जम्मू कश्मीर में कश्मीर क्षेत्र से आतंकियों के लगभग सफाए के बाद सेना ने जम्मू इलाके में फोकस किया है। जम्मू में बीते कुछ समय में हुए बड़े हमलों के बाद अब आतंकियों को पूरी तरह से खत्म करने के लिए कई जगह पर बड़े ऑपरेशन एक साथ लॉन्च कर दिए हैं। इस क्षेत्र में पाकिस्तानी आतंकी पिछले कुछ समय से घुसपैठ कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सेना ने यह कार्रवाई जनवरी महीने में चालू कर दी है और इसके लिए 15 दिनों के अंदर 2 दर्जन से बड़े ऑपरेशन लॉन्च किए हैं। यह ऑपरेशन सेना, जम्मू कश्मीर पुलिस और केन्द्रीय सुरक्षाबलों के साथ मिलकर कर रही है। सेना ने आतंकियों को खोज कर मार गिराने का प्लान बनाया है।
सबसे अधिक फोकस किश्तवाड़, डोडा और रामबन जैसे क्षेत्रों में है। इसके अलावा सीमा पर स्थित इलाके पूंछ, राजौरी और कठुआ में ऑपरेशन भी चालू हैं। यहाँ 10 से अधिक ऑपरेशन चल रहे हैं। आतंकी एक जगह से दूसरी जगह भाग ना सकें, इसके लिए घेरा भी लगाया गया है। उधमपुर, जम्मू और रियासी जैसे इलाकों में भी ऑपरेशन चल रहे हैं।
यह सारे इलाके पीर पंजाल पहाड़ी क्षेत्र में आते हैं। सेना का यह अभियान ‘खोजो और मारो’ रणनीति के तहत चल रहा है। सेना खोजी कुत्ते, ड्रोन और पैरा कमांडो के साथ ही स्थानीय इंटेलिजेंस की मदद भी ले रही है। बताया जा रहा है कि इस इलाके में 40-50 आतंकी मौजूद है।
इस इलाके में बीते दिनों में में कई बड़े हमले हुए हैं। पाकिस्तान से आए आतंकियों ने यहाँ सेना की यूनिट्स को निशाना बनाया है, जो काफिले में नहीं थी। उन्होंने वायुसेना की भी गाड़ियों पर भी हमला हुआ है। 2021 के बाद से आतंकी हमलों में 44 आम लोग और 18 सुरक्षाबलों के जवान मारे गए थे। इन हमलों में 13 आतंकी भी मार गिराए गए हैं।
हमले का इलाका पहले पुंछ और राजौरी तक सीमित था। लेकिन बाद में यह रियासी जैसे इलाके तक फ़ैल गए। ऐसे ही एक हमले में श्रद्धालुओं की बस को भी आतंकियों ने निशाना बनाया था। इसमें 10 हिन्दू मारे गए थे। अक्टूबर में आर्मी के एक काफिले पर हमला हुआ था। इसे 2 जवान मारे गए थे।
जम्मू इलाके में चल रहे इन ऑपरेशन को सेना आने वाले दिनों में और भी बढ़ाएगी। इससे पहले कश्मीर क्षेत्र में सेना को बड़ी सफलताएँ हासिल हो चुकी हैं। 2024 सुरक्षाबलों के लिए सबसे कम नुकसान वाला साल रहा है। 2024 में सुरक्षाबलों के 26 जवान ही कश्मीर में मारे गए। कुछ वर्षों पहले तक यह संख्या 100 पार रहती थी।