लोकसभा चुनाव 2024 में दूसरे चरण के मतदान के दौरान मुरादाबाद रेंज के डीआईजी IPS मुनिराज के नाम से एक स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर तेजी से फैला। ये मैसेज वॉट्सऐप ग्रुप ‘बेबाक खबर बेबाक अंदाज’ से जुड़ा है, जिसमें मुस्लिम बहुल इलाकों में 3 बजे के बाद वोटिंग बढ़ने से रोकने के लिए फोर्स भेजने की अपील की जा रही है। ये स्क्रीनशॉट पूरी तरह से फर्जी है, ऐसी सफाई डीआईजी रेंज मुरादाबाद के एक्स हैंडल पर दी गई है। इसके बावजूद इस मैसेज को इस्लामी और कॉन्ग्रेस इकोसिस्टम तेजी से फैला रहा है, जिसमें कई कथित ‘पत्रकार’ भी शामिल हैं।
इस स्क्रीनशॉट में DIG मुनिराज नाम से मैसेज भेजा गया दिख रहा है, जिसमें लिखा है, “अभी सब लोग नमाज पढ़ने गए है और 3 बजे के बाद ये फिर भारी वोट करेंगे। मुस्लिम बूथ्स पर 40 प्रतिशत वोटिंग हो गई है। कैसे भी 3 बजे फोर्स लगा दीजिए, आपको बहुत बहुत धन्यवाद।” इसके बाद एक और मैसेज भेजा गया है, जिसमें लिखा है ‘अमरोहा’ यानी ये मैसेज अमरोहा के लिए भेजा गया है।
इस वायरल मैसेज की जानकारी पुलिस तक पहुँची, तो पुलिस ने इस मैसेज का खंडन किया। पुलिस की तरफ से पोस्ट लिखा गया है, जिसमें लिखा है, “सर्व संबंधित को सूचित किया जाता है कि सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्मों पर IPS Muniraj के नाम से किसी अज्ञात द्वारा भ्रामक खबर फैलाने हेतु एक वॉट्सऐप ग्रुप “बेबाक खबर बेबाक अंदाज” का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है, जबकि श्री मुनिराज जी, पुलिस उपमहानिरीक्षक, मुरादाबाद परिक्षेत्र मुरादाबाद “बेबाक खबर बेबाक अंदाज” वॉट्सऐप ग्रुप में नहीं हैं। तथ्यों की जानकारी कर आवश्यक विधिक कार्यवाही अमल में लायी जा रही है। ऐसी भ्रामक खबरों पर ध्यान न दें।”
भ्रामक खबर खण्डन pic.twitter.com/1OlpUE10K8
— DIG Range Moradabad (@digmoradabad) April 26, 2024
इस खबर के खंडन के बावजूद ये फेक न्यूज तेजी से फैलाया गया। लोकेश राय नाम के पत्रकार ने लिखा, “इलेक्शन 2024 में क्या हो रहा है, ये देख लीजिए। एक सीनियर आईपीएस अफसर का मैसेज वायरल हुआ है। लगता है किसी संगठन के पदाधिकारी ने भेजा है।”
#Elections2024 में क्या हो रहा है ये देख लीजिए! एक सीनियर IPS अफसर का मैसेज वायरल हुआ है लगता है किसी संगठन के पदाधिकारी ने भेजा है। @SpokespersonECI pic.twitter.com/QvBY1atM78
— Lokesh Rai (@lokeshRlive) April 26, 2024
कॉन्ग्रेस कवर करने वाली ‘पत्रकार’ रोहिणी सिंह, जिनके एक्स पर 10 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स हैं, उन्होंने इस फेक न्यूज को रीट्वीट करते हुए लिखा, “ये क्या हो रहा है यूपी पुलिस? शर्मनाक।”
What is happening @Uppolice ? Shameful! https://t.co/2KlfkUjwpA
— Rohini Singh (@rohini_sgh) April 26, 2024
फेक न्यूज फैलाने के आरोपों में जिस बोलता हिंदुस्तान नाम के यूट्यूब चैनल पर रोक लग चुकी है, उसने भी इसे आगे बढ़ाया और लिखा, “मुस्लिम बूथों पर 40% वोटिंग हो चुकी है। जुमे की नमाज के बाद वोटरों की भीड़ उमड़ेगी, भारी फोर्स लगाओ।” यूपी के IPS अफसर के व्हाट्सएप मैसेज पर मचा हंगामा”। हालाँकि बाद में इस एक्स हैंडल ने पुलिस की प्रतिक्रिया साझा करके अपनी जिम्मेदारियों से इतिश्री कर लिया और नफरत फैलाने वाले फेक न्यूज को नहीं हटाया।
इस वायरल खबर पर मुरादाबाद पुलिस की प्रतिक्रिया pic.twitter.com/0g2SS8odDd
— Bolta Hindustan (@BoltaHindustan) April 26, 2024
इस पूरे खेल में फेक न्यूज फैलाने में माहिर माना जाने वाला जुबैर भी शामिल रहा। बाला नाम के एक्स यूजर ने दावा किया कि जुबैर ने फेक न्यूज फैलाने वाले दो लोगों के ट्वीट्स को री-ट्वीट किया। साथ ही दोनों ही ट्वीट्स को री-ट्वीट करने से जुड़े स्क्रीनशॉट भी शेयर किए और लिखा, “यूपी के एक डीआईजी का फेक स्क्रीनशॉट सुबह से वायरल किया जा रहा है, जिसके मकसद का केंद्र अधिकारी के खिलाफ सांप्रदायिक नफरत पैदा करना है। इस स्क्रीनशॉट का फैक्ट चेक करने की बचाय अल्ट न्यूज का को-फाउंडर और कॉन्ग्रेस आईटी सेल का सदस्य मोहम्मद जुबैर (@Zoo_Bear) इसे अपने टूलकिट के माध्यम से आगे बढ़ा रहा है। वो एक अधिकारी पर हमले के लिए भीड़ को उकसाने की कोशिश कर रहा है। वो (जुबैर) इस तरह के अपराधों को हमेशा अंजाम देता रहा है। यूपी पुलिस को इसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।”
A fake screenshot of DIG-UP went viral in the morning with the motive of instigating communal hatred against the officers. Instead of fact-checking the screenshot, Altnews co-founder and Congress IT cell member @zoo_bear spread the toolkit even further.
— BALA (@erbmjha) April 26, 2024
He attempted to instigate… pic.twitter.com/N8Wsk2Yuw9
बता दें कि मुरादाबाद में पहले चरण के दौरान ही 19 अप्रैल को मतदान समाप्त हो चुका है। ऐसे में मुरादाबाद के अधिकारी के नाम से इस तरह का फेक न्यूज फैलाने का एक ही मकसद था कि अमरोहा में दूसरे चरण में हुए मतदान को खास सांप्रदायिक नजरिए से प्रभावित किया जा सके।