Friday, November 15, 2024
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ऑपइंडिया के हिंदी अकाउंट पर अजब सा ‘बैन’! कोड है टूटा या वोक कोई रूठा? देख लो इलौन भाई

OpIndia के अंग्रेजी हैंडल समेत कई मिलते-जुलते हैंडल सर्च में सजेशन में दिख रहे हैं, लेकिन हमारा हिंदी हैंडल नहीं। देख लीजिए:

जब एलन मस्क ने माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर को नहीं खरीदा था, तब भारत में कई दक्षिणपंथियों ने ये महसूस किया था कि उनके हैंडल को ‘शैडो बैन’ कर दिया जा रहा है। ‘शैडो बैन’, अर्थात फॉलोवर्स को उस हैंडल के ट्वीट्स न दिखना या बहुत कम दिखना। अब एलन मस्क ने ट्विटर को खरीद लिया है, जिसके बाद चीजें काफी बदली हैं। हालाँकि, अब ऑपइंडिया हिंदी का हैंडल ट्विटर के किसी ‘तकनीकी लोचे’ का शिकार बनता दिख रहा है।

या फिर कौन कहे कि ये अंदर ही अंदर किसी अधिकारी या अधिकारियों के समूह की साजिश हो, क्योंकि हालिया ‘ट्विटर फाइल्स’ में हमने देखा है कि कैसे डोनाल्ड ट्रम्प के ट्विटर हैंडल को बैन करने से लेकर जो बायडेन के बेटे हंटर के कारनामों को छिपाने तक, ट्विटर के अधिकारियों का एक समूह साजिशन ऐसी चीजों को अंजाम दे रहा था। विजय गड्डे (जिनकी अब छुट्टी हो गई है) जैसों का रवैया तो चर्चा में था ही। कश्मीर और पाकिस्तान पर भी ट्विटर के अधिकारियों का भारत विरोधी रवैया दिखा था।

अब आपको बताते हैं कि असल में हुआ क्या है। ट्विटर पर जब हम ‘OpIndia’ या ‘ऑपइंडिया’ लिख कर सर्च कर रहे हैं तो इसका आधिकारिक हैंडल दिख ही नहीं रहा है। क्या ये किसी प्रकार का बैन है? या फिर ‘तकनीकी खामी’? या फिर भारत विरोधी अधिकारियों द्वारा जानबूझ कर हमें परेशान करने के लिए की गई साजिश? OpIndia के अंग्रेजी हैंडल समेत कई मिलते-जुलते हैंडल सर्च में सजेशन में दिख रहे हैं, लेकिन हमारा हिंदी हैंडल नहीं। देख लीजिए:

‘OpIndia’ लिख कर सर्च किया, लेकिन हमारे हिंदी वाले हैंडल का कोई अता-पता नहीं

यहाँ तक कि हम अपने हैंडल का यूजरनेम, जो कि ‘OpIndia_In’ है, ये लिख कर सर्च कर रहे हैं फिर भी नीचे सजेशन में हमारा हिंदी हैंडल नहीं दिख रहा है। जब हमने हमारे एक यूआरएल को पेस्ट कर के सर्च किया, तब भी हमारा कोई लिंक नहीं मिला। जैसे, इस खबर को ले लीजिए – ‘अपने सारे मेडिकल बिल खुद भरते हैं PM मोदी: RTI से खुलासा – सरकारी खजाने से एक रुपया भी अपने स्वास्थ्य पर खर्च नहीं किया’।

हमारी खबर का यूआरएल डालने पर ट्विटर पर मिल ही नहीं रहा

हमने इस खबर को सोमवार (9 दिसंबर, 2022) को शाम 6:09 बजे शेयर किया था, लेकिन इसका यूआरएल सर्च करने पर हमें वो ट्वीट दिखा ही नहीं। अब इस खबर को लीजिए – ‘3000+ Km चले, पर बुद्धि वही बाइस पसेरी: ‘सर्दी से डरते हो’ से लेकर ‘देश पुजारियों का नहीं’, राहुल गाँधी का कहा भारत की ही समझ से परे’। ये हमें ट्विटर पर ट्वीट कर रखा है, लेकिन सर्च करने पर हमें दूसरे लोगों द्वारा शेयर की गई हमारी खबर तो मिल रही है, लेकिन हमारे आधिकारिक हैंडल से डाली गई ये खबर नहीं। देखिए:

दूसरों ने हमारी खबर शेयर की, वो मिल रहा लेकिन हमारे हैंडल से डाली गई ट्वीट नहीं

इसी तरह हमारी अन्य खबरों के साथ भी हो रहा है। एंड्राइड फोन में जहाँ कोई सर्च रिजल्ट नहीं दिख रहा है, आईफोन के ट्विटर एप से सर्च करने पर हमें एकाध लिंक्स मिल रहे हैं जो दूसरों ने शेयर किए हैं। ऐसे में ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क से अपील है कि वो इस तकनीकी लोचे/साजिश का संज्ञान लें और इसे देखें। हमारे हिंदी हैंडल पर 2.40 लाख फॉलोवर्स हैं। ऐसे में हमारे हैंडल का सर्च रिजल्ट्स में न आना लोगों के एक बड़े समूह की अभिव्यक्ति की आज़ादी का हनन भी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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