आपराधिक और मजहबी प्रवृत्तियों को बढ़ावा देने का मंच बनने के कारण चर्चा का विषय बनी वीडियो शेयरिंग ऐप TikTok का काफी विरोध हो रहा है। इसके चलते गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) पर TikTok ऐप की रेटिंग 4.6 से गिरकर 1.3 हो गई। NCW ने इस पर बैन की माँग की है।
कुछ दिनों पहले ही टिकटॉक के तथाकथित ‘सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर’ और यूट्यूब कंटेंट क्रिएटर्स के बीच एक प्रकार का युद्ध छिड़ गया था। इसके बाद TikTok पर कई ऐसे वीडियो भी देखे गए जिनमें महिलाओं और जानवरों पर एसिड हमले जैसे वीभत्स अपराधों को महिमामंडित किया गया था। इसे देखते हुए सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कहा कि यह मनोरंजन का प्लेटफॉर्म होने के बजाए आपराधिक प्रवृत्तियों को बढ़ावा देने का जरिया बनकर उभर रहा है।
वाहियात, असंवेदनशील और घृणास्पद सामग्री के कारण, TikTok ऐप के प्रतिबंध की माँग बढ़ रही है। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने हाल ही में उस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Tiktok को संदेश भी दिया है, जिसमें टिकटॉक यूजर्स महिलाओं पर एसिड अटैक की प्रवृत्ति को बढ़ावा देते नजर आ रहे हैं।
I am of the strong openion that this @TikTok_IN should be banned totally and will be writting to GOI. It not only has these objectionable videos but also pushing youngsters towards unproductive life where they are living only for few followers and even dying when no. Decline. https://t.co/MyeuRbjZAy
— Rekha Sharma (@sharmarekha) May 19, 2020
हालाँकि, कड़े विरोध के बाद यह वीडियो इसे अपलोड करने वाले यूजर द्वारा हटा दिया गया और बाद में उसके एकाउंट को TikTok द्वारा निलंबित कर दिया गया था।
रेखा शर्मा ने आरोप लगाया कि इस मंच पर महिलाओं के खिलाफ हिंसा से संबंधित कई वीडियो साझा किए गए हैं। ट्विटर पर इस बारे में उन्होंने कहा कि उनका मत है कि इस प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में भारत सरकार को लिखेंगी।
उन्होंने कहा, “इसमें न केवल इस तरह के आपत्तिजनक वीडियो हैं, बल्कि यह युवाओं को एक लक्ष्यहीन जिन्दगी की ओर भी ले जा रहा है, जिसमें वो सिर्फ अपने फॉलोवर्स के लिए जी रहे हैं और जब ये कम होते हैं तो मर भी रहे हैं।”
TikTok के प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया, “टिकटॉक पर लोगों को सुरक्षित रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम अपनी सेवा की शर्तों और सामुदायिक दिशा-निर्देशों में यह स्पष्ट करते हैं कि हमारे मंच पर क्या-क्या स्वीकार्य नहीं है। नीति के अनुसार, हम ऐसी सामग्री की अनुमति नहीं देते हैं, जो दूसरों की सुरक्षा को खतरे में डालती हैं, शारीरिक नुकसान को बढ़ावा देती हैं या महिलाओं के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देती हैं।”
TikTok, जो कि एक चीनी फर्म ‘बाइटडांस’ के स्वामित्व में है के पास दो मिलियन से अधिक डाउनलोड थे और विरोध से पहले गूगल प्ले स्टोर पर इसकी 4.6 रेटिंग थी। लेकिन अब इसे इस्तेमाल करने वाले लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर इसकी रेटिंग गिराई गई और अब इसकी रेटिंग 1.3 हो चुकी है। ज्ञात हो कि इसे पहले ‘सर्वश्रेष्ठ सोशल मीडिया ऐप’ के रूप में भी मान्यता प्राप्त थी। वर्तमान में भारत में इसके 600 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता हैं।
प्रोपेगेंडा के लिए TikTok
उल्लेखनीय है कि टिकटॉक का इस्तेमाल सिर्फ मनोरंजन ही नहीं बल्कि मजहबी और भारत-विरोधी गतिविधियों के लिए भी किया जाता रहा है। कोरोना वायरस की महामारी के दौरान भी देखा गया कि मुस्लिम युवक इस ऐप के जरिए यह संदेश देने का प्रयास कर रहे हैं कि कोरोना वायरस अल्लाह का काफिरों पर अजाब है। ऐसे ही कई मामलों के सामने आने के बाद ही इस ऐप में होने वाली गतिविधियों की ओर लोगों का ध्यान गया।