उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित मुगलकालीन स्मारक ताजमहल में कुछ लोगों ने भगवा झंडे लेकर वीडियो बना लिए, जिसके बाद सोशल मीडिया पर इस्लामी कट्टरवादियों का मानसिक संतुलन ही हिल सा गया लगता है। ताजमहल सहित कई पर्यटन स्थल कोरोना संक्रमण और उससे निपटने के लिए हुए लॉकडाउन के कारण महीनों बंद रहे थे, जिन्हें खोले जाने के बाद अब वहाँ पर्यटकों के पहुँचने का सिलसिला जारी है।
इसी बीच, 17वीं सदी के इस मुग़ल स्मारक में ‘हिन्दू जागरण मंच’ के कुछ युवा पहुँचे और परिसर में भगवा झंडे लहराते हुए तस्वीरें व वीडियो क्लिक करवाई। इनमें से 4 को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। इसके बाद सोशल मीडिया में इस्लामी कट्टरवादियों ने वहाँ तैनात सुरक्षाकर्मियों पर आरोप लगाते हुए भला-बुरा कहना शुरू कर दिया। इस अभियान का नेतृत्व किया प्रोपेगंडा फैक्ट-चेक पोर्टल ‘ऑल्टन्यूज़’ के जुबैर ने।
CISF personnel too are Hindus, just like the men in army, the men and women in judiciary, the men and women in police and the men and women in media. If anyone in India tells you today they owe allegiance to the constitution and its principles, they are lying through their teeth
— Arif Ayyub (@arifayyub) January 4, 2021
उसने कहा कि केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के हाथों में ताजमहल की सुरक्षा सौंपी गई है और इसके सैकड़ों जवान तैनात हैं, जो विभिन्न शिफ्ट्स में काम करते हैं। उसने पूछा कि जब ये घटना हो रही थी तो ये सब कहाँ थे और क्या कर रहे थे? कुछ ने तो CISF के जवानों की देश के संविधान के प्रति निष्ठा पर भी सवाल खड़े कर दिए। आरिफ अयूब ने कहा कि भारतीय सेना, न्यायपालिका, पुलिस और मीडिया की तरह CISF के जवानों में भी अधिकतर महिला-पुरुष हिन्दू हैं।
उक्त प्रकरण में थाना ताजगंज में अभियोग पंजीकृत किया गया है एवं 04 आरोपियों को गिरफ्तार कर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
— AGRA POLICE (@agrapolice) January 4, 2021
उसने दावा किया कि अगर कोई कहता है कि इनकी निष्ठा देश के संविधान और उसके मूल्यों के प्रति है, तो वो खुला झूठ बोल रहा है। बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने भी आपत्ति जताते हुए लिखा, “एक बार फिर क्या होता है? ‘एक बार फिर’ का सही इस्तेमाल… एक बार फिर भगवा गुंडों ने ग़ैर क़ानूनी ढंग से एक मुस्लिम राजा द्वारा बनाई गई इमारत में तोड़फोड़ की।” ‘भारत समाचार’ ने लिखा था, ‘आगरा: एक बार फिर ताजमहल पर लहराया भगवा।’, वो उसी का प्रत्युत्तर दे रही थीं।
ध्यान दीजिए कि ये वही लोग हैं, जो मंदिर में जबरन घुस कर कुछ मुस्लिम नमाज पढ़ते हैं तो इसे सामुदायिक समरसता का प्रतीक बताते नहीं थकते हैं। वहीं जब किसी पर्यटन स्थल के परिसर में कुछ लोगों ने भगवा झंडे लेकर वीडियो बना लिया तो ये उससे नाराज हो जाते हैं। कुछ ने कहा कि ताजमहल को मुस्लिमों ने बनवाया है, इसीलिए वहाँ भगवा जायज नहीं। एक ने लिखा कि संघियों के घर में खाना तक ठीक से नहीं बनता और 100 साल में वो एक इमारत तक खड़ी नहीं कर सके।
Ye bech rhe hai inki okat h bhi bnwane ki
— Urmila Sinha (@UrmilaSinha15) January 4, 2021
नवंबर 2020 में जब कुछ मुस्लिमों ने मथुरा के मंदिर में नमाज पढ़ी तो तो इस्लामी कट्टरपंथियों ने तालियाँ पीटी थीं। नमाज पढ़ने वाले फैजल खान के बारे में पता चला था कि वो नागरिकता संशोधन कानून (CAA) विरोधी प्रदर्शनों का भी हिस्सा रहा था। तस्वीरों में फैजल खान को CAA विरोधी प्रदर्शनों को सम्बोधित करते हुए देखा जा सकता था। अयोध्या के बाद मथुरा के लिए जो लड़ाई शुरू हुई है, उसी कारण फैजल खान ने नंदबाबा मंदिर में जाकर नमाज पढ़ी।