ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में जबरन धर्मांतरण करवाने वाले एक पादरी को ग्रामीणों ने बीते रविवार (सितंबर 26, 2021) धर दबोचा था। महेंद्र साहू नामक पादरी तंगरडीही गाँव में लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए लालच दे रहा था।
ऑर्गनाइजर रिपोर्ट के मुताबिक, पादरी नियमित तौर पर हिंदुओं को ईसाई बनाने के लिए तंगरडीही गाँव में आता था। ग्रामीणों के मना करने के बावजूद वह इस काम को बिन रोक टोक करता था। वह गाँव में दौरा करता था और ईसाई बनने का लालच देता था। ग्रामीणों ने जब उसे पकड़ा उस समय भी वह यही कर रहा था। लोगों ने उसकी हरकतों से तंग आकर एक एफिडेविट पर लिखवाया कि वो भविष्य में दोबारा कभी भी तंगरडीही गाँव में नहीं आएगा।
एक ग्रामीण ने बताया, “उसका एकमात्र इरादा हमारे लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करना था। उसके हमारे गाँव में आने का सभी ग्रामीणों ने विरोध किया था। इसलिए हमने उसे सलाह दी कि वह हमारे गाँव न आए। लेकिन उसने हमारी एक नहीं सुनी। 26 सितंबर को हमारे गाँव वालों के भी सब्र का बाँध टूट गया और इस मुद्दे पर एक बैठक बुलाई गई। ग्रामीणों ने महेंद्र साहू से एक लिखित बांड भरने के लिए कहा कि वह हमारे गाँव और ब्लॉक में दोबारा कभी नहीं आएगा।” ऑर्गनाइजर की रिपोर्ट में सुंदरगढ़ को ईसाई प्रचारकों का प्रमुख लक्ष्य बताया गया है।
ओडिशा में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू नहीं: VHP
मालूम हो कि ओडिशा राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून अस्तित्व में है, जिसे ओडिशा धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम 1967 नाम से जाना जाता है। इस मामले के बारे में बोलते हुए विश्व हिंदू परिषद के सुंदरगढ़ के सचिव राम चंद्र नाइक ने कहा, “ओडिशा धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम 1967 के तहत यह प्रावधान किया गया है कि कोई भी व्यक्ति बल प्रयोग या प्रलोभन या किसी कपटपूर्ण माध्यम से किसी व्यक्ति को प्रत्यक्ष या एक धार्मिक आस्था से दूसरे धर्म में परिवर्तित करने का प्रयास नहीं करेगा। लेकिन दुर्भाग्य से राज्य सरकार द्वारा अधिनियम को ठीक से लागू नहीं किया जा रहा है।”