"वह अपनी माँ को पानी देने के लिए कह रही थी। मैंने उसे चुपचाप सोने के लिए कहा। उसने मुझसे पूछा 'तुम कौन हो?' और 'चोर, चोर, मम्मा, हमारे घर में एक चोर है' चिल्लाना शुरू कर दिया। मैंने उसे ईंट से मारा जो मैंने बिस्तर पर रखी थी। फिर मैंने उसके साथ भी वैसा ही (बलात्कार) किया।"
बच्ची ने अब्दुल हामिद बहादुर अंसारी के कुकृत्यों के बारे में बताया, तो माता-पिता ने पुलिस में केस दर्ज कराया। आरोपित के ख़िलाफ़ पोस्को एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। उसे बुधवार को अदालत में पेश किया गया।
उत्तरी तेलंगाना में हुए इस घटना के बाद स्थानीय आदिवासी और दलित सड़क पर हैं। परिजनों का कहना है कि अभी तक किसी नेता ने उनकी सुध नहीं ली है। पुलिस ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।
भारी संख्या में मामले दर्ज होने के बावजूद किसी को दोषी इसलिए नहीं करार दिया जा पाता है क्योंकि माँस के बीफ़ होने का पता उसके सड़ने के पहले ही लगाया जा सकता है।
पूरे थाने को ही पता नहीं था कि जिस व्यक्ति की इसी थाने में हत्या के प्रयास में तलाश है, वह सामने ही खड़ा है। जब मीडिया ने पूछा था तो इसी पुलिस ने कहा था कि वह हमलावरों की तलाश में हैं।
ड्राइवर देवेंद्र भावसार दुर्घटना के बाद से ही फ़रार बताया जा रहा है। वहीं आज तक की रिपोर्ट में यह भी दावा किया हग्या है कि गाड़ी को पुलिस ने बरामद कर लिया है।
महिला, उसके पति व शिशु को मार डालने के बाद नसीरुद्दीन ने उनकी 10 वर्षीय बेटी के साथ भी रेप किया। फिर उसने तीनों मृतकों की लाशों के साथ भी रेप किया, उसका वीडियो भी बनाया। इसके बाद उसने उनके 4 साल के बेटे पर भी हमला कर दिया। नसीरुद्दीन कई राज्यों में ऐसे भयावह अपराध को अंजाम दे चुका है। वह ड्रग्स और कंडोम लेकर चलता है।
"हमारे सिस्टम में अक्सर परीक्षाएँ नहीं होती हैं क्योंकि दुर्लभ मामलों में मौत की सजा दी जाती है। इसलिए, पूर्णकालिक जल्लाद व्यवहार्य नहीं है। इसके अलावा इस नौकरी के लिए पूर्णकालिक कर्मचारी ढूँढना मुश्किल काम है।”
अगर आँकड़ों की बात करें तो प्रति 1000 की जनसंख्या पर उन देशों में बलात्कार की औसत घटनाएँ भारत से ज्यादा ही होती हैं। यहाँ हम इस पर विचार कर रहे हैं कि क्या वेश्यावृत्ति और पोर्नोग्राफी को लीगल करने से रेप में कमी आएगी? इसका जवाब है- नहीं। इसके पीछे कई कारण हैं, जिन्हें आपको समझना होगा।