जम्मू-कश्मीर में गैर-कश्मीरियों पर होते हमलों ने इस्लामी कट्टरपंथियों को मौका दिया है कि वो एक बार फिर मोदी सरकार को कोसना शुरू कर दें। उन्हें अब भी इन हत्याओं के पीछे इस्लामी आतंकी समूह दोषी नहीं नजर आ रहे। वो सिर्फ ये बताने में जुटे हैं कि 2 साल पहले जो अनुच्छेद 370 कश्मीर से खत्म किया गया, उससे स्थिति अच्छी नहीं हुई है।
जैसे सबा नकवी लिखती हैं, “समस्या ने एक मोड़ लिया है और अब स्पष्ट हो गया है कि जो 2 साल पहले 5 अगस्त को हुआ था उससे हमारी कोई मदद नहीं हुई है।”
रेडियो मिर्ची की आरजे सायमा तो कश्मीर पर ट्वीट करते हुए यूपी-बिहार प्रवासियों की हत्या को ही जस्टिफाई करती दिखीं। उनका कहना है कश्मीर के बारे में हर चीज सिर्फ और सिर्फ कश्मीरियों से समझी जानी चाहिए और किसी से नहीं। अब क्या जो आतंकी दावा ठोक रहे हैं कि कश्मीर उनका है और गैर-कश्मीरी वहाँ से जाएँ, इसका मतलब ये है कि पूरे मामले में सिर्फ आतंकियों की सुनी जाए और इन हत्याओं को दरकिनार कर दिया जाए या उनका कहने का मतलब ये है कि जो कश्मीरी पंडित निशाना बनाए जा रहे हैं वो कश्मीर के नहीं हैं!
कॉन्ग्रेस नेता सलमान निजामी लिखते हैं, “दो और हत्याएँ हुईं। इस बार बिहार के निर्दोष मजदूर निशाना बनाए गए। मैं इस कायराना हमले की निंदा करता हूँ। 7 दिन में नागरिकों की हत्या का आँकड़ा 12 पहुँचा है। आखिर भाजपा को आर्टिकल 370 हटवाकर क्या मिला- जम्मू-कश्मीर में रक्तपात के अलावा। आओ साथ में शांति और सद्भाव स्थापित करें।”
J&K: A group of migrant workers leaves from Kashmir’s Srinagar after recent incidents of targeted killings of non-Kashmiris by terrorists
— ANI (@ANI) October 18, 2021
“Situation is getting bad here. We’re scared, we’ve children with us & hence going back to our hometown,” says a migrant from Rajasthan pic.twitter.com/lcdUosH9eB
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में गैर-मुस्लिमों पर होते हमले अब लगातार बढ़ रहे हैं। 17 अक्टूबर को भी वहाँ दो मजदूरों की हत्या हुई, जिसकी पूरी जिम्मेदारी लश्कर से जुड़े आतंकी समूह यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट (ULF) ने ली और एक पत्र जारी कर धमकाया कि गैर-कश्मीरी घाटी छोड़ दें वरना उन्हें भी मार दिया जाएगा। अब तक वहाँ कुल 11 लोगों की हत्या की जा चुकी हैं। सुरक्षाबल स्थिति संभालने की कोशिश में लगे हैं लेकिन लगातार हुई हत्याओं ने गैर मुस्लिमों और गैर कश्मीरियों के मन में डर भर दिया है। वह आतंकियों के डर से सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए अपने ठिकानों से निकल पड़े हैं।
She is technically saying Kashmir is not part of India hence we can’t or & shouldn’t talk about Kashmir. I’m sure she doesn’t have any problems with Pakistan talking about Kashmir 24/7 or even in UN. Well nothing can be more clear about your intentions here it’s like day & night. pic.twitter.com/WTq9bH9STM
— Arijit Roy🇮🇳 (@iArijitRoy) October 17, 2021
ऐसे में आरजे सायमा, सबा नकवी जैसे इस्लामी अपनी राय देते हुए पूरे मामले को घुमाने का प्रयास कर रहे हैं। सायमा की बात सुनने के बाद एक यूजर उनसे पूछता है कि क्या कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं है, जो अन्य प्रदेश के लिए लोग उसके बारे में बात न करें। अरिजीत रॉय कहते हैं, “मुझे पक्का पता है कि इन्हें पाकिस्तान से कोई दिक्कत नहीं होगी जो कश्मीर के बारे में 24 घंटे सातों दिन बात करते हैं, यहाँ तक यूएन में भी वो यही बात करते हैं। ”