नाव ज़िले के अजीत कुमार छुट्टियों में घर आए थे, लेकिन 10 फरवरी को छुट्टी समाप्त होने पर वो जम्मू वापस लौट गए थे। किसे मालूम था कि अजीत से घरवालों की मुलाकात उनकी आखिरी मुलाकात है

साल 2019, तारीख़ 14 फरवरी, दिन गुरुवार। जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में एक ऐसी आतंकी घटना हुई, जिसने पूरे भारत को हिलाकर रख दिया। इस घटना में सीआरपीएफ के 44 के लगभग जवान शहीद हो गए। इन 44 शहीदों में से एक नाम उत्तर प्रदेश में उन्नाव जिले के लोक नगर से आए अजीत कुमार का भी है। कल हुई इस भयावह घटना में अजीत के घरवालों ने उन्हें हमेशा के लिए खो दिया।

अजीत की उम्र मात्र 38 साल थी। चार दिन पहले ही अजीत अपनी छुट्टियाँ बिताकर ड्यूटी पर वापस लौटे थे। कल (फरवरी 14, 2019) देर रात को छोटे भाई रंजीत के पास अजीत के शहीद होने की खबर पहुँची। ख़बर सुनने के बाद परिवार के सभी सदस्यों में कोहराम मच गया। देर रात इसकी सूचना मिलने पर डीएम और सिटी मजिस्ट्रेट अजीत के घरवालों की हिम्मत बढ़ाने उनके घर पहुँचे।

लोकनगर निवासी अजीत कुमार सीआरपीएफ की 115वीं बटालियन में तैनात थे। बीते गुरुवार की शाम वह जम्मू से श्रीनगर सीआरपीएफ के काफ़िले के साथ जा रहे थे। इस दौरान पुलवामा के अवंतीपोरा के गोरीपोरा में एक आतंकी ने विस्फोटक से भरी गाड़ी को जवानों की बस से टकरा दी। इस विस्फोट का धमाका इतना तेज़ था कि बहुत दूर तक आवाज़ आई और ऐसा लगा जैसे धरती काँप उठी।

अजीत के भाई रंजीत ने बताया कि वो लोग आतंकी हमले की घटना को उस समय टीवी पर देख ही रहे थे, जिस समय उनके भाई के शहीद होने की ख़बर मिली। अजीत अपने घर में पाँच भाइयों में सबसे बड़े थे। अजीत के छोटे भाई विद्यालय में शिक्षक हैं। तीसरे भाई का नाम रंजीत है, और चौथे नंबर पर मंजीत है। मंजीत भी सेना में जवान है, फिलहाल इस समय मंजीत भोपाल में तैनात है। इसके अलावा घर का सबसे छोटा लड़का संजीत बीटीसी कर रहा है।

रंजीत ने बताया कि एक महीने पहले ही उनके बड़े भाई अजीत छुट्टियों में घर आए थे, लेकिन 10 फरवरी को छुट्टी समाप्त होने पर वो जम्मू वापस लौट गए थे। किसे मालूम था कि अजीत के घरवालों की मुलाकात उनसे आखिरी है, इसके बाद वो तिरंगे में लिपट कर ही वापस आएँगे।

आतंकी हमले की बाद से कई घंटो तक सन्नाता पसरा रहा। देर शाम अजीत के शहीद होने से परिजनों में कोहराम मच गया। पिता प्यारे लाल, माँ राजवंती व पत्नी मीना का रो रोकर बुरा हाल हो गया। परिजनों को रोता देख घर की मासूम बेटियाँ उन्हें संभाल रही हैं। माँ मीना को बेटी ईशा (11) व रिषा (09) संभालती रहीं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘मोहसिन सर आए… दबाने लगे सीना-जाँघ…’: निशानेबाजी सिखाने के बहाने इंदौर में लड़कियों का कर रहा था शिकार, हिंदू संगठन बोले- 100+ का किया...

इंदौर में शूटिंग के नाम पर यौन शोषण करने वाले मोहसिन खान के फोन से कई लड़कियों के साथ अश्लील हरकतें करते हुए वीडियो मिले हैं।

कितनी सरकारें आईं, गईं, अबूझमाड़ में खत्म नहीं कर सकी नक्सली हुकूमत… पर मोदी सरकार ने यह भी कर दिखाया: जानिए कैसे 4000 वर्ग...

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ इलाके से मोदी सरकार ने नक्सलियों को भागने पर मजबूर कर दिया है। यहाँ इससे पहले वह समानांतर सरकार चलाते थे।
- विज्ञापन -