Saturday, July 27, 2024
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अब कॉन्ग्रेस के ‘चुनावी हिंदू’ CM योगी को सिखाएँगे पूजा-पाठ, महंत का उड़ाया मजाक तो लोगों ने गिरोह को समझाया ‘हिन्दू धर्म’

“ये वही लोग हैं जो आज तक मंदिर नहीं गए और न ही देखा कि आरती कैसे होती है? पहली बात यह कि ये घी की बाती है कोई मोमबत्ती नहीं और दूसरी बता ये है कि श्री गोरक्षनाथ जी की मूर्ति के सामने किसी भगवान की मूर्ति ही होगी जिसे महाराज जी आरती दिखा रहे हैं, मूर्खों।”

उत्तर प्रदेश में साल 2022 में होने वाला विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, विपक्षी दल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लगातार घेरने की कोशिशों में लगा हुआ है। इसी कड़ी में अनावश्यक रूप से सीएम योगी को लेकर शोर मचाया जा रहा है। इसी क्रम में अब विपक्षी दल सीएम योगी को यह सिखाने की कोशिश कर रहा है कि वास्तव में पूजा कैसे की जाती है।

सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपीठ के महंत और नाथ संप्रदाय के वर्तमान नेता हैं। वह हर साल दशहरे के दौरान गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में नवरात्रि का समय बिताते हैं और वहाँ धार्मिक गतिविधियों की अध्यक्षता करते हैं।

इसी क्रम में देशभर में अपमान और शर्मिंदगी झेल रही कॉन्ग्रेस के लिए काफी साबित नहीं हुई तो उसके कुछ राजनीतिक वफादार अब एक योगी और गोरखपीठ के महंत को हिंदू धार्मिक गतिविधियों को करने का तरीका सिखाने का फैसला किया है।

कॉन्ग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष रोहन गुप्ता ने एक क्रॉप वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि यूपी के सीएम ‘कैमरे के लिए’ आरती कर रहे थे।

गुप्ता ने ट्वीट किया, “भाई, भगवान आपके पीछे है!” वीडियो में योगी आदित्यनाथ को मंदिर के गर्भगृह की विपरीत दिशा में आरती करते देखा जा सकता है।

गुप्ता के इस ट्वीट के बाद नेटिजन्स ‘चुनावी हिंदू’ पार्टी के आईटी सेल प्रमुख की क्लास लगा दी। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने गुप्ता को सभी दस दिशाओं में आरती करने के हिंदू अनुष्ठान के बारे में बताया।

अंकुर सिंह नाम के एक यूजर ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ को सभी दिशाओं में आरती करते देखा जा सकता है।

इस बीच एक अन्य यूजर ने जगन्नाथ पुरी मंदिर के आधिकारिक हैंडल द्वारा पोस्ट किया गया एक वीडियो साझा किया, जिसमें पुजारी को मंदिर के मुख्य द्वार की ओर गर्भगृह के सामने की ओर सुबह की आरती करते देखा जा सकता है।

कई सोशल मीडिया यूजर्स ने मौसमी हिंदुओं को मंदिरों में जाने की सलाह देते हुए कहा कि सभी दिशाओं में आरती करना एक आम दृश्य और पुरानी परंपरा है।

कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं को यह सब एक टूलकिट की तरह लग रहा था। पुडुचेरी कॉन्ग्रेस के पार्टी सचिव ने ट्वीट किया, “मोमबत्ती से आरती योगी आदित्यनाथ की क्या अद्भुत पूजा है। आरती भगवान के लिए नहीं बल्कि कैमरे के लिए होती है। लोग कह रहे हैं- कैमरा लाइव।”

भारतीय युवा कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने भी हिंदू रीति-रिवाजों से अनजान होते हुए कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं की हाँ में हाँ मिलाया।

श्रीनिवास ने हिंदी में ट्वीट किया, “क्या वह कैमरे की आरती कर रहे हैं।”

यही है सीएम योगी की स्कूली शिक्षा

कॉन्ग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के राष्ट्रीय समन्वयक गौरव पांधी ने सीएम योगी आदित्यनाथ का मजाक उड़ाते हुए आरोप लगाया कि महंत ने आरती करने के लिए ‘मोमबत्तियों’ का इस्तेमाल किया।

पांधी ने ट्वीट किया, “मंदिर में चर्च के पादरी की तरह मोमबत्तियों का उपयोग करके और कैमरा-पर्सन की आरती क्यों कर रहे हैं? देवी-देवताओं की नहीं करते? धर्म के नाम पर राजनीति करने वाले नकली हिंदुओं की यही हकीकत है। हमने कब से मंदिरों में पूजा और आरती के लिए मोमबत्तियों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।”

बस फिर क्या था इस बार नेटिजन्स ने पांधी को मंदिर जाने और वीडियो को करीब से देखने की सलाह दी। साथ ही यह भी बताया कि सूती के धागों की मोटी बत्ती को घी में भिगोया गया है, जिससे आरती की जा रही है, न कि मोमबत्ती से।

एक यूजर ने लिखा, “ये वही लोग हैं जो आज तक मंदिर नहीं गए और न ही देखा कि आरती कैसे होती है? पहली बात यह कि ये घी की बाती है कोई मोमबत्ती नहीं और दूसरी बता ये है कि श्री गोरक्षनाथ जी की मूर्ति के सामने किसी भगवान की मूर्ति ही होगी जिसे महाराज जी आरती दिखा रहे हैं, मूर्खों।”

कौन हैं ये चुनावी हिंदू

उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले कॉन्ग्रेस द्वारा अपनाए गए धार्मिक हथकंडे पर कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उसे ‘चुनावी हिंदू‘ कहना शुरू कर दिया है। गाँधी परिवार को हिंदू मतदाताओं को लुभाने के लिए केवल चुनाव के समय तिलक, जनेऊ पहनकर और नारियल तोड़ने के लिए मंदिर की जाने को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

दरअसल, यह सब इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि उत्तर प्रदेश और चार अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, AICC की राष्ट्रीय सचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने एक बार फिर मंदिरों में जाकर और खुद को माला पहनाकर खुद को एक धर्मनिष्ठ हिंदू घोषित करने की कोशिश की है।

वाड्रा पहले ही वाराणसी में काशी विश्वनाथ और दुर्गाकुंड जैसे मंदिरों का दौरा कर चुकी हैं और उन्होंने नवरात्रि के त्योहार के दौरान उपवास रखने का भी दावा किया है। दिलचस्प बात यह है कि गाँधी भाई-बहनों में मंदिर की यात्रा के लिए ये प्यार नया है। हाल के वर्षों में भाजपा के हाथों बार-बार चुनाव हारने के बाद यह एक मनोरंजन जैसा हो गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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