जब से मेट्रो मैन ई श्रीधरन ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली है, तभी से ‘लिबरल’ जमात का प्रलाप चालू है। जैसे वह भूल ही चुके हैं कि मेट्रो रेल नेटवर्क के लिए उन्होंने कितनी अहम भूमिका निभाई थी। ऐसा करने वालों में ही शामिल है कोचि के अस्पताल का एक कार्डियोलोजिस्ट (हृदय रोग विशेषज्ञ)। कोचि स्थित मेडिकल ट्रस्ट हॉस्पिटल के डॉक्टर वरुण ने दावा किया कि श्रीधरन एक औसत ‘कट्टर ऊँची जाति’ वाले हिन्दू अंकल का प्रतिरूप हैं, जिसे तमाम विशेषाधिकार प्राप्त हैं।
इसके बाद डॉक्टर ने ट्वीट में लिखा, “श्रीधरन जैसे लोग भारत को ऐसा क्षेत्र समझते हैं जिसे सिर्फ सड़कों और ट्रेन की ज़रूरत है। बल्कि ये नहीं देखते हैं कि इस देश के लाखों करोड़ों लोगों के कितने सपने और आकांक्षाएँ हैं।” पता नहीं ये दो बेहद अलग बातें आपस में कैसे जुड़ी हुई हैं क्योंकि लाखों लोग जिनके सपने हैं वो उन सड़कों और ट्रेनों से होकर ही जाते हैं और अपने सपने पूरे करते हैं।
इसके बाद तमाम इंटरनेट यूज़र्स ने इस मुद्दे पर दी गई दलील में कमियाँ बताई।
I remember in my childhood (around Std 7) when E Sreedharan along with Prof Madhu Dandavate and George Fernandes took over the ardorous task of building the Konkan railway, which represented the dreams and aspirations of millions of people along the Konkan coast.
— Mandar Manmohan Sawant (@MandarSawant184) February 22, 2021
कुछ नेटिज़न्स ने तो डॉक्टर से पूछा कि क्या वो अपने मरीजों को देखने से पहले या उन्हें दवा बताने से पहले उनकी जाति पूछता है। क्योंकि उसके ट्वीट में मेट्रो ट्रेन पर दिए गए जाति के संदर्भ का कोई मतलब नहीं बनता है।
He is a doctor! God knows how he treats his patients! Ridiculous… May be, he asks caste before treatment.
— Deepak Singh | दीपक सिंह (@DeepakSinghNews) February 22, 2021
इस तरह की तमाम आलोचनाओं के बाद डॉक्टर ने अपना ट्वीट डिलीट करके अपना अकाउंट सुरक्षित कर लिया। लेकिन डॉक्टर वरुण इकलौते ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो श्रीधरन के भाजपा में शामिल होने पर वैचारिक विलाप कर रहे हैं।
The truth about Delhi Metro is that the credit should rightfully go to the Japanese. The entire design and plans are basically identical to Tokyo metro, the technology is Japanese, and the bulk of funding is Japanese.
— Samrat X সম্রাট (@MrSamratX) February 19, 2021
सम्राट नाम के ट्विटर यूज़र ने तो दिल्ली मेट्रो के लिए श्रीधरन का योगदान ही खारिज कर दिया। क्योंकि बतौर दिल्ली मेट्रो रेलवे कॉरपोरेशन के मुखिया, अलग-अलग सेक्शन समय से पूरे किए गए थे या निर्धारित अवधि से पहले। इस दौरान निर्धारित बजट का भी विशेष ध्यान रखा गया था लेकिन ‘लिबरल्स’ इसकी तरफ शायद ही ध्यान दें।
Big fan of E. Sreedharan sir and his service to our country as a technocrat. So excited he has joined the BJP and wants to be the next CM of Kerala. I’m just apprehensive that it might be a little premature. He could have waited 10-15 years IMHO. He’s only 88 after all.
— Siddharth (@Actor_Siddharth) February 21, 2021
ऐसे ही फिल्म अभिनेता सिद्धार्थ ने श्रीधरन की उम्र पर टिप्पणी करके उनके भाजपा में शामिल होने का मज़ाक बनाया।
Hitler was a good administrator too! 😉 https://t.co/FGGPLBVBFz
— nikhil wagle (@waglenikhil) February 19, 2021
निखिल वागले नाम के मीडिया पर्सन ने तो उनकी तुलना जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर से कर दी।
Dr. E Sreedharan. Those who benefitted most from a liberal democracy have turned against it. Inexplicable.
— SonaliRanade (@sonaliranade) February 19, 2021
कुछ ने तो यहाँ तक कह दिया कि भाजपा की सदस्यता लेकर श्रीधरन ने लोकतंत्र का विरोध किया है।
भाजपा में आधिकारिक रूप से शामिल होने के बाद मेट्रो मैन श्रीधरन ने बताया था कि वह पिछले काफी समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए थे। उन्होंने बताया कि वो अपने स्कूल के दिनों से ही एक स्वयंसेवक थे और संघ ने ही उनके जीवन के मूल्यों को तय करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।