भारत के कोरोनावायरस टीकाकरण अभियान की प्रशंसा करने के बाद पूर्व आईएएस अधिकारी और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM) के संस्थापक शाह फैसल ने भारत एक बार फिर से मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री के संबोधन की सराहना करते हुए शाह फैसल ने ट्वीट किया, “ऐसा लगता है मानो की रविवार की सुबह 1.3 बिलियन लोगों का परिवार एक साथ इकट्ठा होता है और हर एक इंसान को सुना और उससे बात किया जाता है, हर किसी की भावनाओं को गिना जाता है।”
It is like 1.3 Billion people coming together as a family on a Sunday morning and each one being heard and spoken to, each one feeling counted.
— Shah Faesal (@shahfaesal) January 31, 2021
My take away from this program: Communication can build solidarities and make a nation ‘sound’ like a family. https://t.co/H4FSzkge80
उन्होंने आगे कहा, “इस कार्यक्रम से मैंने यह समझा है कि संचार एकजुटता का निर्माण कर सकता है और एक राष्ट्र को एक परिवार की तरह बना सकता है।”
इस्लामवादियों ने शाह फैसल को किया ट्रोल
कभी इस्लामवादियों के उभरते पोस्टर बॉय रहे शाह फैसल द्वारा मोदी सरकार की लगातार दूसरी बार की जाने वाली प्रशंसा कुछ मुस्लिमों को फूटी आँख नहीं सुहा रही है। पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम की तारीफ करने के चलते उन्हें सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। ट्विटर ट्रोल मोहम्मद आसिफ खान ने तो उन पर अपनी आत्मा तक को बेचने का आरोप लगा दिया।
Kitne mein bech diya tune tera zameer ??? 2019 mein bahut bada revolutionary ban raha tha tu, ab Modi ke talwe chaat raha hai!
— Md Asif Khan (@imMAK02) January 31, 2021
खान ने ट्वीट किया कि वह 2019 में एक महान क्रांतिकारी थे, लेकिन अब वे पीएम मोदी के तलवे चाट रहे हैं। वहीं उन्होंने पहले शाह फैसल को “सावरकर से भी बड़ा चमचा और जूते चाटने वाला’ बता दिया था।”
वहीं मुनीब खान नाम के एक यूजर ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया के एक लेख का स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसमें शाह फैसल ने कहा था कि कोई केवल कश्मीर में एक चमचा या अलगाववादी हो सकता है। पूर्व आईएएस अधिकारी को कथित तौर पर कश्मीरियों को हताश करने के लिए फटकार लगाते हुए खान ने ट्वीट किया, उसे ट्रोल मत करो। उन्हें अपनी द्वारा कहीं बात की तरह चमचे रहना पसंद किया है।
Don’t troll him . He chose to be former , ” the stooge ” . pic.twitter.com/KwzqKWBpcX
— Muneeb Khan (@ShaMuneebKhan) January 31, 2021
एक अन्य यूजर हामिद हक्कानी ने लिखा, “आपके पिछले ट्वीट को देखकर मैंने सोचा था कि अब आप उनके कैडर में शामिल होने के लिए पात्रता और बेशर्मी के अपने मानदंडों को पार कर लिया है। लेकिन, अब मुझे गिरावट के निचले स्तर के बारे में पता चल गया है।”
On your last tweet, I thought that you might’ve now surpassed their criteria of meanness and shamelessness for becoming eligible to join their cadre. But, now I have idea about that level of degradation.
— hamid haqani (@racegem) January 31, 2021
साथ ही एक और यूजर ने लिखा, “इतना तो कश्मीर का टेम्परेचर नहीं गिरा, जितना आप गिर गए हो। वहीं एक ने पूछा,” और कितना चाटोगे।”
Itna tou ajj kashmir ka temperature b nahi gira hai jitna app gir gye ho.
— Mehtab Alam (@alamm_mehtab) January 31, 2021
Aur kitnaaa chaatoge 😆
— Saqib (@Saaqibhtt) January 31, 2021
जब की थी टीकाकरण कार्यक्रम की प्रशंसा
पिछले बार जम्मू-कश्मीर के पूर्व IAS अधिकारी शाह फैसल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुरीद होते हुए दिखे थे और उन्होंने भारत को ‘जगत गुरु’ की संज्ञा दी थी। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कुछ स्वास्थ्य कर्मचारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की थी। इसी वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए शाह फैसल ने लिखा था कि ये सिर्फ एक टीकाकरण अभियान ही नहीं है, बल्कि उससे कहीं ज्यादा है।
शाह फैसल ने आगे लिखा, “ये सुशासन, मानव संसाधन का संगठन, राष्ट्र निर्माण और भारत के जगत गुरु के रूप में वैश्विक नेता के रूप में सामने आने- इन सबका गठजोड़ है।” वहीं इस बयान पर भी कुछ मुस्लिमों ने उन्हें जमकर खरी-खोटी सुनाई थी।
शाह फैसल और उसकी नफरत भरी राजनीति
उल्लेखनीय है कि शाह फैसल पर लंबे समय से लोगों में नफरत भरने और उन्हें बरगलाने का आरोप लगाया जाता रहा है। इससे पहले, पूर्व आईएएस अधिकारी-राजनीतिज्ञ शाह फैसल ने हिंसा भड़काने का प्रयास किया था और 370 के निरस्त होने पर धमकी दी थी।
अनुच्छेद 370 का विरोध करते हुए शाह फैसल ने कहा था, “कैसी ईद। दुनिया भर के कश्मीरी अपनी जमीन पर अवैध कब्जे का शोक मना रहे हैं। तब तक कोई ईद नहीं मनेगी, जब तक 1947 से हमसे छीनी गई हर चीज वापस नहीं ले ली जाती। जब तक हर अपमान का बदला पूरा नहीं होता, ईद नहीं मनेगी।” उन्होंने कहा था कि वो तब तक ईद नहीं मनाएँगे जब तक जम्मू-कश्मीर को दो केन्द्रशासित प्रदेशों में बॉंटने के फैसले से हुई ‘पीड़ा’ का बदला नहीं ले लेते।
इससे पहले यह बताया गया था कि शाह फैसल को अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया है कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। 2010 में सिविल सर्विसेज में टॉप करने के बाद उन्हें जम्मू-कश्मीर में IAS कैडर का हिस्सा बनाया गया था। 2018 में, वह आगे की पढ़ाई करने के लिए कथित तौर पर USA के लिए रवाना हो गए थे और अपनी वापसी के बाद उन्होंने JKPM की स्थापना की थी। पिछले साल अगस्त में शाह फैसल ने संगठन के अध्यक्ष के रूप में पार्टी से नाता तोड़ लिया था।