इस्लामी कट्टरपंथियों को पीड़ित दिखाने वाले और झूठी खबरों से हिंदूफोबिया फैलाने वाला ऑस्ट्रेलियाई लेखक व पत्रकार सीजे वर्लमैन का ट्विटर हैंडल भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है। @cjwerleman के ट्विटर हैंडल पर क्लिक करके देख सकते हैं कि उसका कोई ट्वीट अब नहीं दिख रहा। ट्विटर ने ये कदम अकॉउंट के विरुद्ध हुई लीगल डिमांड की प्रतिक्रिया में उठाया है।
@cjwerleman के अकॉउंट के विरुद्ध उठाए गए इस कदम को भारतीयों द्वारा सराहनीय माना जा रहा है। वहीं कट्टरपंथी सीजे वर्लमैन का ट्विटर रिस्टोर करने की बात कह रहे हैं।
इस संंबंध में वर्लमैन की प्रतिक्रिया भी आई है। द सीजे वर्लमैन अकॉउंट से इस प्रतिक्रिया का स्क्रीनशॉट शेयर हुआ है। इसमें वर्लमैन ने जैक, एलन मस्क को टैग कर कहा, “ये एक और सबूत है इस बात का कि ट्विटर भारत सरकार के विरुद्ध प्रोटेक्शन रैकेट चला रहा है। मेरा अकॉउंट भारत में प्रतिबंधित किया गया क्योंकि दक्षिणपंथी, नरेंद्र मोदी शासन के हिंदू फासीवादी इसकी माँग कर रहे थे।”
मालूम हो कि सीजे वर्लमैन अपने ट्वीट से लगातार हिंदूघृणा फैलाने का काम करता था। हाल में उसने 2 साल पुरानी एक वीडियो शेयर करके हिंदुत्व को कोसा था। वीडियो पुलिस लाठी चार्ज की थी। इसे शेयर करकते वर्लमैन ने लिखा था- “देखो कैसे हिंदू कट्टरपंथ से ग्रसित पुलिस एक बुजुर्ग मुस्लिम आदमी को मार रहे हैं।” वीडियो को देखने के बाद कट्टरपंथियों ने धमकी दी थी कि मुंबई में फिर से 1992 जैसे मुंबई ब्लास्ट करने की जरूरत है।
वर्लमैन ने जदयू कार्यकर्ता मोहम्मद खलील आलम रिजवी की हत्या पर भी ऐसा प्रोपेगेंडा फैलाया था। वर्लमैन खलील से जुड़ी वीडियो शेयर करके लिखा था, “एक मुस्लिम व्यक्ति अपनी जान की भीख माँगता रहा और ‘हिन्दू भीड़ ने उसकी हत्या के बाद उसे जला डाला।” जब ऑपइंडिया ने इस संबंध में समस्तीपुर पुलिस अधीक्षक से बात की तो मामले में सांप्रदायिक एंगल का खंडन किया गया था।
उन्होंने कहा, “इसमें कोई सांप्रदायिक दृष्टिकोण नहीं है। गोमांस-गोहत्या को लेकर वायरल एक वीडियो आपको मिला होगा। इस वीडियो को वायरल करने के पीछे उनका मकसद यह था कि अगर पुलिस उन्हें पकड़ लेती है और कांड का खुलासा कर देती है तो हमलोग उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे। जिससे पुलिस का ध्यान उनकी तरफ से हट जाएगा और लोगों को भी उनकी सहानुभूति मिलेगी।”
इसके अलावा वर्लमैन के कई ट्वीट में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए अपशब्द कहे जाते थे। उसने योगी आदित्यनाथ को ‘हिंदुत्व आतंकी’ तक कहा था।