"मैं असदुद्दीन ओवैसी और उनके छोटे भाई 'दशद्रोही' अकबरुद्दीन ओवैसी को कहना चाहूँगा कि तुम लोगों को भी RSS की शाखा में सम्मिलित होने की ज़रूरत है। तुम शाखा में सम्मिलित होकर ही समझ पाओगे कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ किस तरह देश के लिए काम करता है।"
इससे पहले विवादित बयान देते हुए उन्होंने कहा था, “मुझे यकीन है कि एक दिन मुझे कोई गोली भी मार देगा। मुझे यकीन है कि गोडसे की जो औलाद है वो मुझे ऐसा कर सकते हैं। हमारे मुल्क में अभी भी गोडसे की औलाद हैं।”
ओवैसी ने कहा कि वर्तमान बीजेपी सरकार भारत के मुस्लिमों को सेकंड क्लास सीटिजन्स बनाना चाहती है और मुस्लिम समुदाय यह बात समझ नहीं रहा है। मुस्लिम समुदाय को चेताते हुए उन्होंने कहा कि वो अपना नेतृत्व बनाएँ, अपने आपको बदलें, क्योंकि ऐसा करने के लिए कोई आसमान से नीचे नहीं उतरेगा जो आपको जन्नत ले जाएगा।
ओवैसी ब्रीड के तमाम नेता हमेशा भीम-मीम से लेकर तमाम अदरक-लहसुन करते रहते हैं। और सबके केन्द्र में यही बात होती है कि देखो हिन्दू तुमको काटने की तैयारी में है, तुम्हारे बकरीद का बकरा छीन लेगा, तुम्हें अब बच्चे पैदा नहीं करने देगा, तुम्हारे बच्चों को नपुंसक बना देगा।
"ये सरकार नगा अलगाववादियों से बात कर रही है, जिन्होंने सरेंडर नहीं किया है। जब एक बड़े नगा नेता का निधन हुआ, तो तिरंगे के साथ वहाँ उनका अपना झंडा था, सरकार के लोग वहाँ गए, क्या तब उन्हें 2 झंडे याद नहीं आई?"
ओवैसी ने रजनीकांत के उस बयान पर भी तंज कसा जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर पर क्रन्तिकारी निर्णय लेने के लिए मोदी-शाह की तुलना कृष्ण और अर्जुन की जोड़ी से की थी। ओवैसी ने पूछा कि अगर मोदी-शाह को कृष्ण-अर्जुन कहा जा रहा है तो पांडव और कौरव कौन हैं?
विधायक ने वीडियो को नकारा तो नहीं लेकिन बताया कि ये बहुत पुराना मामला है और उन्हें ख़ुद याद नहीं है कि ऐसा कब हुआ था? विधायक ने अपने विरोधियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने किसी तरह वीडियो को हासिल कर लिया है ताकि उन्हें बदनाम किया जा सके।
अकबरुद्दीन ओवैसी ने एक जनसभा में 2013 में दिए गए 15 मिनट वाले बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उसने कहा था, “हम 25 करोड़ हैं और तुम (हिंदू) 100 करोड़ हो, 15 मिनट के लिए पुलिस हटा दो, देख लेंगे किसमें कितना दम है।”