हमने एग्जिट पोल के दिन ही बताया था कि कैसे आसन्न हार के डर से नेताओं से ज्यादा पत्रकारिता के समुदाय विशेष के मुँह से झाग निकलना शुरू हो गया है। और अब जबकि मतदान का परिणाम घोषित होने में बमुश्किल एक दिन बचा है, तो इनकी हालत और गंभीर होती जा रही है। झूठा नैरेटिव बनाना तो इनकी फितरत ही है, लेकिन अब यह आँकड़े भी अनर्गल बनाने पर उतारू हो गए हैं। सबा नकवी ने 20 लाख EVM मशीनें गायब होने का दावा करते हुए शेयर किया:
यह रिपोर्ट ‘जनता का रिपोर्टर’ नामक प्रोपेगैंडा ब्लॉग की है, जिस पर अकसर आम आदमी पार्टी का अघोषित मुखपत्र होने के आरोप लगते हैं। अब बाकी सब चीज़ें छोड़ कर खाली 20 लाख के दावे को देखें। 1 EVM में 2,000 वोट रिकॉर्ड करने की क्षमता होती है। यानी 20 लाख EVM निर्वाचन आयोग के पास होने का अर्थ हुआ 20,00,000 X 2,000 यानी कि 400 करोड़ वोट!
अब जरा सबा नकवी बताएँगी कि निर्वाचन आयोग कुल 90 करोड़ की वोटिंग आबादी, जिसमें से एक-तिहाई कभी भी वोट डालने नहीं निकले (अब तक का उच्चतम मतदान प्रतिशत 67 प्रतिशत के आसपास है), में भला क्यों कुल वोटरों की संख्या के साढ़े चार गुना EVM का इंतजाम करेगा। मोदी विरोध में यह लोग दिमाग से इतने पैदल हो चुके हैं कि प्राइमरी स्कूल स्तर की गणित भी सर के ऊपर से उड़ रही है। पत्रकारिता के समुदाय विशेष को सच में हिमालय जाकर अपनी मानसिक स्थिति का इलाज कराना चाहिए।