भारतीय मीडिया का एक वर्ग ऐसा भी है जिसे तैमूर के डायपर बदलने से लेकर शौच करने के तरीकों में दिलचस्पी है। कुछ लोग प्रोग्रेसिव होने का चोला पहनकर ऐसा करते हैं तो कुछ केवल प्रासंगिक बने रहने के लिए। लेकिन यदि बात मीडिया गिरोह के बीबीसी जैसे सदस्य की हो तो ऐसा दोनों कारणों से किया जाता है।
कश्मीरी आतंकी मोहम्मद मकबूल भट्ट का महिमामंडन करते हुए इसकी फाँसी पर मार्मिक साहित्य लिखना हो या फिर सेक्स जैसे मुद्दे हों, बीबीसी अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटता। आज भी बीबीसी एक रिपोर्ट के जरिए बेहद क्रांतिकारी मुद्दा सामने ले कर आया है। मुद्दा है- “पुरुषों को बैठकर पेशाब करना चाहिए या खड़े होकर?”
इसके बदले में बीबीसी को जो प्रतिक्रियाएँ मिलीं, वो इस शीर्षक से भी ज्यादा ‘क्रांतिकारी’ हैं।
पुरुषों को बैठकर पेशाब करना चाहिए या खड़े होकर? https://t.co/ND2T2ECSti
— BBC News Hindi (@BBCHindi) February 15, 2020
बीबीसी के इस सवाल की प्रतिक्रिया में ट्विटर यूज़र ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए एक से बढ़कर एक क्रिएटिव जवाब देकर बीबीसी की मदद की। @Garima1907 ने इस खबर पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह किसी पुरुषवादी महिला द्वारा लिखी गई खबर है।
ये खबर पुरूषवादी महिला ने लिखी है
— पग्गल ? (@Garima1907) February 15, 2020
जिस घटिया लेवल की BBC की पत्रकारिता है,
— Arvind Kumar??#I Support CAA (@ArvindMishraIND) February 15, 2020
उस हिसाब से तो BBC वालों के ऊपर करना चाहिए!!
@sajidrazvi8 ने बीबीसी को जवाब में लिखा- “इस्लाम ने 1400 साल पहले ही बता दिया है बैठ कर पेशाब करना चाहिए, मुझे किसी से सीखने की ज़रूरत नही।”
इस्लाम ने 1400 साल पहले ही बता दिया है बैठ कर पेशाब करने चाहिए, मुझे किसी से सीखने की ज़रूरत नही
— Sajid Ali Syed ساجد علی سید (@sajidrazvi8) February 15, 2020
इस पर @I_ThakurKhem ने जवाब में लिखा – “दुनिया 1400 साल से पुरानी हैं और हमारे पुरखे हजारों सालों से बैठ कर करते आ रहे हैं।”
दुनियां 1400 साल से पुरानी हैं और हमारे पुरखे हजारों सालों से बैठ कर करते आ रहे हैं।
— ठाकुर खेम کھیم ਖੇਮ Khem (@I_ThakurKhem) February 15, 2020
अच्छा है भौश्रीवालो ये नही पूछा की पुरुषो को पेशाब करनी चाहिए या नही?
— Priya R.?? (@priya_R143) February 15, 2020
पुरुषों को बैठकर ही पेशाब करना चाहिए
— Zulfikar Ahmad (@zulfi123A) February 15, 2020
क्योंकि बैठने से, पैशाब की पूरी थैली खाली
हो जाती है,, ये इस्लामी तरीका भी है,,, औऱ
साईंटिफिक भी है
????
— Ricky??? (Straight) (@Marwari__gujju) February 15, 2020
Ye BBC ke exclusive reporting h.
Einstein iska jawab dhundhte dhundhte hi nikal gaya tha..
लेट कर। आपका हथियार और चेहरा ऊर्ध्वाधर आसमान की तरफ़ होना चाहिए।
— Mikku ? (@effucktivehumor) February 15, 2020
देश के ‘लिबरल प्रोग्रेसिव विचारक वर्ग’ के बीच महिला-पुरुषों के ऐसे मुद्दे अक्सर चर्चा का विषय बनते देखे जाते हैं। यहाँ तक कि ट्विटर पर महिलाओं के भी खड़े होकर पेशाब करने के अधिकारों पर भी #peestandingup जैसे हैशटैग चलाए जा चुके हैं।
यह पहली बार नहीं है, या फिर इस प्रकार की रिपोर्टिंग करने वालों में बीबीसी ही अकेला नहीं है। बीबीसी की ही तर्ज पर दी लल्लनटॉप एक साल पहले इस तरह की रिपोर्ट शेयर कर चुका है। वैसे लल्लनटॉप एक बार हिटलर का लिंग भी नाप चुका है।