Sunday, September 1, 2024
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‘लड़ाई तो साझे पानी की है…’: मृतक दलित के घर बिसलेरी लेकर पहुँचे राजस्थान कॉन्ग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष: सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर धोया

“गुलाम गिरी छोड़िए, फर्क समझिए...  गोलमा देवी दलित के घर की मटकी का पानी पी सकती है, लेकिन गोविंद सिंह डोटासरा को दलित के घर जाने पर दुकान की बोतल का पानी चाहिए, क्योंकि दलित के घर का पानी पीने से वो अपवित्र हो जाएँगे।"

राजस्थान के जालौर में दलित छात्र की मौत के बाद राजनीति गरमाई हुई है। जालोर का सुराणा गाँव इस समय राजनीतिक अड्डा बनता जा रहा है। इस बीच कॉन्ग्रेस के राजस्थान चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के दलित परिवार से मुलाकात के दौरान बोतल से पानी पीने पर सोशल मीडिया पर नया विवाद खड़ा हो गया है।

दरअसल, सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रहा है। जिसमें कॉन्ग्रेस के राजस्थान चीफ दलित परिवार के घर पानी पीने के लिए बिसलेरी की बोतल का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं भाजपा नेता व राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी पूर्व विधायक गोलमा देवी ने भी पीड़ित के घर जाकर परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान कहा जा रहा है कि गोलमा देवी ने घर के लोटे से ही पानी पिया। जिसके बाद दोनों नेताओं के फोटो की तुलना करते हुए सोशल मीडिया पर टिप्पणियाँ की जा रही है। इस फोटो के वायरल होने के बाद शोक-भेंट ने अब सोशल मीडिया पर नए विवाद को जन्म दे दिया है। सोशल मीडिया पर प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष की खूब किरकिरी हुई है।

बता दें कि वायरल तस्वीर में जहाँ कॉन्ग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के पास में रखी हुई बिसलेरी पानी की बोतल दिखाई दे रही है, वहीं दूसरी ओर गोलमा देवी के आगे रखा पानी के लोटे की तस्वीरें वायरल हो रही है। लोग डोटासरा की सोशल मीडिया पर खिंचाई कर रहे हैं और गोलमा देवी की खूब तारीफ हो रही है।

सोशल मीडिया पर लोगों ने डोटासरा को धोया

ट्विटर पर महेंद्र कुमार शर्मा नामक यूजर ने उनकी फोटो को साझा करते हुए लिखा, “पैक्ड ड्रिंकिंग वाटर की बोतल से पानी पिया तो गोविन्द सिंह डोटासरा और छैलू सिंह में क्या फर्क रह गया। आखिर लड़ाई तो साझे पानी की है….?”

इसी क्रम में रूप सिंह मीणा ने अपने एक ट्वीट में लिखा, “आखिर लड़ाई तो साझे पानी की है…? क्या सिर्फ वोट की राजनीति करने जाते हैं?”

इसके साथ-साथ आर पी सत्तावन नामक यूजर ने गोलमा देवी की भी फोटो शेयर की और लिखा, “गुलाम गिरी छोड़िए, फर्क समझिए…  गोलमा देवी दलित के घर की मटकी का पानी पी सकती है, लेकिन गोविंद सिंह डोटासरा को दलित के घर जाने पर दुकान की बोतल का पानी चाहिए, क्योंकि दलित के घर का पानी पीने से वो अपवित्र हो जाएँगे। आपकी राय कुछ भी हो, लेकिन ये तस्वीरें तो यही बयान कर रही है।”

रामप्रसाद नांगल नाम के यूजर ने भी दोनों तस्वीरों को साझा किया और लिखा, “देखो कौन कहता है भेदभाव नहीं होता, हर जगह होता है।”

एक अन्य यूजर देसराज मीणा ने भी लिखा, “जालोर हत्या कांड, दोनो फोटो को थोड़ा गौर करके देखे, आपको इसमें जातिवाद साफ दिखाई दे रहा होगा।”

मनोज ओड़च नाम के यूजर ने इस मामले में ट्विटर पर लिखा, “तस्वीर में अन्तर साफ है कि सच्चा दलित हितैषी कौन है!”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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