Friday, May 16, 2025
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षागलवान के वीर दीपक सिंह की 'टीचर' पत्नी बनीं सेना में लेफ्टिनेंट: पति के...

गलवान के वीर दीपक सिंह की ‘टीचर’ पत्नी बनीं सेना में लेफ्टिनेंट: पति के जाने के 2 साल बाद पूरा किया अधूरा सपना

गलवान के वीर दीपक की पत्नी रेखा मध्य प्रदेश के रीवा की रहने वाली हैं। सैन्य अधिकारी के तौर पर वो अपने पति के सपनों को पूरा करते हुए महिलाओं को सही राह दिखाना चाहती हैं।

गलवान घाटी में वीरगति पाने वाले वीर चक्र से सम्मानित लांस नायक दीपक सिंह की पत्नी रेखा सिंह सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर भर्ती हुई हैं। वह मूल रूप से मध्य प्रदेश के रीवा की रहने वाली हैं। सैन्य अधिकारी के तौर पर वो अपने पति के सपनों को पूरा करते हुए महिलाओं को सही राह दिखाना चाहती हैं। 28 मई 2022 से उनकी ट्रेनिंग शुरू होगी। उनकी इस उपलब्धि पर रीवा के DM ने उनसे मिल कर बधाई दी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विवाह से पहले रेखा सिरमौर के जवाहर नवोदय विद्यालय सिरमौर में टीचर थीं। शादी के बाद ही उनके पति दीपक उन्हें भी सेना में जाने के लिए प्रेरित किया करते थे। 5 जून 2020 को गलवान घाटी में चीनी फ़ौज के हमले के दौरान दीपक सिंह ने उनका बहादुरी से मुकबला किया था और वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनके बलिदान के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने रेखा को शिक्षा विभाग में नियुक्ति भी दी थी।

शिक्षा विभाग में पोस्टिंग के बाद भी रेखा का मन सेना में भर्ती होने के लिए लगा रहा। वो इस दिशा में प्रयास भी करती रहीं। इसी प्रयास के दौरान उन्होंने जिला सैनिक कल्याण संघ में जा कर भर्ती प्रक्रिया आदि की जानकारी ली। रीवा के जिला प्रशासन और सैनिक कल्याण संघ ने उनकी काफी मदद की। ससुराल वालों का भी उन्हें बहुत सहयोग मिला। उनका सेना में भर्ती होने का पहला प्रयास विफल रहा लेकिन दूसरे प्रयास में उन्हें सफलता मिल ही गई।

15 जुलाई 1989 को रीवा के फरेंदा गाँव में जन्मे दीपक सिंह ने घायल होने के बाद भी 30 सैनिको की जान बचाई थी। उन्हें मरणोपरान्त वीरचक्र दिया गया था। यह सम्मान उनकी पत्नी रेखा सिंह ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों से प्राप्त किया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कश्मीर में झेलम के अधूरे तुलबुल प्रोजेक्ट को लेकर भिड़े उमर अब्दुल्ला और महबूबा, खेलने लगे ‘इस पार और उस पार’ का खेल: सिंधु...

उमर अब्दुल्ला ने महबूबा के आरोपों को 'सस्ता प्रचार' करार देते हुए कहा कि वह बहस को 'गटर' के स्तर पर नहीं ले जाएँगे।

’43 रोहिंग्या औरतों-बच्चों-बुजुर्गों को समंदर में फेंक दिया’: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- किसने देखा, कहाँ है सबूत? वकील से कहा- देश में इतना कुछ...

जस्टिस सूर्या कांत ने वकील से सख्त लहजे में कहा, "हर दिन आप नई-नई कहानी लेकर आते हैं। इस कहानी का आधार क्या है? कोई सबूत तो दिखाइए।"
- विज्ञापन -